Thursday 25 February 2016

आयरन का महत्व और स्रोत



















आयरन का महत्व और स्रोत

आयरन रक्त में हीमोग्लोबिन का सबसे महत्वपूर्ण घटक (component) होता है। यह पूरे शरीर में ऑक्सीजन पहुँचाने का काम करता है। शरीर के हर कोशिका को ऊर्जा प्राप्त करने के लिए ऑक्सीजन की ज़रूरत होती है। जब ऑक्सीजन फेफड़ों से होकर रक्त में जाता है तब आयरन लाल रक्त कोशिकाओं को ऑक्सीजन को सोखने में मदद करता है और फिर पूरे शरीर में फैलाने में सहायता करता है। जब शरीर में आयरन पर्याप्त मात्रा में होता है तब शरीर की हर कोशिका पूरी तरह से ऊर्जा से भरी हुई होती है।
आयरन की कमी से एनीमिया की बीमारी होने के अलावा दूसरी बीमारी होने का खतरा भी रहता है।

इसके कमी से शरीर की प्रतिरक्षा क्षमता घट जाती है, जिसके कारण कोई भी बीमारी जल्दी हो जाती है। बच्चों में इसके कमी से वे एकाग्र होकर कोई भी काम नहीं कर पाते है। गर्भवती महिला में इसके कमी से उनके साथ-साथ शिशु पर भी बूरा प्रभाव पड़ता है।

आयरन की कमी से एकाग्रता में कमी, सिर दर्द, थकान, नींद में कमी, चिड़चिड़ापन और हृदय रोग होने की संभावना भी होती है।

शरीर खाद्द पदार्थ से कैसे आयरन को काम में लाता है:

जब आप आयरन स्रोत वाले खाद्द पदार्थ खाते हैं तब शरीर आयरन को छोटी आंत के ऊपरी भाग के द्वारा सोखता है। आयरन का मूल स्रोत मूलतः शाकाहारी और मांसाहारी दोनों प्रकार का आहार होता है। शाकाहारी आहार में:

हरी पत्तेदार सब्ज़ियाँ
हरी बीन्स
पालक
ब्रोकली
शलजम
शकरकंद
बादाम
किशमिश
चुकंदर
फलों में-
खजूर
तरबूज
सेब
अंगूर
अनार आदि

आयरन युक्त आहार के साथ विटामिन सी लेना ज़रूरी होता है तभी आयरन का पूरा लाभ शरीर को मिल पाता है। इसके लिए विटामिन सी वाले फलों का सेवन करना चाहिए, जैसे- अमरूद, आंवला और संतरा।

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