Thursday, 25 February 2016

अनार की उपयोगिता












अनार की उपयोगिता

अनार एक बहुत ही लाभदायक फल है लेकिन अनार के वृक्ष की सभी चीजे काम की है हिमोग्लोबिन से लेकर मांस के ढीलेपन तथा खांसी-दस्त-जलन-गर्भपात-खून की उल्टी-हैजा-आदि रोगों में इसका प्रयोग होता है 

हमारे जीवन में अनार का कितना महत्व और क्या है इसके उपयोग-

मांसपेशियों के ढीलेपन के लिए प्रयोग-
अनार के पत्तों को कुचलकर एक किलो रस निकाल लें अब इसमें आधा किलो मीठा तेल (तिल का तेल) मिलाकर धीमी आंच पर पकायें अब केवल तेल शेष बचने पर तेल को छानकर बोतलों में भर कर रख लें इसे दिन में दो या तीन बार मालिश करने से मांसपेशियों के ढीलेपन में लाभ होता है-
अनार के फल के एक किलो छिलके को चार किलो पानी में डालकर उबाल लें और जब पानी एक किलो शेष रह जाये तो उसमें 250 ग्राम सरसों का तेल डालकर तेल गर्म कर लें (गर्म-गर्म में तेल डालने से पहले ठंडा करके तेल डाले फिर गर्म करे)-
इस तेल की मालिश करने से कुछ ही दिनों में शरीर की मांसपेशियों का ढीलापन दूर हो जाता है और चेहरे की झुर्रियां मिटती हैं तथा त्वचा में निखार आ जाता है-

खांसी के लिए प्रयोग-
अनारदाना सूखा 100 ग्राम+सोंठ+कालीमिर्च+पीपल+दालचीनी+तेजपात+इलायची -50-50 ग्राम को चूर्ण कर उसमें बराबर मात्रा में चीनी मिला लें-इसे दिन में दो बार शहद के साथ 2-3 ग्राम की मात्रा में सेवन करने से खांसी, श्वास, हृदय तथा पीनस आदि रोग दूर होते हैं यह पाचन शक्तिवर्द्धक और रुचिककर भी होता है-

अनार का छिलका 40 ग्राम+पीपल और जवाखार 6-6 ग्राम तथा गुड़ 80 ग्राम की चाशनी बनाकर उसमें सभी का महीन चूर्ण मिलाकर लगभग आधा ग्राम की गोली बनाकर 2-2 गोली दिन में 3 बार गर्म पानी से सेवन करें-इसमें कालीमिर्च 10 ग्राम मिला लेने से और भी उत्तम लाभ होता है-

अनार के छिलकों को पीसकर 3-4 दिन तक एक-एक चम्मच बच्चों को सुबह-शाम देने से खांसी ठीक हो जाती है-

10-10 ग्राम अनार की छाल+काकड़ासिंगी+सोंठ+कालीमिर्च+पीपल और 50 ग्राम पुराना गुड़ लेते हैं अब इन सभी को एक साथ पीसकर और छानकर 1-1 ग्राम की छोटी-छोटी गोलियां बना लेते हैं इस गोली को मुंह में रखकर चूसने से खांसी के रोग मे लाभ मिलता है-

80 ग्राम अनार का छिलका 10 ग्राम सेंधा नमक को पानी डालकर गोलियां बना लें- इसकी एक-एक गोली दिन में 3 बार चूसने से खांसी ठीक हो जाती है-

गर्भपात होना-
अनार के ताजे 20 ग्राम पत्तों को 100 ग्राम पानी में पीस-छानकर पिलाते रहने से तथा पत्तों को पीसकर पेडू (नाभि) पर लेप करते रहने से गर्भस्राव या गर्भपात का खतरा नहीं रहता है-

यदि 5 वें या 6 मास में गर्भ अस्थिर हो तो ताजे अनार के पत्ते को पीसकर उसमें थोड़ा सा घिसा हुआ चंदन+दही और शहद मिलाकर पिलाने से लाभ होता है-

यदि गर्भवती का हृदय कमजोर हो तो उसे मीठे अनार के दाने खिलाएं इससे गर्भपात की आशंका नहीं रहती है-

अनार की 1-2 ताजी कली पानी में पीसकर पिलाने से गर्भधारण शक्ति बढ़ती है तथा प्रदर रोग दूर होता है-

गर्भाशय का बाहर आना-
गर्भाशय के बाहर निकल आने पर भी अनार गुणकारी है-छाया में सुखाये अनार के पत्तों का चूर्ण 6-6 ग्राम सुबह-शाम ताजे पानी के साथ सेवन कराने से स्त्रियों को लाभ होता है-

खूनी दस्त होना-
अनार की छाल और कड़वे इन्द्रजौ 20-20 ग्राम को यवकूट कर 640 ग्राम पानी मिलाकर उबाल लें चौथाई शेष रहने पर इसे उतार लें और दिन में 3 बार पिलायें-यदि पेट में ऐंठन हो तो 30 मिलीग्राम अफीम मिलाकर लेने से तुरन्त लाभ होगा-

कुड़ाछाल 80 ग्राम को कूटकर 640 ग्राम पानी में पकायें-चौथाई शेष रहने पर उतारकर छान लें-अब इसमें 160 ग्राम अनार का रस मिलाकर पुन: पकावें- पानी राब के समान गाढ़ा हो जाये तो उतारकर रख लें- 20 ग्राम तक्र (मट्ठे) के साथ सेवन करने से तेज खूनी दस्त (रक्तातिसार) में लाभ होता है-

सौंफ+अनारदाना और धनिये का चूर्ण मिश्री में मिलाकर 3-3 ग्राम दिन में 3 से 4 बार लेने से खूनी दस्त (रक्तातिसार) के रोगी का रोग दूर हो जाता है-

खून की उल्टी होना-
अनार के पत्तों के लगभग एक ग्राम का चौथा भाग रस को दिन में 2 बार पिलाने से, रक्तवमन, रक्तातिसार, रक्तप्रमेह, सोमरोग, बेहोशी और लू लगने में लाभ होता है-

हैजा के लिए प्रयोग-
अनार के 6 ग्राम हरे पत्तों को 20 ग्राम पानी के साथ पीस छानकर उसमें 20 ग्राम चीनी का शर्बत मिलाकर 1-1 घंटे बाद तब तक पिलायें जब तक हैजा पूर्णरूप से ठीक न हो जाए-

खट्टे अनार का रस 10-15 मिलीलीटर नियमित रूप से सेवन करना हैजे में गुणकारी है रोग शांत होने पर अनार, नींबू या मिश्री का शर्बत, फलों का रस, बर्फ डालकर दही की पतली लस्सी, साबूदाना, अनन्नास का जूस आदि देना चाहिए-

मोटापा बढाए -
आपको पता ही होगा किअनार रक्तवर्धक होता है इसके सेवन से त्वचा चिकनी बनती है तथा रक्त का संचार बढ़ता है ये शरीर को मोटा करती है तथा अनार मूर्च्छा में लाभदायक+हृदय बल-कारक और खांसी नष्ट करने वाली होती है-इसका शर्बत हृदय की जलन और बेचैनी, आमाशय की जलन, मूत्र की जलन, उल्टी, जी मिचलाना, खट्टी डकारें, हिचकी, घबराहट, प्यास आदि शिकायतों को दूर करता है 

अनार का रस निकालकर पीने से शरीर की शक्ति बढ़ती है और रक्त की वृद्धि होती है -अनार को खाने से खून साफ होता है, खून का संचार बढ़ता और शरीर मोटा हो जाता है कमजोर लोग अपना हिमोग्लोबिन बढाने के लिए नियमित एक अनार का सेवन शुरू करे और बीस दिन बाद चेक कराये आपका हिमोग्लोबिन बढ़ा होगा -

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