देशी फल कमरख
- इसे दन्तसठ ,कमरक , पर्णमाचाल , पीतफल , शिराल shiral करंबल आदि नामों से भी जाना जाता है.
- कमरख के पेड़ बड़े और छायादार होते है.
- ये हमेशा हरेभरे और फलों से लदे होते है.
- कमरख का उपयोग अचार , चटनी , मुरब्बा, सलाद आदि में होता है.
- स्वाद में इसके फल काफी खट्टे होते है और ज्यादा पक जाने पर इनमें थोडी मिठास भी आ जाती है।
-आदिवासियों के अनुसार इसका पका हुआ फल शक्तिवर्धक और ताजगी देने वाला होता है।
- गर्मियों में इस फल के सेवन से लू की मार नहीं पडती तथा यह ज्यादा गर्मी की वजह से होने वाले बुखार में भी लाभकारी होता है। अक्सर ग्रामीण जन इसके पके फलों का रस (पन्हा) तैयार कर दोपहर में पीते है, माना जाता है कि शरीर की आंतरिक तासीर को यह ठंडा बनाए रखता है और प्यास को बुझाता भी है।
- भोजन के दौरान कमरख के अध पके फलों की चटनी या अचार को भी खाया जाए तो गर्मियों में काफी फायदा करता है।
- बवासीर के रोगियों को पके हुए कमरख के फलों का सेवन करना चाहिए।
- फलों का रस हैंगओवर से निजात पाने में मदद करता है।
- जिन माताओं को प्रसूति पश्चात दुध स्रावण की समस्याएं रहती है, उन्हें भी पके फलों का रस देना चाहिए।
- ये काटने पर तारे के आकार में सुंदर दिखते है.
- ये काली मिर्च , जीरा और चीनी के साथ खाने पर अच्छे लगते है.
- इनकी प्रकृति गर्म होती है. - कच्चा फल वात नाशक और पित्त वर्धक होता है.
- पका फल शक्तिवर्धक , पुष्टिकारक और रुचिकारक होता है.
- इसके फलों का शरबत बना कर पिने से बुखार जल्दी उतरता है.
- सुबह शाम इसका शरबत पिने से रक्तपित्त में लाभ होता है.
- कपड़ों पर जंग के दाग लगने पर कमरख के पके या कच्चे फल से ४-५ बार जरा जोरो से रगड़ दें.४-५ मिनट बाद पानी से उस स्थान को धो डालें, दाग गायब हो जायेंगे.
- प्रात:काल ताजे पके कमरख का रस २-३ तोला लेकर उसमें थोड़ी चीनी मिलाकर एवं थोड़ा पानी मिलाकर शर्बत पी लिया करें. ४-५ दिनों में ही आप अनुभव करेंगे कि भूख तेजी से लगने लगी है, भोजन में रूचि बढ़ जाती है.
- यह जिगर और दिल को ताकत देता है.
- बालों से रूसी का सफाया करने के लिए बादाम तेल और कमरख के रस का मिश्रण बनाकर बालों में लगाएं.
- इसकी पत्तियों और डंडियों को दाद और खुजली पर पीसकर कर लगाया जाता है.
- यह ज़हर के असर को कम करते है.
- इसके फूल पेट के कीड़ों को नष्ट करते है.
- इसके फल रेचक होते है और डीसेंट्री को ठीक करते है.
- इसके फल रक्त प्रदर को शांत करते है.
- इसके बीज ज़्यादा मात्रा में लेने पर गर्भपात कर सकते है.
- इसके फलों में भरपूर लौह होता है .
- सूरीनामी देशों में इसे फटी एडियों के इलाज में काम में लाया जाता है.
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