Tuesday, 18 August 2015

मोतिया बिन्द














मोतिया बिन्द होने पर आंखों की पुतली पर सफेदी आ जाती है और रोगी की दृष्टि धुंधली पड़ जाती है| वह किसी चीज को स्पष्ट नहीं देख सकता| आंखों के आगे धब्बे और काले बिन्दु-से दिखाई पड़ने लगते हैं| जैसे-जैसे रोग बढ़ता जाता है, वैसे-वैसे रोगी ठीक से देखने में असमर्थ हो जाता है|

मोतिया बिन्द - Cataract - कारण :-
आंखों में चोट लगने, घाव हो जाने, आंखों की बनावट में कोई खराबी आने, बुढ़ापे की हालत, मधुमेह, गठिया, अत्यधिक कुनीला खाने, शरीर में पसीना बंद हो जाने आदि कारणों से आंखों में फुड़िया-सी बन जाती है| यह पुतली तथा उसके आसपास भीतरी परदे पर होती है| इसी को मोतिया बिन्द अर्थात् मोती की तरह बिन्दु कहते हैं| यह शुरू में एक आंख पर होता है| फिर कुछ काल के बाद दूसरी आंख में भी हो जाता है|

पहचान :-
मोतिया बिन्द कठोर तथा मुलायद दो प्रकार का होता है| 
कोमल या मुलायम मोतिया बिन्द आसमानी रंग का होता है| 
यह 30-35 वर्ष की उम्र तक होता है| लेकिन कठोर मोतिया बिन्द वृद्धावस्था में होता है| 
यह धुमैले रंग का होता है| यह एक या दोनों आंखों में हो सकता है| 
इसके कारण कुछ भी दिखाई नहीं देता क्योंकि यह रोशनी के परदे को घेर लेता है|

नुस्खे :-

मोतिया बिंद की शुरुआती अवस्था में भीमसेनी कपूर स्त्री के दूध में घिसकर नित्य लगाने पर यह ठीक हो जाता है।

हल्के बड़े मोती का चूरा 3 ग्राम और काला सुरमा 12 ग्राम लेकर खूब घोंटें। जब अच्छी तरह घुट जाए तो एक साफ शीशी में रख लें और रोज सोते वक्त अंजन की तरह आंखों में लगाएं। इससे मोतिया बिंद अवश्य ही दूर हो जाता है।

आंखों में शुद्ध शहद सलाई से बराबर लगाते रहें| मोतिया बिन्द कट जाएगा|
सत्यानाशी का पीला दूध नित्य सलाई से आंखों में लगाएं|

रीठे को पानी में भिगो दें| इसके बाद पानी को उबाल छान लें| इसमें से नित्य एक सलाई सोते समय आंखों में लगाएं|

गुलाबजल में रसौत, फिटकिरी का फूला, सेंधा नमक तथा मिश्री - सभी 3-3 ग्राम की मात्रा में अच्छी तरह पीसकर मिला लें| फिर जल को छानकर शीशी में भर लें| इसे सुबह-शाम पिचकारी में बूंद-बूंद आंखों में डालें|
आंखों में ताजे अनार का रस डालें| मोतिया बिन्द गल जाएगा|

गाय की बछिया का ताजा मूत्र आंखों में डालें|

हल्दी को आग में भूनकर धो डालें| फिर इसे पीसकर आंखों की पलकों पर लगाएं|

अफीम, फिटकिरी और रसौत - तीनों को समान मात्रा में लेकर खरल कर लें| फिर इसे आंखों की पलकों पर लगाएं| 

मोतिया बिंद में उक्त में से कोई भी एक औषधि आंख में लगाने से सभी प्रकार का मोतिया बिंद धीरे-धीरे दूर हो जाता है। सभी औषधियां परीक्षित हैं।

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