Wednesday 2 September 2015

स्त्री-स्वास्थ्य और आयुर्वेद













स्त्री-स्वास्थ्य और आयुर्वेद का बहुत गहरा सम्बन्ध रहा है । 
और भी हो सकता है अगर आधुनिक नारियां इसे गंभीरता से लें । आज कल 99% नारियां बीमार नज़र आ रही हैं और इसके कारण भी बहुत रोचक है ।
पुराने वक्त में बुखार, हरारत, सर्दी, खांसी जैसी छोटी-छोटी बीमारियों के लिए अजवाईन का काढा दे दिया जाता था । लोग आराम से पी भी लेते थे नतीजा यह था की लोग लम्बे समय तक शारीरिक क्षमता के अत्यधिक उपयोग के साथ जी भी लेते थे । 
किन्तु आज आज किसी महिला को आप अजवाइन फांकने को या काढा पीने को कहिये तो वह मुंह बना लेती हैं। अधिकाँश को तो उलटी होने लगेगी या उबकाई आ जाएगी। वे कहती हैं कि कोई टैबलेट या गोली दे दीजिये खा लेंगे। इन्हीं गोलियों और टैबलेट ने आज की बीमार नारियों को पैदा किया है । जहाँ पहले की महिलायें संयुक्त परिवार में रहकर ढेर सारे काम घर के भी, खेती के भी बिना थके कर लेती थी । वही आज सिर्फ अपने पति और बच्चे के साथ रहने वाली महिला थोड़ा सा काम करके ही थक जाती हैं और आये दिन बीमार रहती है । 

तमाम शोधों से यह बात तो सामने आ ही चुकी है कि दर्द निवारक गोलियां या अंग्रेजी दवाएँ साइड इफ़ेक्ट जरूर पैदा करती है । ये इफ़ेक्ट जहाँ शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को कम करते हैं वहीँ पाचन तंत्र पर भी बुरा प्रभाव डालते हैं । फिर अगर पेट ही बीमार हो तो सारे शरीर को बीमार होना ही है। इस बात को स्त्रियों को समझना होगी और उन्हें फिर से अपने घर की रसोई में मौजूद आयुर्वेदिक दवाओं की तरफ लौटना होगा । 

यदि आपको बुखार हो या थकान या हरारत या हल्का सर दर्द महसूस हो तो 5 ग्राम अजवाइन सादे पानी से फांक लीजिये । अजवाइन बुखार को शरीर में रहने नहीं देती और दर्द को जड़ से ख़त्म कर देती है जबकि कोई भी दर्द निवारक गोली सिर्फ दर्द को दबाती है जो शरीर के किसी और भाग में उभर कर सामने आता है । 

गर्भवती स्त्रियाँ यदि साढ़े आठ महीने बाद 3 ग्राम हल्दी दिन में एक बार पानी से फांक लें तो 100% सामान्य प्रसव होगा । किसी आपरेशन की जरूरत नहीं पड़ेगी। 

बच्चा पैदा होने के 5-6 दिन बाद मंगरैल का काढा जरूर 3-4 दिनों तक पिये । इससे सबसे बड़ा फायदा यह होगा की पेट बाहर नहीं निकलेगा वरना 90% महिलायें यही बताती है कि बच्चा होने के बाद पेट निकलना शुरू हुआ । 

बच्चा होने के बाद शरीर की मालिश बेहद जरुरी है और हल्दी के लड्डू खाने जरुरी है जो शरीर को नव जीवन तो देते ही हैं ज्वाइंट के रोग नहीं होने देते और ब्रेस्ट कैंसर और स्किन कैंसर से बचाते है ।

सभी महिलाओं को बचपन से ही पानी ज्यादा पीने की आदत डालनी चाहिए। ये पानी आपके शरीर को तमाम बीमारियों से दूर जरूर रखता है । पथरी, बवासीर, कब्ज, गैस, मोटापा, जोड़ो का दर्द, इतनी सारी बीमारियाँ ये अकेला पानी ही नहीं होने देता ।

ल्यूकोरिया या श्वेत-प्रदर की बीमारी शरीर को पूरी तरह खोखला कर देती है । किसी काम में मन नहीं लगता, कमर-दर्द, चेहरा निस्तेज हो जाना, हर वक्त बुखार सा रहना, ये सब ल्यूकोरिया के लगातार रहने की वजह से पैदा हो जाते है । 

किसी भी उम्र की महिला को सफ़ेद पानी गिरने की शिकायत हो रही है तो 2 केले, दो चम्मच देशी घी और आधा चम्मच शहद में मसल कर चटनी बना ले व एक महीने तक लगातार रोज खाएं ।

चेहरे पर दाग-धब्बे, झाइयां हो जाएँ तो दो चम्मच मंगरैल को सिरके में पीस तक पेस्ट बनाएं और रोज रात में लगाकर सो जाएँ । 20-25दिन में चेहरा साफ़ हो जायेगा । कास्मेटिक्स के ज्यादा प्रयोग से चेहरे पर झुर्रियां जल्दी आ जाती हैं और चेहरे की ताजगी खत्म हो जाती है । 

चेहरे पर कभी खीरे का रस लगाकर सो जाएँ, कभी टमाटर का रस, तो कभी हल्दी और बेसन का पेस्ट तो कभी फिटकरी के पानी से धो कर सोयें। ये ही सबसे अच्छे कास्मेटिक्स है ।

बच्चे न होने के लिए खाई जाने वाली कन्ट्रासेप्टिव पिल्स आपको बाँझ भी बना सकती है । सेक्स के प्रति रूचि भी ख़त्म कर सकती है और गर्भाशय से सम्बंधित कुछ और बीमारियाँ भी पैदा कर सकती है । जबकि सबसे अच्छी पिल्स तो आपकी रसोई में ही मौजूद है । जिस दिन पीरियड ख़त्म हो उसी दिन एक अरंडी का बीज पानी से निगल लीजिये। पूरे महीने बच्चा नहीं रुकेगा । या एक लौंग पानी से निगल लीजिये यह भी महीने भर आपको सुरक्षित रखेगी।

कोलेस्ट्राल बढ़ रहा हो तो रोज एक चम्मच मेथी का पाउडर पानी से निगल लीजिये ( सुबह सवेरे खाली पेट )

खून साफ़ रखने, प्रतिरोधक क्षमता बढाने और स्किन को जवान रखने के लिए आप एक चम्मच हल्दी का पाउडर ( लगभग ३-४ ग्राम) पानी से सुबह सवेरे निगल लीजिये, यह गले की भी सारी बीमारियाँ दूर कर देती है- टांसिल्स, छाले, कफ, आदि ख्त्म । आवाज भी सुरीली हो जायेगी।

खुद को फिट रखने का सही तरीका ये होगा की एक महीना हल्दी का पाउडर निगलिये, 
एक महीना मेथी का पाउडर, 
एक महीने तक सवेरे नीम की 10 पत्तियां चबा लीजिये, 
एक महीना तुलसी की 10 पत्तियाँ 10 दाने काली मिर्च के साथ चबाएं । 
फिर एक महीना सुबह सवेरे 100 ग्राम गुड का शरबत पीयें। 
एक महीना कुछ मत लीजिये । 
फिर अगले महीने से यही रुटीन शुरू कीजिए, आपको आपके बाल सुन्दर, चेहरा सुन्दर, स्किन सुन्दर, शरीर में भी अजीब सी ताजगी और क्या क्या चमत्कार दिखाई देगा, ये खुद ही जान जायेंगी। 

खुद को प्रकृति के नजदीक रखिये और स्वस्थ रहिये । कभी आपको डाक्टर के पास जाने की जरुरत नहीं पड़ेगी ।

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