टाइफाइड बुखार से बचाव के लिए घरेलू इलाज
ऐसा बुखार जो बार-बार या कई दिनों तक बना रहता है तथा कम-ज्यादा होता रहता है, लेकिन कभी सामान्य नहीं होता। इसी तरह का टाइफाइड का इन्फेक्शन होने के एक सप्ताह बाद रोग के लक्षण नजर आने लगते हैं। कई बार दो-दो माह बाद तक इसके लक्षण दिखते हैं। टाइफाइड और बुखार का घरेलू इलाज से बचाव किया जा सकता है।
पान का रस, अदरक का रस और शहद को बराबर मात्रा में मिलाकर सुबह-शाम पीने से आराम मिलता है।
यदि जुकाम या सर्दी-गर्मी में बुखार हो तो तुलसी, मुलेठी, गाजवां, शहद और मिश्री को पानी में मिलाकर काढा बनाएं और पीएं। इससे जुकाम सही हो जाता है और बुखार भी जल्द ही उतर जाता है।
तीव्र ज्वर होने पर लोकी के टुकड़े से पांव के तलवे में मालिश करें। आंत्रिक ज्वर में खांसी होने पर आधा ग्राम सितोपलादि चूर्ण शहद मिलाकर दिन में दो-तीन बार चटाएं।
गर्मी के मौसम में टायफायड होने पर लू लगने के कारण बुखार होने का खतरा रहता है। ऐसे में आप कच्चे आम को आग या पानी में पकाकर इसका रस पानी के साथ मिलाकर पिये।
गिलोय का रस 5 ग्राम थोड़े से मधु के साथ मिलकर चाटकर खाएं।
जलवायु परिवर्तन की वजह से बुखार होने तुलसी की चाय पीने से आराम मिलता है। इसके लिए 20 तुलसी की पत्तियां, 20 काली मिर्च, थोड़ी सी अदरक, जरा सी दालचीनी को पानी में डालकर खूब खौलाएं। अब इस मिश्रण को आंच से उतारकर छानें और इसमें मिश्री या चीनी मिलाकर गर्म-गर्म पीयेँ।
तुलसी और सूरजमुखी के पत्तों का रस पीने से भी टायफायड बुखार ठीक होते हैं। करीब तीन दिन तक सुबह-सुबह इसका प्रयोग करें।
बुखार में रोगी को अधिक से अधिक आराम की जरूरत होती है। भोजन का खास ख्याल रखें। बुखार होने पर दूध, साबूदाना, चाय, मिश्री आदि हल्की चीजें खाएं। मिश्री का शर्बत, मौसमी का रस, सोडा वाटर और कच्चे नारियल का पानी जरूर पीये।
पानी खूब पीएं और पीने के पानी को पहले गर्म करें और उसे ठंडा होने के बाद पीये। अधिक पानी पीने से शरीर का जहर पेशाब और पसीने के रूप में शरीर से बाहर निकल जाता है।
लहसुन की कली पांच से दस ग्राम तक काटकर तिल के तेल में या घी में तलकर सेंधा नमक डालकर खाने से सभी प्रकार का बुखार ठीक होता है।
एक पका केला मैश कीजिये और उसमें एक चम्मच शहद के साथ मिश्रण करके दिन मे दो बार लें।
तेज बुखार आने पर माथे पर ठंडे पानी का कपड़ा रखें तो बुखार उतर जाता है और बुखार की गर्मी सिर पर नहीं चढ़ती है।
फ्लू में प्याज का रस बार-बार पीने से बुखार उतर जाता है और कब्ज में भी आराम मिलता है।
पुदीना और अदरक का काढ़ा पीने से बुखार उतर जाता है। काढ़ा पीकर घंटे भर आराम करें, बाहर हवा में न जाएं।
रोगी को अनाज से बने खाद्य पदार्थ सेवन नहीं करने चाहिए।
प्यास लगने पर शीतल जल कभी न पिएं।
रोगी को शीतल खाद्य पदार्थो खाने के लिए न दें।
कोष्ठबद्धता (कब्ज) होने पर अतिसार दस्त की औषधि सेवन न करें।
घी, दूध, मक्खन व तेल से बने खाद्य पदार्थो का सेवन न करें।
आंत्रिक ज्वर नष्ट होने पर भी रोगी को अधिक घी, मक्खन और अंडे, मांस मछली का सेवन न कराएं।
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