"माईग्रेन (आधाशीशी)"
उपचार:-
१) रात के गले हुए 10-12 नग बादाम प्रतिदिन सुबह-सुबह रोजाना खाएँ। यह माईग्रेन का सुन्दर उपचार है।
२) बंद गोभी को कुचलकर एक सूती कपड़े में बिछाकर मस्तक (ललाट) पर बाँधें। रात को सोते वक्त या दिन में भी सुविधानुसार कर सकते हैं। जब गोभी का पेस्ट सूखने लगे तो नया पेस्ट बनाककर पट्टी बाँधें। यह माईग्रेन का सफ़ल उपाय हैं।
३) अँगूर का रस 200 मि.लि. सुबह-शाम पिएँ। बेहद कारगर नुस्खा है।
४) नींबू के छिलके कूटकर पेस्ट बनालें। इसे ललाट पर बाँधें। जरूर फ़ायदा होगा।
५) गाजर का रस और पालक का रस दोनों करीब 300 मि.लि. पिएँ आधाशीशी में गुणकारी है।
६) गरम जलेबी 200 ग्राम नित्य सुबह खाने से भी आधा-शीशी के रोगियों को लाभ होता है।
७) आधा चम्मच सरसों के बीज का पाऊडर 3 चम्मच पानी में घोलकर कपड़लपेट कर सूँघें। माईग्रेन का सिरदर्द कम हो जाता है।
८) माईग्रेन के रोगी को देर से पचने वाला और मसालेदार भोजन न करें।
९) सिर को कपड़े से मजबूती से बाँधें। इससे खोपडी में रक्त का प्रवाह कम होकर सिरदर्द से राहत मिल जाती है।
१०) विटामिन 'बी-काम्प्लेक्स' का एक घटक 'नियासीन' है। यह आधाशीशी रोग में काफी उपकारी है।
११) तनाव मुक्त जीवन शैली अपनाएँ।
१२) हरी सब्जियों और फ़लों को अपने भोजन में प्रचुरता से शामिल करें।
१३) नकारात्मकता को दिलो-दिमाग से हटाते रहा करें व सकारात्मकता को सादर आमंत्रित करते रहा करें।
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