Friday 4 September 2015

सोरियासिस Psoriasis


















सोरियासिस

सोरियासिस एक प्रकार का चर्म रोग है जिसमें त्वचा में सेल्स की तादाद बढने लगती है।चमडी मोटी होने लगती है और उस पर खुरंड और पपडियां उत्पन्न हो जाती हैं। इस रोग के भयानक रुप में पूरा शरीर मोटी लाल रंग की पपडीदार चमडी से ढक जाता है। यह रोग अधिकतर कोहनी, घुटनों और खोपडी पर होता है।

चिकित्सा विज्ञानियों को अभी तक इस रोग की असली वजह का पता नहीं चला है। फ़िर भी अनुमान लगाया जाता है कि शरीर के इम्युन सिस्टम में व्यवधान आ जाने से यह रोग जन्म लेता है। इम्युन सिस्टम का मतलब शरीर की रोगों से लडने की प्रतिरक्षा प्रणाली से है। यह रोग आनुवांशिक भी होता है जो पीढी दर पीढी चलता रहता है। सर्दी के दिनों में इस रोग का उग्र रूप देखा जाता है। कुछ रोगी बताते हैं कि गर्मी के मौसम में और धूप से उनको राहत मिलती है। एलोपेथिक चिकित्सा मे यह रोग लाईलाज माना गया है। उनके मतानुसार यह रोग सारे जीवन भुगतना पडता है। लेकिन कुछ कुदरती चीजें हैं जो इस रोग को काबू में रखती हैं और रोगी को सुकून मिलता है।

बादाम १० नग का पावडर बनाले। इसे पानी में उबालें। 
यह दवा सोरियासिस रोग की जगह पर लगावें। रात भर लगी रहने के बाद सुबह मे पानी से धो डालें। यह नुस्खा अच्छे परिणाम प्रदर्शित करता है।

एक चम्मच चंदन का पाउडर लें। इसे आधा लिटर में पानी मे उबालें। तीसरा हिस्सा रहने पर उतारलें। अब इसमें थोडा गुलाब जल और शकर मिला दें। यह दवा दिन में ३ बार पियें।

पत्ता गोभी सोरियासिस में अच्छा प्रभाव दिखाता है। उपर का पत्ता लें। इसे पानी से धोलें।हथेली से दबाकर सपाट कर लें।इसे थोडा सा गरम करके प्रभावित हिस्से पर रखकर उपर सूती कपडा लपेट दें। यह उपचार लम्बे समय तक दिन में दो बार करने से जबर्दस्त फ़ायदा होता है।

अपरस वाले भाग को नमक मिले पानी से अच्छी तरह धोकर जैतून का तेल लगना काफी असरदार रहता है।

पत्ता गोभी का सूप सुबह शाम पीने से सोरियासिस में लाभ होते देखा गया है। प्रयोग करने योग्य है।

शिकाकाई पानी मे उबालकर रोग के धब्बों पर लगाने से नियंत्रण होता है ।
इस रोग को ठीक करने के लिये जीवन शैली में बदलाव करना जरूरी है। सर्दी के दिनों में 4 लीटर और गर्मी के मौसम मे 6 से 7 लीटर पानी पीने की आदत बनावें। इससे विजातीय पदार्थ शरीर से बाहर निकलेंगे।

धूम्रपान करना और अधिक शराब पीना विशेष रूप से हानिकारक है। ज्यादा मिर्च मसालेदार चीजें न खाएं।

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