Friday, 19 February 2016

मुंह के छाले(Stomatitis)














मुंह के छाले(Stomatitis)

परिचय-
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मुंह और जीभ पर छोटे-छोटे घाव या छाले हो जाते हैं। कुछ लोगों के मुंह में छाले बार-बार उत्पन्न होते रहते हैं। मुंह में छाले होने पर खाना खाने, पानी पीने, बोलने में कठिनाई होती है।

कारण :-
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मुंह के छाले शरीर की आंतरिक गड़बड़ी के कारण होता है और कभी-कभी 

मुंह के छाले सख्त चीजों का सेवन करने के कारण भी होता है।

मुंह के छाले कई प्रकार की शरीर की आंतरिक गड़बड़ी के कारण होता है। पाकाशय में गड़बड़ी के कारण जब खाना ठीक से हजम नहीं हो पाता तब पेट में कब्ज बनने के कारण मुंह में छाले या घाव हो जाते हैं। सड़ा या स्फोटक बुखार होने पर या गर्म चीजें खाने के कारण मुंह जल जाने के कारण भी मुंह में छाले हो जाते हैं। दांत साफ न करना, पारे का अधिक सेवन करना, अधिक मात्रा में चूना या चीनी का सेवन करना, विटामिन-बी की कमी, अपौष्टिक भोजन करना, अस्वस्थकर जगहों पर रहना, खून की खराबी आदि कारणों से भी मुंह में छाले होते हैं।

स्त्रियों में मासिकस्राव सम्बंध गड़बड़ी के कारण मुंह के छाले होते हैं। मुंह के छाले दूसरे के द्वारा भी होते हैं इसका कारण यह है कि जब कोई व्यक्ति छाले वाले व्यक्ति के साथ खाता है या उसका पीया पानी पीता है तब उसके मुंह में भी छाले हो जाते हैं। मुंह के छाले अधिक शराब पीने, गुटिका खाने, सिगरेट पीने, एन्टीबायोटीक्स जैसी दवाईयों का प्रयोग करने के कारण होता है।

कुछ लोगों में यह छाला बार बार होता है। शायद पाचन की गड़बड़ी के कारण। यह अक्सर मसालेदार भोजन करने के बाद हो जाता है। इस तरह इसके लिए आर्युवेद की गर्म खाने के सिद्धांत फिट बैठता है। कभीकभी चिरकारी अमीबियोसिस से यह हो जाता है। मानसिक परेशानी के चलते भी यह छाला हो जाता है।

लक्षण :-
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मुंह को अन्दर से ढकने वाली झिल्ली जब फूलकर लाल हो जाती है तो उसमें दर्द के साथ जख्म बन जाते हैं। मुंह में जख्म बनने पर उसमें पीब बनने लगते हैं जिसे मुंह के छाले कहते हैं। मुंह में छाले होने पर मुंह के अन्दर की त्वचा या जीभ पर छोटे-छोटे दाने निकल आते हैं। मुंह के छाले या घाव का तल सफेद हो जाता है। छाले होने पर मुंह से अधिक लार आने लगता है, तथा मुंह में जलन व दर्द होता है। मुंह में छाले होने पर मुंह से बदबू आने लगती है, जीभ लाल होकर फूल जाती है तथा मसूढ़े और तालु भी फूल जाते हैं। छाले अधिक दिनों तक रहने पर उससे खून निकलने लगता है विशेषकर कुछ खाते समय। इन्फेक्शन होने पर बुखार के लक्षणों के साथ भी छाले हो जाते हैं।

मुंह में छाले होने पर क्या करें और क्या न करें :-
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1) मुंह में छाले होने पर नमक, मिर्च, खटाई, तेल, घी, मिर्च-मसालेदार भोजन न करें।

2) अधिक मीठी चीजों का सेवन करना हानिकारक होता है।

3) शराब, सिगरेट व गुटिखा न खाएं।

4) अपने आप रोग को ठीक करने के लिए कोई एन्टीबायोटिक दवाईयों का प्रयोग नहीं करना चाहिए।

5) खाना खाने के बाद मुंह को अच्छी तरह साफ करें।

6) दांत साफ करते समय मुलायम ब्रश से हल्के हाथ से ब्रश करें।

7) विटामिन-बी युक्त आहार लें तथा नींबू का सेवन करना रोग में लाभकारी होता है।

8) इस रोग में कैलि-क्लोर औषधि की 1x मात्रा का चूर्ण या सुहागा को गर्म पानी में घोलकर कुल्ला करने से लाभ मिलता है।


मुंह के छालों से बचने के घरेलू उपचार -
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1. शहद में मुलहठी का चूर्ण मिलाकर इसका लेप मुंह के छालों पर करें और लार को मुंह से बाहर टपकने दें, इससे छाले ठीक हो जाते हैं।

2. मुंह में छाले होने पर अडूसा के 2-3 पत्तों को चबाकर उनका रस चूसना चाहिए, उससे भी छाले जल्दी ठीक हो जाते हैं।

3. छाले होने पर कत्था और मुलहठी का चूर्ण और शहद मिलाकर मुंह के छालों पर लगाने चाहिए, इससे छालों में आराम मिलता है।

4. अमलतास की फली मज्जा को धनिये के साथ पीसकर थोड़ा कत्था मिलाकर मुंह में रखिए, या केवल अमलतास के गूदे को मुंह में रखने से मुंह के छाले दूर हो जाते हैं।

5. अमरूद के मुलायम पत्तों में कत्था मिलाकर पान की तरह चबाने से मुंह के छाले से राहत मिलती है और छाले ठीक हो जाते हैं।

6. सूखे पान के पत्ते का चूर्ण बना लीजिए, इस चूर्ण को शहद में मिलाकर चाटिए, इससे मुंह के छाले समाप्त हो जाएंगे।

7. पान के पत्तों का रस निकालकर, देशी घी में मिलाकर छालों पर लगाने से फायदा मिलता है और छाले समाप्त हो जाते हैं।

8. नींबू के रस में शहद मिलाकर इसके कुल्ले करने से मुंह के छाले दूर होते हैं।

9. ज्यादा से ज्यादा मात्रा में पानी का सेवन कीजिए, इससे पेट साफ होगा और मुंह के छाले नहीं होंगे।

10. मशरूम को सुखाकर बारीक चूर्ण तैयार कर लीजिए, इस चूर्ण को छालों पर लगा दीजिए। मुंह के छाले ठीक हो जाएंगे।

11. मुंह के छाले होने पर चमेली के पत्तों को चबाइए। इससे छाले समाप्त हो जाते हैं।

12. छाछ से दिन में तीन से चार बार कुल्ला करने से मुंह के छाले ठीक होते हैं।

13. खाना खाने के बाद गुड चूसने से छालों में राहत होती है।

14. मेंहदी और फिटकरी का चूर्ण बनाकर छालों पर लगाएं, इससे मुंह के छाले समाप्त होते हैं।

15. अगर आपको बार-बार मुंह के छाले हो रहे हैं तो अपने मुंह की सफाई पर विशेष ध्यान दीजिए।

16. नमक और बेकिंग सोडा
नमक और बेकिंग सोडा को चुटकी भर पानी मिलाएं और छाले पर लगाकर 10 मिनट तक छोड़ दें। इसके बाद पानी से कुल्ला करें।

17. नारियल पानी
नारियल पानी न सिर्फ पेट के लिए अच्छा है बल्कि छालों के दर्द में भी आराम देता है और मुंह को ठंडक पहुंचाता है।

18. शहद और केला
शहद में केला मिलाकर खाने से भी मुंह के छाले जल्दी ठीक होते हैं और दर्द कम होता है। बहुत अधिक तकलीफ पर इनका पेस्ट बनाकर भी लगाया जा सकता है।

19. अमरूद का पत्ता
अमरूद के पत्तों का पेस्ट बनाकर छाले पर लगाएं, इससे तुरंत आराम मिलेगा।

20. आंवला
आंवला को उबालकर पेस्ट बनाएं और छाले पर लगाएं। छाला जल्दी ठीक होगा।


इलाज-
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इस छाले का इलाज मुश्किल है। यह आमतौर पर एक दो हफ्तों में खुद ही ठीक हो जाता है। इस छाले के लिए कोई भी ठीक इलाज नहीं है, पर कुछ लोगों को विटामिन बी (फोलिक ऍसिड) से फायदा होता है। मुँह की सफाई से बीमारी जल्दी ठीक हो जाती है। अल्सर की जगह पर ज़ाईलोकेन जैली नाम का संवेदना हारक लगाने से दर्द में कमी होती है। इससे बोलने व खाने में आसानी होती है। पर इस संवेदना हारक का असर केवल आधे घंटे रहता है। ग्लीसरीन बोरेक्स या फिटकरी का घोल लगाने से भी कुछ देर तक आराम पड़ता है। 

कभी कभी लैक्टोबेसीलिस के साथ इलाज से अक्सर छाला ठीक हो जाता है। इन बैक्टीरिया से आंत में विटामिन बी कांपलैक्स बनता है। अगर स्थानीय लसिका ग्रंथियॉं सूज जाएं तो एंटीबायोटिक और ऐस्परीन दें। आंतो में स्थित जीवाणू विटामिन बी बनाते है, इसलिए इन जीवाणूओं का इलाज के रूप प्रयोग किया जाता है।


बी कांप्लैक्स की कमी से मुखपाक-
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एक अन्य तरह की बीमारी है छालों के बिना मुँह अंदर से लाल होना। पॉंच दिन विटामिन बी कांप्लैक्स की गोलियॉं खाने से इस में फायदा हो जाता है। जीभ का लाल होना या कट फट जाना भी इसी तरह की तकलीफ है। इसमें भी इसी इलाज से फायदा होता है।

ऐसे मामलों में यह पता लगाना ज़रूरी है कि व्यक्ति का खाना क्या है। खाने में विटामिन बी देने वाली चीज़ें हैं या नहीं। विटामिन से भरपूर चीजें खाने से (जैसे बिना पॉलिश किया चावल, हरी पत्तेदार सब्ज़ियॉं) खाने से इस बीमारी से बचाव होता है।


नुकीले व खुरदुरे दाँतों के सिरों से अल्सर-
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कभी कभी कोई नुकीला या खुरदुरा दाँत मुँह के किसी भाग पर बार बार लगने से वहॉं छाला हो जाता है। अगर मुँह में एक ही जगह पर बार बार छाला हो तो दाँतों की जांच करें। आमतौर पर इससे तकलीफ का निदान हो जाता है। इलाज में किसी दाँतों के डाक्टर से दाँत घिसवाने की ज़रूरत होती है।

ऐलर्जी से होने वाले छाले-
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मुँह में होने वाले छाले का एक और कारण सल्फा दवाइयॉं (जो कि कोट्रीमोक्साज़ोल - सल्फा का जोड़ का भी हिस्सा है) भी हैं। इसलिए रोगी से इन दवाइयों से पहले कभी हुई प्रतिक्रिया के बारे में पूछिए। यह छाले आमतौर पर कई सारे होते हैं एक नहीं। सबसे पहले दवाई देना बंद करें। संक्रमण से बचाव के लिए बार बार मुँह धोने की सलाह दें। आराम पहुँचाने वाला द्रवीय खाना जैसे दें। ठीक होने में कुछ दिन लगते हैं। फोलिक ऍसिड की गोली देनेसे छाले जल्दी भर आते है।

बुखार के समय मुँह में छाले-
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बुखार और खासकर वायरस से होने वाले बुखार में मुँह में छाले हो जाते हैं। ये अपने आप ही ठीक हो जाते हैं। सिर्फ मुँह धोना और ज़ाईलोकेन जैली लगाना ज़रूरी है।

लाईकेन प्लेनस- 
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यह बीमारी है मुँह में एक लंबे समय तक रहने वाला बिना दर्द वाला चकत्ता। यह या तो लाईकन प्लेनस हो सकता है या कैंसर के पहले का घाव। किसी भी स्थिति में ऐसे चकत्तों के बारे में जल्दी से जल्दी विशेषज्ञ की सलाह ज़रूरी है।

छाले और आर्युवेद-
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आर्युवेद में कहा गया है कि जिन लोगों में मुँह में घाव हों उनकी शौच की आदतों पर ध्यान दिया जाना चाहिए। अगर किसी भी तरह का कब्ज़ हो तो सबसे पहले उसे ठीक करना चाहिए। इसबगोल, त्रिफला, अमलतास या अरण्ड के तेल जैसा कोई मृदुविचेरक (सारक) फायदेमंद हो सकता है। विरेचन के बाद एक चम्मच घी ले लेने से अच्छा रहता है। मुँह में घाव वाले सभी रोगियों के लिए एक आम सलाह हे कि वो गर्म, मसाले दार और खट्टी चीज़ें न खाएं। मुखपाक की जगह का इलाज करने से ज़्यादा ज़रूरी है कि शरीर के अंदर की गड़बड़ी ठीक की जाए।

एक और इलाज है सोने से पहले छाले की जगह पर घी और मुलैठी का मिश्रण लगाना। हल्दी के रोगाणु विरोधी गुण के कारण इसको लगाने से भी फायदा होता है। फिटकरी के पानी से कुल्ला करने से भी कुछ मिनटों के लिए दर्द में आराम मिलता है।


मुंह के इन छालों पर कोई भी दर्द-निवारक ऐंसीसैप्टिक ड्राप्स लगा देने चाहियें. ऐसे ड्राप्स अथवा अब तो इन्हीं नाम से ट्यूब रूप में भी दवायें आने लगी हैं....कुछ के नाम मैं लिख रहा हूं.......Dentogel, Dologel, Zytee, Emergel, Gelora ORAL ANALGESIC / ANTISEPTIC GEL……

नोट करें कि इन का भी काम मुंह के छाले को भरना नहीं है. ये केवल आप को उस छाले से दर्द से कुछ समय के लिये राहत दिला देती हैं। इन पांचों में से आप किसी भी एक दवाई को लेकर दिन में दो-चार बार छालों पर लगा सकते हैं। वैसे विशेष रूप से खाना खाने से पांच मिनट पहले तो इस दवाई का प्रयोग ज़रूर कर लें। और हां, दो-चार मिनट के बाद थूक दें। लेकिन बाई-चांस अगर कभी कभार गलती से एक-आध ड्राप निगल भी ली जाये तो इतना टेंशन लेने की कोई बात नहीं होती।

Betadine ….Mouth gargle से दिन में दो-बार कुल्ले कर लेने बहुत लाभदायक हैं........हमेशा के लिये नहीं.....केवल उन एक दो –दिन दिनों के लिये ही जिन दिनों आप इन छालों से परेशान हैं। लेकिन रात के समय सोने से पहले इन छालों वालों दो-चार दिनों में इस बीटाडीन गार्गल से कुल्ला कर लेने बहुत लाभदायक है। यह भी आप की आवश्यकता के ऊपर निर्भर करता है.

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