लिम्फैटिक सिस्टम (lymphatic system) छोटे-छोटे गोल ग्लैण्ड्स (या नोड्स),लिम्फ नोड्स
लिम्फ नोड्स शरीर के इम्यून रिस्पॉन्स के लिये महत्वपूर्ण होते हैं और संक्रमण तथा अन्य कारणों के प्रतिक्रिया स्वरूप फूल जाते हैं जो खुद लिम्फैटिक टिशूज से बनते है, से मिलकर बना होता है। यदि आपको अपने लिम्फ नोड्स फूले हुए लगते हैं तो आपको डाक्टर से सम्पर्क करना चाहिये। यदि आप अपने लिम्फ नोड्स की जाँच स्वयं कर सकते हैं तो किसी भी समस्या को शुरुआत में ही जानने में आपको सहायता मिलेगी।
विधि 1:अपने लिम्फ नोड्स की जाँच करें
1 लिम्फ नोड्स कहाँ स्थित होते हैं, यह जानें: सबसे अधिक लिम्फ नोड्स आपके गर्दन पर, कॉलर बोन के आस-पास, काँख (armpits) में तथा ग्रोइन (groin) पर स्थित होते हैं।आपके लिम्फ नोड्स समूहों में होते हैं और उनका आकार बीन या मटर के दाने के बराबर होता है।
ग्रोइन पर स्थित लिम्फ नोड्स को इन्गुइनल (inguinal) लिम्फ नोड्स कहते हैं।
2 अपनी पहली 3 उंगलियों को जोड़ लें: अपनी उंगलियों के पैड से शरीर के उन विभिन्न सतहों को हलके से दबायें जहां लिम्फ नोड्स स्थित होते हैं।
3.अपनी उंगलियों से अपनी कलाई के अगले हिस्से (forearm) को दबायें: इससे आपको पता चलेगा कि एक सामान्य और न फूली हुई जगह को छूने पर कैसा महसूस होता है।
4.अपनी उंगलियों को काँख पर रखें और कुछ इंच नीचे तक सरकायें: इस क्षेत्र में आपके लिम्फ नोड्स, काँख के निचले हिस्से में, रिब-केज के निकट, स्थित होते हैं।
5 हलके से दबायें: क्या आपको, फोर-आर्म के स्पर्श की तुलना में, कोइ भी चीज भिन्न मह्सूस हो रही है? आपको रिब-केज और त्वचा के नीचे स्थित मांस-पेशियाँ तथा फैट को महसूस करना चाहिये। यदि आप किसी मुलायमियत लिये हुए लम्प को मह्सूस करते हैं तो हो सकता है कि वह फूला हुआ लिम्फ नोड हो।
अपने दूसरे हाथ का प्रयोग करके दूसरे काँख की जाँच भी इसी तरह करें।
फूले हुए लिम्फ नोड्स अकसर मटर या किडनी की आकृति वाले बीन के आकार के होते हैं।
6.अपने गर्दन और कॉलर-बोन पर लिम्फ नोड्स की जाँच करें: अपने दोनों हाथों की 3 उंगलियों को दोनों कानों के पीछे गोलाई में, गर्दन के दोनों तरफ और अपनी जॉ-लाइन के नीचे फिरायें। यदि आप किसी मुलायमियत लिये हुए लम्प को मह्सूस करते हैं तो हो सकता है कि वह फूला हुआ लिम्फ नोड हो। आपको अपने गले में कुछ भरा-भरा सा लग सकता है और घोंटने में कठिनाई भी महसूस हो सकती है।
7.अपनी उंगलियों को जँघे और पेल्विस के जोड़ में फिरायें: वहाँ फिराने पर आपको त्वचा के नीचे मांस-पेशी, हड्डी और फैट की अनुभूति होनी चाहिये। परंतु यदि आपको लम्प की अनुभूति हो तो वह एक फूला हुआ लिम्फ नोड हो सकता है।
डाक्टर से कब मिलना है ?
फूले हुए लिम्फ नोड्स की निगरानी करें: कभी-कभी किसी एलर्जी के कारण भी लिम्फ नोड्स फूल जाते हैं परंतु ऐसा होने पर वे कुछ दिनों में अपने आप सामान्य आकार में लौट आते हैं। हाँ, यदि लिम्फ नोड्स कई दिनों के बाद भी फूले रहें तो डाक्टर से मिलकर इसके कारण का पता करना महत्वपूर्ण होता है।
अन्य उपस्थित लक्षणों की जाँच करें: फूल हुए लिम्फ नोड्स इस बात का भी संकेत हो सकते हैं कि आपके शरीर का इम्यून सिस्टेम किसी गम्भीर बीमारी से लड़ रहा है। यदि फूले हुए लिम्फ नोड्स के साथ-साथ आप इनमें से किसी एक लक्षण को अपने अंदर देख रहे हैं तो तुरंत डाक्टर से मिलिये:
अनजाने कारणों से वज़न का घटना
रात में पसीना आना
लगातार बुखार रहना
घोंटने या सांस लेने में कठिनाई महसूस करना
डायाग्नोसिस करवायें: जब भी आप डाक्टर के पास जायेंगे तो वह आपकी जाँच, सबसे आम बीमारियों की वजह से लिम्फ नोड्स के फूलने के लिये, करवायेगा और उसके बाद आपके लिये एक उचित ट्रीट्मेण्ट प्लान बनायेगा। लिम्फ नोड्स के फूलने के सबसे आम कारण निम्नलिखित हैं:
संक्रमण, चाहे बैक्टीरियल हो या वाइरल।
इम्यून डिस-ऑर्डर्स जैसे कि ल्यूपस (lupus) या आर्थ्राइटिस (arthritis)
विभिन्न प्रकार के कैन्सर
सलाह
यदि आप बार-बार छुएंगे तो लिम्फ नोड्स में इरिटेशन हो सकता है, इसलिये ऐसा न करें अन्यथा आपके अपने कृत्य से लिम्फ नोड्स फूल जायेंगे।
फूले हुए लिम्फ नोड्स कोई असामान्य चीज नहीं होते हैं और अकसर कुछ दिनों में अपने आप नॉर्मल हो जाते हैं।
हमेशा तो नहीं, परंतु अकसर फूले हुए लिम्फ नोड्स किसी बीमारी के संकेत होते हैं। यदि आपकी तबियत ठीक न हो और आपके लिम्फ नोड्स फूले हुए हों परंतु आपके लक्षण आम कोल्ड या फ्लू से न मेल खाते हों तो डाक्टर से मिलिये।
चेतावनी
यदि आपके लिम्फ नोड्स एक सप्ताह से अधिक फूले रहें या आपको अन्य लक्षण जैसे कि बुखार या ठण्ड का एह्सास हो रहा हो तो अपने फिजीशियन से मिलें।
यदि आप ऐसा लम्प महसूस कर रहे हैं जो मुलायम न हो, विशेषकर आपके ब्रेस्ट या चेस्ट के आस-पास, तो अपने फिजीशियन से मिलें।
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