Friday, 18 March 2016

पान के पत्ते के औषधीय गुण














पान के पत्ते के औषधीय गुण

पान भारत के इतिहास एवं परंपराओं से गहरे से जुड़ा है। भारतीय संस्कृति में पान को हर तरह से शुभ माना जाता है। इसके अलावा पान का रोगों को दूर भगाने में भी बेहतर तरीके से इस्तेमाल किया जाता है। खाना खाने के बाद और मुँह का जायका बनाए रखने के लिए पान बहुत ही कारगर है। कई बीमारियों के उपचार में पान का इस्तेमाल भी लाभकारी सिद्ध होता है। 
पान के पत्ते के कुछ औषधीय गुण -

पान के पत्तों में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, टैनिन, कैल्शियम, फॉस्फोरस, आयोडीन व पोटेशियम जैसे मिनरल्स प्रचुर मात्रा में होते हैं।

सर्दी-जुकाम में इनका उपयोग आयुर्वेदिक इलाज के रूप में कैसे किया जा सकता है आज आपको बताते हैं ।

- हल्दी का टुकड़ा सेंककर पान पत्ते में डालकर खाने से लाभ होगा।

- रात में तेज खांसी चलती हो तो पान के पत्ते में अजवाइन व मुलैठी का टुकड़ा डालकर खा सकते हैं।सरकारी नौकरी देखने के लिए यहाँ क्लिक करें

- बच्चों को सर्दी-जुकाम हो तो एक पत्ते पर हल्का गर्म सरसों का तेल लगाकर बच्चों के सीने पर रखने से आराम मिलता है।

- 2-3 पत्तों के रस में शहद मिलाकर दिन में दो बार लेने से लाभ होगा। बच्चों को आधा चम्मच रस ही दें।

ये न करें- 
हालांकि चरक संहिता में बतौर माउथ फ्रेशनर इलायची, लौंग, जावित्री के साथ पान पत्ता खाना बताया गया है। लेकिन जिन्हें टीबी, पित्त संबंधी रोग, नकसीर, त्वचा व गले में रूखापन, आंखों से जुड़ी समस्या या बेहोशी जैसी बीमारियां हों तो वे पान के पत्तों का उपयोग न करें।

No comments:

Post a Comment

Note: only a member of this blog may post a comment.