Sunday, 6 September 2015

नकसीर के घरेलू उपचार















नकसीर के घरेलू उपचार

चिलचिलाती धूप में अक्सर बहुत से लोगों को नाक से खून बहने की शिकायत होती है, इसे नकसीर भी कहा जाता है। यह मौसम के अनुसार शरीर में अधिक गर्मी बढ़ने से या अधिक गर्म पदार्थ का सेवन करने से भी हो सकता है।

नकसीर के कुछ आसन से घरेलू उपचार 

*नकसीर आने पर रुई के फाए को सफेद सिरका में भिगोकर उस नाक के नथुने में रखें, जिससे खून बह रहा हो, तुरन्त लाभ मिलता है।

*ठंडे पानी में भीगे हुए रुई के फाहों को नाक पर रखें। रुई के छोटे-छोटे फाहों को पानी में भिगोकर फ्रीजर में रख लें। इनसे सिकाई करने पर भी शीघ्र लाभ प्राप्त होता है ।

*जिस व्यक्ति को नकसीर चल रही है उसे बिठाकर सिर पर ठण्डे पानी की धार डालते हुए उसका सिर भिगों दें।

*प्याज को काटकर नाक के पास रखें और उसे लगातार सूंघें।

*थोड़ा सा सुहागा पानी में घोलकर नथूनों पर लगाऐं इससे भी नकसीर तुरन्त बन्द हो जाती है।

*साफ हरे धनिए की पत्तियों के रस की कुछ बूंदें भी नाक में डालने से फ़ायदा मिलता है।

*काली मिट्टी पर पानी छिड़ककर इस गीली मिट्टी की खुशबू सूंघें।

*नकसीर बहने पर कुर्सी पर बिना टेका लिए बैठ जाएं और नाक की बजाय मुंह से सांस लें।

*शीशम या पीपल के पत्तों को पीसकर या कूटकर , उसका रस नाक में 4-5 बूँद ड़ाल दिया जाए तो एक क्षण में ही आराम मिल जाता है।

*जिनको नकसीर की समस्या रह्ती है उन्हे ध्रूमपान से बिल्कुल परहेज़ करना चाहिए ।

*अगर शीशम के पत्ते पीसकर उनका शर्बत सवेरे शाम 15 दिन तक लगातार पीया जाए तो नकसीर की समस्या पूरी तरह खत्म हो जाती है।

*करीब 20 ग्राम मुल्तानी मिट्टी को कूट कर रात के समय मिट्टी के बर्तन में करीब एक गिलास पानी में डालकर भिगो दें। सुबह इस पानी को छान लें। इस साफ पानी को दो तीन दिन पिलाने से पुराने से पुराना नकसीर रोग भी हमेशा के लिए खत्म हो जाता है।

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