Thursday, 20 August 2015

सोते समय बिस्तर पर पेशाब करना (Bed wetting )













सोते समय बिस्तर पर पेशाब करना (Bed wetting while sleeping)

परिचय:-
सोते समय बिस्तर पर पेशाब करने का रोग बच्चों में बहुत ज्यादा पाया जाता है। 
यह रोग बच्चों की पाचनक्रिया खराब होने के कारण तथा ठंड लग जाने के कारण होता है। 
रात के समय में बच्चों को दूध पिलाने या अधिक भोजन कराने के कारण भी यह रोग बच्चों को हो जाता हैं। 
अधिक मीठी चीजों का सेवन करने से भी बच्चों को यह रोग हो जाता है।

रात को सोते समय बच्चों का बिस्तर पर पेशाब करने के रोग का प्राकृतिक  चिकित्सा से उपचार-

मुनक्का के बीज को निकालकर उसके स्थान पर उसमें कालीमिर्च के दाने डालकर 2-3 मुनक्का को सुबह के समय में बच्चों को खिलाने से यह रोग जल्दी ही ठीक हो जाता है।

बच्चों के इस रोग को ठीक करने के लिए खजूर तथा छुहारे अधिक मात्रा में बच्चों को खिलाने चाहिए।

रोजाना रात को सोने से पहले बच्चे को एक चम्मच शहद खिलाना चाहिए।
एक चम्मच शहद को एक कप पानी में घोलकर 4-5 दिन तक बच्चे को 
पिलाने से बच्चे का बिस्तर पर पेशाब करना बंद हो जाता है।

काले तिल को पीसकर चूर्ण बनाकर बच्चों को चटाने से बच्चों के इस प्रकार के रोग जल्दी ही ठीक हो जाते हैं।

जब बच्चों को बिस्तर पर पेशाब करने का रोग हो जाता है तो तुरन्त ही बच्चों को भोजन में चावल, केला, दूध तथा मट्ठा आदि देना बंद कर देना चाहिए।

बच्चे के पेड़ू पर मिट्टी की गीली पट्टी तथा उसकी रीढ़ पर 8-10 मिनट के लिए गर्म -ठंडा सेंक करने से बच्चे का यह रोग ठीक हो जाता है।

बच्चे की धूप में मालिश करने से उसका बिस्तर पर पेशाब करना बंद हो जाता है।

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