Monday 21 March 2016

ठंडाई















ठंडाई

ग्रीष्म ऋतु में जब शरीर में अतिरिक्त उष्णता बढ़ जाने से कुछ व्याधियाँ उत्पन्न होती हैं, तब दिन में एक बार ठंडाई का सेवन करने से बड़ी राहत मिलती है। शरीर में तरोताजगी एवं चुस्ती-फुर्ती बनी रहती है। शरीर को पोषण भी मिलता है और गर्मी का मुकाबला करने की क्षमता और शक्ति भी मिलती है।

यूँ तो ठंडाई का मसाला बाजार में तैयार मिलता है, जिसे लाकर घोंट-छानकर सेवन किया जा सकता है पर घर में बना मसाला ज़्यादा पौष्टिक और स्वादिष्ट और सस्ता होगा.
जो व्यक्ति सभी द्रव्यों को अलग-अलग खरीदकर लाना चाहे और सब द्रव्यों को उचित मात्रा में मिलाकर घर पर ही ठंडाई का मिश्रण तैयार करना चाहे, वो इस नुस्खे का उपयोग कर सकते हैं। ऐसा करना गुणवत्ता, शुद्धता एवं प्रत्येक द्रव्य को उचित मात्रा में मिश्रण करने की दृष्टि से अच्छा ही होगा।
खरबूज , तरबूज , खीरा ,पेठा और बादाम के बीज ये पांच मगज है जो दिमाग को तरावट देते है और दिमाग को मज़बूत बनाते है.

सामग्री : धनिया, खसखस के दाने, पांचो मगज , गुलाब के फूल, काहू के बीज, खस कुलफे के बीज, सौंफ, काली मिर्च, सफेद मिर्च और कासनी, सभी 11 द्रव्य 50-50 ग्राम। छोटी इलायची, सफेद चन्दन का बूरा और कमल गट्टे की गिरी, तीनों 25-25 ग्राम। इन सबको पीस लें और बोतल में भर लें।

एक बात का खयाल रखें कि कमल गट्टे की गिरि और चन्दन का बूरा खूब सूखा हुआ होना चाहिए। कमल गट्टे के पत्ते और छिलके हटाकर सिर्फ गिरि ही लेना है। इस मिश्रण की 10 ग्राम मात्रा एक व्यक्ति के लिए काफी होती है। जितने व्यक्तियों के लिए ठंडाई घोंटना हो, प्रति व्यक्ति 10 ग्राम के हिसाब से ले लेना चाहिए।

बनाने के चार-पाँच घंटे पहले प्रति व्यक्ति एक छोटे चम्मच के हिसाब से भिगो दें। अधिक पौष्टिक बनाने के लिए भीगी, कतरी हुई बादाम भी मिला लें।केसर मिलाकर इसे और भी स्वादिष्ट बनाइये. इसे ठंडे पानी या दूध की सहायता से छानें। चीनी या मिश्री मिलाकर ठंडी-ठंडी पीएँ।

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