आयुर्वेद शास्त्र के अनुसार स्त्री रोगों के लिए अजवाइन रामबाण औषधि है।
प्रसूता महिलाओं की कब्ज, गैस, जरायु विकारों को दूर करने में अजवाइन का कोई जवाब ही नहीं है।
ऋतुस्राव की अनियमितता को दूर करके उसे सामान्य बनाना, रक्तप्रदर की बीमारी में लाभ पहुंचाना तथा बांझपन की अवस्था में स्त्री को गर्भधारण योग्य बनाना भी अजवाइन का काम है।
प्रसवोपरान्त अजवाइन तथा गुड़ मिलाकर प्रयोग करने से लाभ मिलता है।
इस मिश्रण के प्रयोग से कटिपीड़ा का भी निदान होता है।
गर्भाशय शुद्ध होने के साथ ही उदर की गैस भी समाप्त हो जाती है।
भूख बढ़ जाती है तथा प्रसवोपरान्त का बुखार रूक जाता है।
बच्चे को जन्म देने के बाद प्रसूता के बदन पर अजवाइन के चूर्ण को नारियल तेल में मिलाकर मालिश करते रहने से उसमें शारीरिक सौन्दर्य बढ़ जाता है।
ऋतुस्राव के नियमित न होने की स्थिति में पीड़ा के साथ आने की स्थिति में तथा रूककर आने की स्थिति में महिला को अजवाइन का काढ़ा पिलाया जाता है।
काढ़े को सुबह-शाम एक कप की मात्रा में माहवारी प्रारंभ होने के दिन से तीन दिनों तक लेते रहने से माहवारी का क्रम सामान्य होने
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