Monday, 3 August 2015

स्वप्नदोष का घरेलु इलाज













स्वप्नदोष का घरेलु इलाज

रात के समय सोते हुए अपने आप या अश्लील स्वप्न देखते हुए वीर्य का निकल जाना ही स्वप्नदोष कहलाता है। फिल्मों में अश्लील दृश्यों को देखना, स्कूल कॉलजों मे लड़के- लड़कियों का खुले मे घूमना, नवयुवकों के सर में हमेशा कामवासना का ध्यान रहना, लड़कियों के बारे ज्यादा सोचना, उनके अंगों को कामुक नजरों से देखना, अधिक मैथुन करना, किसी लड़की के स्पर्श करने पर सोचना, सहवास में खोये रहना मसालेदार भोजन खाने, चाय, शराब व रात को गर्म दूध पीना ही स्वप्नदोष का कारण बनता हो सकता है। कभी-कभी यह कारण न होकर इसका उलटा होता है। जैसे हार्मोन के बढ़ने पर वीर्य ज्यादा बनने लगते हैं। इससे शरीर में गर्मी पैदा होती है और वीर्य अपने आप रात में या जरा सी गर्मी होते ही बाहर निकल पड़ता है। इसमें रोगी का कोई दोष नहीं होता है। स्वप्नदोष अगर महीने या साल में होता है तो डरने की कोई बात नहीं मगर रोज या हफ्ते में हो तो इसका उपचार जल्द से जल्द कराना चाहिए नहीं तो रोगी नपुंसक भी बन सकता है।

इस रोग के लक्षण :
इस रोग से ग्रस्त रोगी का शरीर कमजोर हो जाता है। चेहरे की चमक खत्म हो जाती है। रात मे सोते समय ही वीर्य निकल जाता है। भूख की कमी, बैचेनी, बुखार, हाथ-पैरों के तलवे में जलन, वीर्य का पतला पन, आलस्य, कमर में दर्द, स्वरभंग, नजर का कमजोर होना आदि लक्षण दिखाई देने लगता है।

भोजन तथा परहेज :
शिश्न को रोज सुबह के समय 10 मिनट तक ठंड़े पानी की धार से धोयें। मानसिक शान्ति तथा सुबह-शाम टहलना भी जरूरी है। रोज व्यायाम करें तथा 
त्रिफला चूर्ण एक चम्मच गर्म पानी से खाना खाने के बाद लें। गर्मी पदार्थ, रात को सोने से पूर्व गर्म दूध, गुड़, सिगरेट, शराब आदि का सेवन न करें और पेट में कब्ज न बनने दें।

घरेलु उपचार smile emoticon

1. मुलहठी : मुलहठी के चूर्ण को मक्खन और शहद के साथ मिलाकर खाने से लाभ होता है।
मुलहठी के चूर्ण में 2 ग्राम की मात्रा में शहद और घी मिलाकर खाने से स्वप्नदोष की बीमारी खत्म हो जाती है।

2. बबूल : बबूल की गोंद 10 ग्राम मात्रा में रात को 100 मिलीलीटर पानी में डालकर रख दें। सुबह उठने पर गोंद को थोड़ा-सा मसलकर पानी में छानकर मिश्री मिलाकर पीने से स्वप्नदोष में बहुत लाभ होता है।
बबूल की फली का चूर्ण 3 से 6 ग्राम चीनी में मिलाकर सुबह-शाम खाने से लाभ मिलता है।

3. चोपचीनी : चोपचीनी का पिसा हुआ चूर्ण 10 ग्राम, मिश्री 10 ग्राम और घी 10 ग्राम मिलाकर 7 दिनों तक खाने से स्वप्नदोष खत्म होता है।

4. बादाम : बादाम के एक बीज की गिरी, 3 ग्राम मिसरी, 3 ग्राम घी और 3 ग्राम गिलोय का चूर्ण इन सबको 6 ग्राम की मात्रा में लेकर शहद में मिलाकर 7 दिनों तक दिन मे सुबह-शाम खाने से स्वप्नदोष खत्म होता है।
बादाम और काली मिर्च की फीकी शर्बत पीने से भी स्वप्नदोष में लाभ होता है।

5. त्रिफला : त्रिफले का चूर्ण और शहद दोनों को मिलाकर खाने से स्वप्नदोष में बहुत लाभ होता है।
त्रिफला का चूर्ण 4-6 ग्राम की मात्रा में रात को सोने से पहले दूध के साथ खाने से स्वप्नदोष दूर हो जाता है। त्रिफला 12 ग्राम, गुड़ 24 ग्राम, वच और भीमसेनी कर्पूर 3-3 ग्राम की मात्रा में लेकर सबको पानी के साथ मिलाकर छोटी-छोटी एक समान गोली बना लें, 1 से 2 गोलीयों को सुबह-शाम पानी के साथ सेवन करने से स्वप्नदोष व शीघ्रपतन दूर हो जायेगा।

6. आंवला : आंवले का चूर्ण 6 ग्राम और मिसरी का चूर्ण 6 ग्राम मिलाकर रोज खाने से कुछ हफ्ते में स्वप्नदोष खत्म होता है।

7. शतावर : शतावर, मूसली, विदारीकन्द, असगंध, गोखरू या इलायची के बीज इनमें से 2-3 वनौशधि को बराबर मात्रा में लेकर कूटकर पीसकर रख लें, और मिश्री को मिलाकर 3 ग्राम पानी के साथ पीने से लाभ होता है। शतावरी, असगंध, विधारा 20-20 ग्राम कूटकर छानकर रख लें, इसमें 60 ग्राम खांड़ मिलाकर 10-20 ग्राम की मात्रा में दिन सुबह-शाम दूध के साथ लें।
शतावर के रस को शहद मे मिलाकर पीने सुबह-शाम से स्वप्नदोष दूर होता है।

8. हरड़ : हरड़ का चूर्ण 3 ग्राम की मात्रा में शहद 10 ग्राम में लेकर में मिलाकर रोज खायें इससे कुछ दिनों में स्वप्नदोष का रोग खत्म हो जाता है।
हरड़ का मुरब्बा खाकर हल्का गर्म दूध पीने से कब्ज दूर होती है।

9. खादिर (कत्था) : खादिर (कत्था) सार 1 ग्राम, ठंड़े पानी के साथ खाने से स्वप्नदोष खत्म होता है।

10. गिलोय : गिलोय, गोक्षुर और आंवला तीनों को बराबर मात्रा में कूट पीसकर 1 चम्मच चूर्ण को खाकर पानी को पीने से स्वप्नदोष खत्म होता है।

टिप : आप को यहाँ जो भी उपचार बताये है वो अजमाए हुवे उपाय है। इसके कोई भी साइड इफ़ेक्ट नहीं है। जो भी नुस्का उपयोग में लाना चाहते है वह असली चीजो का इस्तेमाल कर के ला सकते है। मार्केट में पंसारी की दूकान या जड़ी बुटी की दूकान से खरीदी हुयी चीजे डुप्लीकेट हो तो असर नहीं करेगी और आप आयुर्वेदिक जड़ी बुटी के प्रति निराशा व्यक्त करोगे। आयुर्वेद अपने आप में एक शक्ति है। इसका सही तरह से उपयोग किया जाये तो यह एक संजीवनी है। (डुप्लीकेट दवाई को खरेदी ना करे और ताज़ी वनस्पति का ही उपयोग करे)

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