Tuesday, 23 February 2016

शिरीष / शुकपुष्प



















शिरीष को शुकपुष्प भी कहा जाता है । आम भाषा में इसे सिरस भी कहते हैं । ये वृक्ष सड़क आदि के किनारे, पार्क, स्कूल आदि व भारत में सभी जगह पाए जाते हैं । इसके सुन्दर पुष्पों की भीनी भीनी महक मन को मोह लेती है । आयुर्वेद में इसका काफी योगदान है, तो जानिए इसके क्या क्या फायदे हैं।

इसके फलियों के बीजों को बकरी के दूध में पीसकर नाक में सुंघाने से मूर्छा खत्म हो जाती है ।

शिरीष की छाल का एक से तीन ग्राम चूर्ण शुद्ध घी के साथ प्रतिदिन सेवन करने से शारीरिक शक्ति बढ़ती है और खून भी साफ करता है।

गर्मी लगने पर इसके पत्तों को कूटकर माथे पर उसका लेप कर दे। नकसीर में भी बहुत गुणकारी है।

उन्माद की बीमारी में मुलेठी, सौंफ, अश्वगंधा, वचा, शिरीष के बीज,इन सबको समभाग मिलाकर एक एक चम्मच सुबह शाम दें । आँख में लाली या अन्य कोई समस्या हो तो इसके पत्तों की लुगदी बनाकर उसकी टिकिया बंद आँखों पर कुछ समय के लिए रखने से लाभ होगा।

कान में समस्या होने पर इसकी पत्तियां गर्म करके उसका दो बूँद रस कान में ड़ाल सकते हैं।

खांसी होने पर इसके पुराने पीले पत्तों को देसी घी में भूनकर शहद के साथ लें।

दस्त लगने पर इसके बीजों का पावडर आधा ग्राम की मात्रा में लें।

जलोदर या लीवर इन्फेक्सन हो तो इसकी छाल का पाऊडर या काढ़ा लेना लाभकारी है।

सोरायसिस या एग्ज़ीमा होने पर इसके पत्ते सुखाकर मिटटी की हंडिया में जलाकर राख कर लें। इसे छानकर सरसों के तेल में मिलाकर या देसी घी में मिलाकर प्रभावित त्वचा पर लगायें। इसके अतिरिक्त चर्म रोगों में इसकी दस ग्राम छाल 200 ग्राम पानी में कुचलकर रात को मिट्टी के बर्तन में भिगोयें और सवेरे छानकर पीयें।

बवासीर में इसके बीज पीसकर लगायें। इनके लगाने से मस्से सूख जायेंगे। सुजाक होने पर इसके पत्तों के साथ नीम के पत्तों का रस भी मिलाकर धोएं।

यूरिन में पस बढ़ने या बार बार urine के आने की समस्या हो तो इसकी कोमल पत्तियां पीसकर मिश्री मिलाकर पीयें या इसका काढ़ा पीजिये। माहवारी (periods) में बहुत दर्द हो तो माहवारी शुरू होने के चार दिन पहले इसकी 10 ग्राम छाल का 200 ग्राम पानी में काढ़ा बनाकर पीयें। period होने पर लेना बंद कर दें। किसी भी तरह की सूजन होने पर पत्तों को पानी में उबालकर सिकाई करें।

कमजोरी महसूस होती हो तो इसके एक भाग बीजों में दो भाग अश्वगंधा मिलाकर मिश्री मिला लें। इस पाऊडर को सवेरे शाम लें।

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