Monday, 10 August 2015

आम जीरा, सफ़ेद जीरा, काला जीरा, काली जीरी और कलोंजी












आम जीरा, सफ़ेद जीरा, काला जीरा, काली जीरी और कलोंजी :

यह सब अलग -2 मसाले हैं.
कलौंजी के बारे में हमने 4-5 दिन पहले और काली जीरी के बारे में हमने 2-3 दिन पहले ही विस्तार से लिखा है. 
आज हम उपरोक्त सभी के बारे में संक्षिप्त रूप से लिख रहे हैं :

आम जीरा : 
यही जीरा हम आम तौर पर रसोई में प्रयोग करते हैं और गर्म - मसाले में भी डालते हैं. गर्मियों के मौसम में जी घबराना, चक्कर आना, भूख न लगना, दस्त लगना आदि समस्याएं बहुत आम होती हैं। ऐसे में, गर्मी से होने वाली इन प्रॉब्लम्स से कुछ छोटे-छोटे घरेलू नुस्खे जल्द राहत दिला सकते हैं। गर्मी में जीरा बहुत उपयोगी होता है। जीरे सिर्फ खाने का स्वाद ही नहीं बढ़ाता है, यह कई हेल्थ प्रॉब्लम्स की छुट्टी कर सकता है। गर्मियों में जीरा विशेष रूप से लाभदायक होता है। इसकी तासीर ठण्डी होती है. यह पेट की गड़बड़ी, कब्‍ज, पेट के कीड़ों, वचा की आम समस्‍या जैसे सिरोसिस, एक्‍ने, एलर्जी, घाव, रैश और जलन, ब्रेस्‍ट मिल्‍क बढ़ाने, कफ और अस्‍थमा में लाभकारी होता है. 
यह किरयाने या पंसारी की दुकान से लगभग 250/- रपये किलो के हिसाब से मिल जाता है.

काला जीरा :
किचन में अक्‍सर हम आम जीरा मसाले के तौर पर इस्‍तमाल करते हैं। ठीक इसी तरह काला जीरा भी होता है जो दिखने में काले रंग का होता है और स्‍वास्‍थ्‍य के गुणों से भरा होता है। यह प्राकृतिक दवा ना केवल खाने में स्‍वाद बढ़ाने का काम करता है बल्‍कि यह काफी शक्‍तिशाली दवाई भी है। पुराने जमाने से ही लोग इसे छोटी मोटी बीमारियों को ठीक करने के लिये प्रयोग में लाते थे। यह आम जीरे से कुछ पतला होता है. 
इसका मुख्य रूप से प्रयोग इसकी खुशबू के लिए किया जाता है, विशेषकर कबाब आदि बनाने में. तासीर इसकी भी ठण्डी ही होती है.
यह पंसारी की दुकान से लगभग 1,000/- रपये किलो के हिसाब से मिल जाता है.

सफ़ेद जीरा - जीरा श्वेत - काहू :
दिखने में यह आम जीरे जैसा ही होता है, पर दिखने में अधिक सफ़ेद और तासीर में कुछ अधिक ठण्डा होता है और मुख्यतः दवाइयों में ही प्रयोग होता है. 
यह पंसारी की दुकान से लगभग 500/- रपये किलो के हिसाब से मिल जाता है. 
कुछ प्रयोग :
- 50 ग्राम जीरे में 50 ग्राम मिश्री मिलाकर पीसकर पाउडर बना लें। इसे सुबह-शाम एक चम्मच लें। बवासीर में आराम मिलेगा।
- एक छोटा चम्मच जीरा लें। उसे एक गिलास पानी मे भिगो कर रात भर के लिए रख दें। सुबह उबाल लें। इसे चाय की तरह पिएं और जीरा भी चबा लें।
एक महीने में ही वजन मे कमी आने लगती है। पेशाब भी खुल कर आता है।

काली जीरी - Kalijiri Seeds : English Name : Purple Fleabane
•Sanskrit Name : Sahadevi, Daudotpala
•Hindi Name : Sahdevi, Sadodi

काली जीरी के लाभ :
यह आम जीरे से कुछ मोटा होता है
इसको लेने से शुगर (डायबिटिज) नियंत्रित रहती है। बालों की वृद्धि होती है।
गठिया वादी हमेशा के लिए समाप्त होती है. चर्म रोग दूर होते है. कोलेस्ट्रोल घटता है।
शरीर में अनावश्यक कफ नहीं बनता है। पाचन शक्ति बढ़ती है। पेट के कीड़े नष्ट होते हैं.
इसकी तासीर गर्म होती है. 
आज कल फेसबुक पर जो मेथी, अजवाइन और काली जीरी का फार्मूला बहुत चल रहा है, उसमें इसीका प्रयोग होता है. 
यह पंसारी की दुकान से लगभग 300/- रपये किलो के हिसाब से मिल जाती है.

कलौंजी - KALONJI :
बंगाली में काली जीर, गुजराती मराठी आदि अनेक भाषाओं में कलौंजी ,संस्कृत में स्थूल्जीरक, बहुगंधा, अंग्रेजी में- Black curmin तथा वैज्ञानिक भाषा में Nigella sativa कहते हैं. 
इसे मुख्यतः आचार डालने, विशेषकर आम के आचार में दल जाता है. कुछ सब्जियों और व्यंजनों में भी इसे छौंक कर डाला जाता है.

लाभ :अपच या पेट दर्द में, दमा, खांसी, एलर्जी, मधुमेह, मसाने और गुर्दे में पथरी, हिचकी में बहुत लाभ होता है.

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