भूख न लगने का देशी इलाज
हमारे शरीर की अग्नि खाये गये भोजन को पचाने का काम करती है,यदि यह अग्नि किसी कारण से मंद पड़ जाये तो भोजन ठीक तरह से नही पचता है, भोजन के ठीक से नही पचने के कारण शरीर में कितने ही रोग पैदा हो जाते है, अनियमित खान-पान से वायु, पित और कफ़ दूषित हो जाते है,जिसकी वजह से भूख लगनी बंद हो जाती है और अजीर्ण अपच वायु विकार तथा पित आदि की शिकायतें आने लगती है, भूख लगनी बंद हो जाती है, शरीर टूटने लगता है व मुह में साबुन सा घुलने लगता है, स्वाद बिगड जाता है, पेट में भारीपन महसूस होने लगता है, पेट खराब होने से दिमाग खराब रहना चालू हो जाता है अथवा समझ लीजिये कि शरीर का पूरा का पूरा तंत्र ही खराब हो जाता है,
इसके लिये मंन्दाग्नि से हमेशा बचना चाहिये और तकलीफ़ होने पर इन दवाओं का प्रयोग करना चाहिये।
भूख नही लगने पर आधा माशा फ़ूला हुआ सुहागा एक कप गुनगुने पानी में दो तीन बार लेने से भूख खुल जाती है।
काला नमक चाटने से गैस खारिज होती है और भूख बढती है,यह नमक पेट को भी साफ़ करता है।
हरड का चूर्ण सौंठ और गुड के साथ अथवा सेंधा नमक के साथ सेवन करने से मंदाग्नि ठीक होती है।
सेंधा नमक, हींग अजवायन और त्रिफ़ला का समभाग लेकर कूट पीस कर चूर्ण बना लें, इस चूर्ण के बराबर पुराना गुड लेकर सारे चूर्ण के अन्दर मिला दें,और छोटी छोटी गोलियां बना लें, रोजाना ताजे पानी से एक या दो गोली लेना चालू कर दे, यह गोलियां खाना खाने के बाद ली जाती है, इससे खाना पचेगा भी और भूख भी बढेगी।
हरड को नीम की निबोलियों के साथ लेने से भूख बढती है और शरीर के चर्म रोगों का भी नाश होता है।
हरड गुड और सौंठ का चूर्ण बनाकर उसे थोडा थोडा मट्ठे के साथ रोजाना लेने से भूख खुल जाती है।
छाछ के रोजाना लेने से मंदाग्नि खत्म हो जाती है।
सोंठ का चूर्ण घी में मिलाकर चाटने से और गरम जल खूब पीने से भूख खूब लगती है।
रोज भोजन करने से पहले छिली हुई अदरक को सेंधा नमक लगाकर खाने से भूख बढती है।
गेंहूं के चोकर में सेंधा नमक और अजवायन मिला कर रोटी बनवायी जाये। इससे भूख बहुत बढती है।
चने के प्रयोग से पाचन शक्ति बढती है इसके लिये उबले चने चने की रोटी भुने चने खाने चाहिये।
मोठ की दाल मंदाग्नि और बुखार की नाशक है।
डेढ ग्राम सांभर नमक रोज सुबह फ़ांककर पानी पी लें। मंदाग्नि का नामोनिशान मिट जायेगा।
टमाटर का सास चाटते रहने से या पके टमाटर की फ़ांके चूंसते रहने से भूख खुल जाती है।
दो छुहारों का गूदा निकाल कर तीन सौ ग्राम दूध में पका लें। छुहारों का सत निकलने पर दूध को पी लें। इससे खाना भी पचता है और भूख भी लगती है।
जीरा सोंठ अजवायन छोटी पीपल और काली मिर्च समभाग में लें। उसमे थोडी सी हींग मिला लें। फ़िर इन सबको खूब बारीक पीस कर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण का एक चम्मच भाग छाछ मे मिलाकर रोजाना पीना चालू करें। कब्जियत में फ़ायदा देगा।
भोजन के आधा घंटा पूर्व चुकन्दर गाजर टमाटर पत्ता गोभी पालक तथा अन्य हरी साग सब्जियां व फ़लीदार सब्जियों के मिश्रण का रस पीने से भूख बढती है।
सेब का सेवन करने से भूख भी बढती है और खून भी साफ़ होता है।
अजवायन चालीस ग्राम, सेंधा नमक दस ग्राम, दोनो को कूट पीस कर एक साफ़ बोतल में रखलें। इसमे दो ग्राम चूर्ण रोजाना सवेरे फ़ांक कर ऊपर से पानी पी लें। इससे भूख भी बढेगी और वात वाली बीमारियां भी समाप्त होंगी।
एक पाव सौंफ़ पानी में भिगो दें, फ़िर इस पानी में चौगुनी मिश्री मिलाकर पका लें। इस शरबत को चाटने से भूख बढती है।
पकी हुई मीठी इमली के पत्ते सेंधा नमक या काला नमक काली मिर्च और हींग का काढा बनाकर पीने से मंदाग्नि ठीक हो जाती है।
जायफ़ल का एक ग्राम चूर्ण शहद के साथ चाटने से जठराग्नि प्रबल होकर मंदाग्नि दूर होती है।
सोंफ़, सोंठ और मिश्री सभी को समान भाग लेकर ताजे पानी से रोजाना लेना चाहिये । इससे पाचन शक्ति प्रबल होती है।
लीची को भोजन से पहले लेने से पाचन शक्ति और भूख में बढोत्तरी होती है।
अनार भी क्षुधा वर्धक होता है,इसका सेवन करने से भूख बढती है।
नीबू का रस रोजाना पानी में मिलाकर पीने से भूख बढती है।
आधा गिलास अनन्नास का रस भोजन से पहले पीने से भूख बढती है।
तरबूज के बीज की गिरी खाने से भूख बढती है।
बेल का फ़ल या जूस भी भूख बढाने वाला होता है।
इमली की पत्ती की चटनी बनाकर खाने से भूख भी बढती है,और खाना भी हजम होता है।
सिरका सोंठ काला नमक भुना सुहागा और फ़ूला हींग समभाग मे लेकर मिला लें,रोजाना खाने के बाद भूख बढती है।
सूखा पौदीना बडी इलायची सोंठ सौंफ़ गुलाब के फ़ूल धनिया सफ़ेद जीरा अनारदाना आलूबुखारा और हरड समान मात्रा में लेकर चूर्ण बना
लें,मंदाग्नि अवश्य दूर हो जायेगी।
एक ग्राम लाल मिर्च को अदरक और नीबू के रस में खरल कर लें,फ़िर इसकी काली मिर्च के बराबर की गोलिया बना लें, यह गोली चूसने से भूख बढती है।
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