अदरक सुखाकर खाएंगे तो मिट जाएंगे ये रोग
भारत में चाय को खुशबूदार बनाने व सब्जी को मसालेदार बनाने में सदियों से अदरक का उपयोग किया जाता रहा है। यदि अदरक सिर्फ एक मसाला ही नहीं है, ये एक गजब की औषधि भी है। इसका उपयोग भी दो रूपों में किया जाता है। ताजा अदरक के रूप में व इसे सुखाकर सौंठ के रूप में। सिर्फ ताजा अदरक ही नहीं सौंठ को भी आयुर्वेद में जबरदस्त औषधि माना गया है।सौंठ में कफ नाशक गुण होने के कारण यह खांसी और कफ रोगों में उपयोगी है।
इसमें 1.6 से 2.44 प्रतिशत नाइट्रोजन होती है। इसके अलावा सौंठ में मुक्त अमीनो अम्ल जैसे - ग्लूटेमिक एसिड, एस्पार्टिक एसिड, सीरीन, प्लाइसीन थ्रीयोविन, ऐलेनीन अर्जीनीन, बेलीन, फिनाइल एलेन, एस्पेरेजीन, लायसीन, सीस्टीन, हिस्टीडीन, ल्यूसीन्स प्रोलीन और पाइकोलिक एसिड आदि मौजूद होते हैं। साथ ही, कार्बोहाइड्रेट, प्राेटीन, स्टार्च व ग्लूकोस, फ्रूक्टोस, सुक्रोस, रैफीनील भी पाए जाते हैं।
1. कमर दर्द
आधा चम्मच सौंठ का चूर्ण दो कप पानी में उबाल लें। जब पानी आधा कप रह जाए तब छानकर ठंडा कर उसमें दो चम्मच अरण्डी तेल मिलाकर उबालकर पिएं। ऐसा नियमित रूप से कुछ दिन करें कमर दर्द में ये उपाय रामबाण है।
2. आधा सिर दर्द
सौंठ को चंदन की तरह घिसकर उसका सिर पर लेप करें। कुछ देर रहने दें सिर दर्द गायब हो जाएगा।
3. आंखों में दर्द
सौंठ व नीम के पत्ते या निंबोली पीसकर उसमें थोड़ा सा सेंधा नमक डालकर गोलियां बना लें। गोली को मामूली गर्म कर आंखों पर बांधने से आंखों का दर्द कम हो जाता है।
4. पीलिया
सौंठ और गुड़ को पानी में मिलाकर नाक में उसकी बूंदे डालने से हिचकी दूर होती है। सौंठ और गुड़ साथ खाने से पीलिया भी मिटता है। सौंठ, आंवले और मिश्री का बारीक चूर्ण बनाकर सेवन करने से एसिडिटी खत्म होती है।
5. गर्भपात रोकने के लिए
महिलाओं को गर्भपात रोकने के लिए सौंठ, मुलहठी और देवदारू का दूध के साथ सेवन करना चाहिए। इससे गर्भ पुष्ट होता है।
6. पेट के कृमि खत्म करने के लिए
अदरक के रस की एक-एक चम्मच मात्रा दिन में दो बार नियमित रूप से लेने से पेट के कृमि दूर हो जाते हैं। अदरक का रस कान में डालने पर कान का दर्द ठीक हो जाता है।
7. कब्ज
कब्ज होने पर एक चम्मच सौंठ का पाउडर पानी में
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.