Friday 28 August 2015

लो ब्लड प्रेशर













लो ब्लड प्रेशर

लो ब्लड प्रेशर ऑक्सीजन और पोषक तत्वों को मस्तिष्क तक पहुंचने से रोकता है। इसलिए इसे हल्के में न लें। आजकल के दौर मे किसी भी उम्र में ये रोग हो सकता है। परंतु 65 साल से अधिक उम्र के 15-20 प्रतिशत लोग इससे ग्रस्त रहते हैं, 

ब्लड प्रेशर (90-60) को डॉक्टरी भाषा में हाइपो टेंशन कहते हैं। दुनिया की बहुत बड़ी आबादी को इसने प्रभावित किया हुआ है, लेकिन अक्सर लोगों को यह पता नहीं होता कि वह लो ब्लड प्रेशर से पीड़ित हैं। वैसे लो ब्लड प्रेशर अपने आपमें कोई बीमारी नहीं है, लेकिन यह शरीर में पल रही किसी गंभीर बीमारी जैसे हृदय रोग, तंत्रिका तंत्र की गड़बड़ी का संकेत हो सकता है।

लो ब्लड प्रेशर के लक्षण :-
छाती में दर्द, सांस फूलना, अनियमित धड़कन, तेज बुखार, गर्दन का अकड़ जाना, अगर ज्यादा लंबे समय तक लो ब्लड प्रेशर की समस्या हो तो उल्टी और डायरिया भी हो सकती है, बेहोशी, अत्यधिक थकान, कुछ समय के लिए धुंधला या कुछ दिखाई न देना।

शरीर के लिए अति आवश्यक विटामिन जैसे बी-12 और आयरन की कमी एनीमिया का कारण बन सकती है, जिससे ब्लड प्रेशर लो हो सकता है।

घरेलू उपचार :- 

गाजर का रस और पालक का रस मिलाकर पीने से लो ब्लड प्रेशर के रोगियों के लिए लाभदायक साबित होता है।

टमाटर का रस निकालकर इसमें नमक और काली मिर्च मिलाकर लो ब्लड प्रेशर से तुरंत राहत मिलती है ।

जो लोग लो ब्लड प्रेशर से पीड़ित हैं उन्हें नमक ज्यादा खाना चाहिए।

वैसे तो नींबू पानी हाई ब्लड प्रेशर में काफी कारगर साबित होता है परन्तु यह लो ब्लड प्रेशर में भी लाभप्रद साबित होता है । खासतौर पर जब डिहाइड्रेशन की समस्या हो गई हो तो नींबू पानी में थोड़ा नमक और चीनी मिला कर पीने से शरीर को एनर्जी मिलेगी और साथ ही लीवर भी ठीक काम करता है ।

अगर आपको लगातार चक्कर आ रहे हों तो पानी ज्यादा पिएं।
एक कप शकरकंद का जूस दिन में दो बार पिएं। यह लो ब्लड प्रेशर का 
सबसे अच्छा घरेलू उपचार है।

मिट्टी के बर्तन में 32 किशमिश भिगोएं। बर्तन को पानी से पूरा भर दें। सुबह खाली पेट उन्हें एक-एक कर चबाएं, उसके बाद पानी पी लें।
तुलसी की 10-15 पत्तियों का रस निकाल लें और उसे एक चम्मच शहद के साथ खाली पेट खा लें।

सात बादाम को रातभर भिगोएं। उसका छिलका उतारकर पीस लें और दूध में थोड़ी देर उबाल लें। इसे गुनगुने रूप में पी लें।

जब लेटे हों तो सीधे उठकर खड़े न हों। पहले बैठें, कुछ सेकेंड रुकें, फिर उठकर खड़े हों। 

कम से कम आठ गिलास पानी और तरल पदार्थ रोज पिएं।
खाने में नमक की मात्रा बढ़ा दें।

डॉक्टर की सलाह से खाने के साथ एक कप चाय या कॉफी पिएं।

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