आयुर्वेदिक चाय
लाभ-- इस पेय के सेवन से शरीर में स्फूर्ति व मस्तिष्क में शक्ति आती है। पाचनक्रिया में सुधार होता है और भूख बढ़ती है । सर्दी, बलगम, खांसी, दमा, श्वास, कफजन्य ज्वर और न्युमोनिया जैसे रोग होने की सम्भावना कम हो जाती है । इसे ओजस्वी चाय नाम दें तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी ।
सामग्री
(१) गुलबनपशा २५ ग्राम
(२) छाया में सुखाये हुए तुलसी के पत्ते २५ ग्राम
(३) तज २५ ग्राम
(४) छोटी इलायची १२ ग्राम
(५) सोंफ १२ ग्राम
(६) ब्राह्मी के सूखे पत्ते १२ ग्राम
(७) छिली हुई जेठीमधु १२ ग्राम
विधि-- उपर्युक्त प्रत्येक वस्तु को अलग-अलग कूटकर चूर्ण बना के मिश्रित कर लें । जब चाय-कॉफी पीने की आवश्यकता महसूस हो, तब मिश्रण में से ५-६ ग्राम चूर्ण लेकर ४०० ग्राम पानी में उबालें । जब आधा पानी बाकी रहे तब नीचे उतारकर छान लें । उसमें दूध-खांड मिलाकर धीरे-धीरे पियें । चीन जैसे देशों में तो आयुर्वेदिक चाय का प्रचलन बढ़ रहा है,
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.