Thursday 24 March 2016

थायराइड - लक्षण और घरेलू उपचार
















थायराइड के लक्षण और घरेलू उपचार

थायराइड की समस्या आजकल एक गंभीर समस्या बनी हुई है। थाइराइड गर्दन के सामने और स्वर तंत्र के दोनों तरफ होती है। ये तितली के आकार की होती है।

थायराइड दो तरह का होता है। हाइपरथायराइडिज्म और हाइपोथायराइड। पुरूषों में आजकल थायराइड की दिक्कत बढ़ती जा रही है। थायराइड में वजन अचानक से बढ़ जाता है या कभी अचानक से कम हो जाता है। इस 
रोग में काफी दिक्कत होती है।

आयुर्वेद में थायराइड को बढ़ने से रोकने के बेहद सफल प्रयोग बताएं गए हैं।

पुरूषों में थायराइड के लक्षण ( Thyriod Symptoms for men ) :
सामान्यत पुरूषों में थायराइड की समस्या के कुछ लक्षणों में सबसे पहला लक्षण है अचानक से वजन का बढ़ना या फिर अचानक से वजन का कम होना।

दूसरा मुख्य लक्षण है जल्दी ही थकान का लगना।

तीसरा लक्षण गर्दन में दर्द या सूजन का होना।

चौथा लक्षण है भूख न लगना और पसीना अधिक आना आदि।

थायराइड के मुख्य कारण:-

थाइराइड कई कारणों से हो सकता है। जिसके मुख्य कारण हैं।
बेवजह की दवाओं का सेवन करना और उनका प्रतिकूल प्रभाव पड़ने से थाइराइड हो सकता है।

टोंसिल्स, सिर और थाइमस ग्रंथि की परेशानी में एक्स रे कराना भी थाइराइड का कारण बन सकता है।

अधिक तनाव या टेंशन लेने का असर थायराइड ग्रंथि पर पड़ता है। जिस वजह से हार्मोन निकलने लगता है।

परिवार में किसी को पहले से ही थायराइड की समस्या हो तो यह भी एक मुख्य कारण बन सकता है। 

अन्य लक्षण जैसे नींद अधिक आना, आंखों में सूजन होना, जोड़ों में दर्द बने रहना, आवाज का भारी होना और लगातार कब्ज बने रहना आदि।
थायराइड की वजह से हड्डियां सिकुडने लगती हैं और मांसपेशियां भी कमजोर होने लगती हैं। ऐसे में खून की नियमित जांच करवानी चाहिए। अपने खाने में जितना हो सके हरी सब्जियों का सेवन करें। 

थायराइड की समस्या को ठीक करने के प्राचीन आयुवेर्दिक उपाय:-

* अदरक
अदरक में मौजूद गुण जैसे पोटेशियम, मैग्नीश्यिम आदि थायराइड की समस्या से निजात दिलवाते हैं। अदरक में एंटी-इंफलेमेटरी गुण थायराइड को बढ़ने से रोकता है और उसकी कार्यप्रणाली में सुधार लाता है।

* दही और दूध का सेवन
थायराइड की समस्या वाले लोगों को दही और दूध का इस्तेमाल अधिक से अधिक करना चाहिए। दूध और दही में मौजूद कैल्शियम, मिनरल्स और विटामिन्स थायराइड से ग्रसित पुरूषों को स्वस्थ बनाए रखने का काम करते हैं।

* मुलेठी का सेवन
थायराइड के मरीजों को थकान बड़ी जल्दी लगने लगती है और वे जल्दी ही थक जाते हैं। एैसे में मुलेठी का सेवन करना बेहद फायदेमंद होता है। मुलेठी में मौजूद तत्व थायराइड ग्रंथी को संतुलित बनाते हैं। और थकान को उर्जा में बदल देते हैं। मुलेठी थायराइड में कैंसर को बढ़ने से भी रोकता है।

* गेहूं और ज्वार का इस्तेमाल
थायराइड ग्रंथी को बढ़ने से रोकने के लिए आप गेहूं के ज्वार का सेवन कर सकते हो। गेहूं का ज्वार आयुर्वेद में थायराइड की समस्या को दूर करने का बेहतर और सरल प्राकृतिक उपाय है। इसके अलावा यह साइनस, उच्च रक्तचाप और खून की कमी जैसी समस्याओं को रोकने में भी प्रभावी रूप से काम करता है।

* साबुत अनाज
जौ, पास्ता और ब्रेड़ आदि साबुत अनाज का सेवन करने से थायराइड की समस्या नहीं होती है क्योंकि साबुत अनाज में फाइबर, प्रोटीन और विटामिन्स आदि भरपूर मात्रा होता है जो थायराइड को बढ़ने से रोकता है।

* फलों और सब्जियों का सेवन
थायराइड की परेशानी में जितना हो सके फलों और सब्जियों का इस्तेमाल करना चाहिए। फल और सब्जियों में एंटीआक्सिडेंटस होता है। जो थायराइड को कभी बढ़ने नहीं देता है। सब्जियों में टमाटर, हरि मिर्च आदि का सेवन करें।

* आयोडीन का प्रयोग
हाल ही में हुए नए शोध में यह बात सामने आई है कि आयोडिन में मौजूद पोषक तत्व थायराइड ग्रंथी की कार्यप्रणाली को ठीक रखता है।
थायराइड एक गंभीर समस्या है सही समय पर पता चलने से इसका बचाव किया जा सकता है। पुरूषों के पास समय का आभाव कम होता है लेकिन वे थायराइड के लक्षणों को नजरअंदाज न करें। समय पर जांच करवाते रहें और अपने खान पान में ध्यान दें। READ: साइलेंट हार्ट अटैक - कारण और इलाज

* गले को दें ठंडी गर्म सेंक
थायरइड की समस्या में गले को ठंडी-गर्म सेंक देने से फायदा मिलता है। इसके लिए आप गर्म पानी को एक बोतल में भर लें और अलग से ठंडे पानी को किसी बर्तन में भर लें। ठंडे पानी में एक तौलिया भी भिगों लें।और इसे इस तरह से गर्दन की सिकाई करें।

तीन मिनट गर्म पानी से सिकाई और फिर एक मिनट तक ठंण्डे पानी से सिकाई। एैसा आप तीन बार करें। और चौथी बारी में तीन मिनट ठण्डी और तीन मिनट गर्म पानी की सेंक करें।

इस उपाय को आप दिन में कम से कम दो बारी जरूर करें।

* योग
योग के जरिए भी थाइराइड की समस्या से निजात पाया जा सकता है। आपको भुजंगासन, ध्यान लगाना, नाड़ीशोधन, मत्स्यासन, सर्वांगासन और बृहमद्रा आदि करना चाहिए।

* बृहमद्रासन
इस आसन में सीधा बैठकर अपनी गर्दन को दांए-बाएं और उपर-नीचें चलाएं।

* परहेज
आप जितना हो सके चावल, मैदा, मिर्च-मसाले, खटाई, मलाई, अंडा, अधिक नमक का सेवन बंद कर दें। आप नमक में सेंधा नमक का इस्तेमाल कर सकते हैं।

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