Wednesday, 23 March 2016

सुहागा/ Borax

















सुहागा/ Borax

कनक क्षार, सुहागाचौकी, रसघ्न, धातु द्रावक, सौभाग्य, टंकण आदि सुहागा के नाम है। सुहागा पेट की जलन, बलगम, वायु तथा पित्त को नष्ट करता है, और धातुओं को द्रवित करता है।

सुहागे को पीसकर चुटकी भर चूसने से बैठी हुई आवाज खुल जाती है।
तवे पर सुहागा को सेंककर पीस ले। इसे चुटकी भर एक घूंट गर्म पानी में घोलकर रोजाना चार बार पीने से जुकाम और नज़ला ठीक हो जाता है।
एक चम्मच पिसा हुआ सुहागा एक बाल्टी पानी में मिलाकर नहाने से ज्यादा पसीना आना और शरीर से दुर्गन्ध आना बंद हो जाती है।

छोटा बच्चा रात को सोते हुए रोने लगे, दही की तरह जमे दूध की उल्टी करे, हरे रंग का अतिसार (दस्त) हो तो समझे कि बच्चे को खाया हुआ पचता नहीं है। बच्चे की पाचनशक्ति ठीक करने के लिए भुना सुहागा चुटकी भर दूध में घोलकर दो बार पिलाने से लाभ हो जाता है।

50 ग्राम सुहागे को तवे पर भूनकर पीस लें। एक चम्मच सुहागा, एक चम्मच नारियल का तेल और एक चम्मच दही को मिलाकर सिर में लगाकर अच्छे से मलिए और आधे घंटे के बाद सिर को धोने से सिर की फरास(सिकरी) समाप्त हो जाती है।

30 ग्राम भुना हुआ सुहागा और 100 ग्राम राई को पीसकर मैदा की छलनी से छान लें। इसे आधा चम्मच रोजाना डेढ़ महीना पानी से फंकी लें। तिल्ली सिकुड कर अपनी सामान्य अवस्था में आ जायेगी, पाचन प्रणाली अच्छी होगी और शरीर में शक्ति का संचार होगा।

सुहागे के तेल को चमड़ी पर लगाने से चमड़ी के सारे रोग ठीक हो जाते हैं।
लगभग एक ग्राम का चौथा भाग शुद्ध सुहागा शहद के साथ बच्चों को दिन में दो तीन बार देने से बच्चों की खांसी और सांस के रोग दूर होते हैं।

लगभग एक ग्राम का चौथा भाग सुहागा कान में दिन में दो बार डालने से कान के रोग ठीक हो जाते हैं।

आंख आने पर सुहागा और फिटकरी को एक साथ पानी में घोल बनाकर आंख को धोने और बीच-बीच में आई डरोप्स की तरह आंखों मे डालने से बहुत जल्दी लाभ होता है।

लगभग 75 ग्राम भुना हुआ सुहागा 100 ग्राम शहद में मिला ले इसे सोते समय एक चम्मच की मात्रा में लेकर चाटने से श्वास रोग में बहुत लाभ होता है।

भुने हुए सुहागे को पीसकर कपडे़ में छानकर सलाई से सुबह और शाम आंखों में लगाने से आराम आता है।

सुहागा को फुलाकर उसमें मिश्री मिलाकर बारीक पीस कर रोजाना मंजन करने से दांत साफ और मजबूत होते हैं। लकड़ी के कोयले में सुहागा मिलाकर बारीक पाउडर बना लें तथा बांस या नीम के दांतुन पर लगाकर मंजन करें। इससे दांत साफ और मजबूत होते हैं।

सुहागा, कलमी शोरा, फिटकरी, कालानमक और यवक्षार को पीसकर चूर्ण तैयार कर इसे तवे पर भूनकर दो दो ग्राम की मात्रा में शहद के साथ मिलाकर बच्चों को चटाने से कालीखांसी ठीक हो जाती है। भुना हुआ सुहागा और वंशलोचन को मिलाकर शहद के साथ रोगी बच्चे को चटाने से काली खांसी दूर हो जाती है।

20 ग्राम सुहागा और 10 ग्राम कपूर को 50 ग्राम उबले पानी में मिलाकर हल्के गर्म पानी के साथ धोने से बाल मुलायम तथा काले हो जाते हैं। 5 ग्राम सुहागा और 10 ग्राम कच्चे सुहागे को 250 ग्राम पानी में डालकर उबाल लें। इसके ठंडा होने पर बालों को धोने सें बाल मजबूत बनते हैं।
भुना हुआ सुहागा और शहद को मिलाकर बच्चे के मसूढ़ों पर धीरे-धीरे मलें। इससे दांत आसानी से निकल आते हैं तथा मसूड़ों का दर्द कम होता है।

10 ग्राम भुना सुहागा और 10 ग्राम पिसी हुई मुलहठी लेकर चूर्ण बना लें। इसमें से लगभग एक ग्राम का चौथा भाग चूर्ण में शहद मिलाकर मसूड़ों पर मलें। इससे बच्चों के दांत निकलते समय दर्द नहीं होता तथा बार-बार दस्त आना बंद हो जाता है।

सुहागा और हीराबोल को मिलाकर रोजाना दो से तीन बार मसूढ़ों पर धीरे-धीरे मलें। इससे दांतों व मसूढ़ों के सभी रोग ठीक होकर पायरिया रोग दूर होता है।

तीन ग्राम सुहागा भुना और नीलाथोथा भुना हुआ पीसकर अदरक के रस में बाजरे के बराबर आकार की गोलियां बनाकर छाया में सुखा लेते हैं। एक एक गोली मां के दूध के साथ सेवन करने से निमोनिया रोग ठीक हो जाता है।

एक चुटकी फूला सुहागा, एक चुटकी फूली फिटकरी, एक चम्मच तुलसी का रस, एक चम्मच अदरक का रस, आधा चम्मच पान के पत्तों के रस को एक साथ मिलाकर शहद के साथ सुबह-शाम सेवन करने से निमोनिया के रोग मे लाभ होता है।

20 ग्राम सुहागा और 20 ग्राम कपूर को बारीक पीसकर पानी में घोलकर बाल धोने से बालों का गिरना कम हो जाता है।

20 ग्राम सुहागा और 20 ग्राम फिटकरी को 250 ग्राम पानी में मिलाकर सिर पर मालिश करने से सिर की जूएं मर जाती है।

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