Wednesday 9 September 2015

कष्ट -निवारक स्वास्थ्यवर्धक प्रयोग













कष्ट -निवारक स्वास्थ्यवर्धक प्रयोग

१. अजवाइन बारह ग्राम सोंठ ,छ: ग्राम काला नमक तीन ग्राम कूट छान लें | तीन- तीन ग्राम गरम पानी से प्रात : सायं ले| इससे पेट दर्द और आफरा ठीक हो जाता हें | 

२. अजवायन तीन ग्राम नमक लाहोरी एक ग्राम को ( दोनों पीसकर ) गरम पानी से लें | इससे पेट दर्द निवारण होता हें |

३. कमलककड़ी के चूरन को दूध में उबालकर पीने से भयंकर से भयंकर कमर दरद में आराम मिलता हें|

४. तारपीन के तेल तथा तिल का तेल सममात्रा में मिलाकर गर्दन - कंधे पर सावधानीपूर्वक मालिश करे | इससे गर्दन -कंधे के दर्द का निवारण होता हें |

५. गायें की पतली छाछ दिन में दो-तीन बार पीये | जिगर की बढ़ी हुई गरमी को दूर करने के लिए चमत्कारी दवा हें|

६. एसिडिटी की तकलीफ हें तो समान मात्रा में लेकर अजवायन और जीरा को एक साथ भुन लें | फिर इस मिश्रण को पानी में उबालकर छान ले| इस छने हुए पानी में चीनी मिलाकर पीये, एसिडिटी में राहत मिलेगी | ( वन टी स्पून )

७. गेस रोग पर नुस्खा :- अजवाइन सौ ग्राम , निम्बू का रस चार सौ ग्राम, काला नमक पच्चीस ग्राम | 

नीबूं के रस में अजवाइन और नमक को चौड़े मुँह वाले शीशे या चीनी मिटटी के पात्र में डालकर सुरक्षित रखें | कुछ दिनों में निम्बू का रस सुख जायेगा , तब इस दवा का सेवन शुरु कर दें| 

रात मं सोने से पहले इस दवा की तीन ग्राम मात्रा पानी से लें| गेस की सारी शिकायत इस प्रयोग से दूर हो जाती हें|

८...पेट फूलने पर निवारक :--सोंफ को पानी में रात्रि के समय भिगो दें और उस सोंफ के पानी को थोडा -सा दूध मिलाकर पिलाते रहें,| इस प्रयोग को करने से पेट फूलना बंद हो जाता हें |

९. आफरा नाशक प्रयोग :-- एक चम्मच ( tea spoon ) पोदीने का रस , दो चम्मच शहद , एक चम्मच निम्बू का रस - एक साथ मिलाकर पीने से आफरा खत्म हो जाता हें|

१०. एक चम्मच आंवला के रस में एक चम्मच शहद मिलाकर पर्तिदिन दो बार पीने से पेट का अल्सर ठीक होता हें |

११. ज्यादा पेशाब निवारक नूस्खा :-- कुछ लोगों को पेशाब ज्यादा आता हें और वह उससे परेशान होते हें और कुछ समय आत सोते में उन का पेशाब पर निकल आता हें उन लोगों के लिए बेहतर हें कि वह तिलों में शक्कर या गुड मिलाकर चालीस ग्राम मात्रा तक हर रोज़ चबा-चबा कर खाएं| वह बीमारी दूर हो जायेगी |

१२. गठिया निवारक प्रयोग :-- कपूर दस ग्राम , तिल का तेल चार सौ ग्राम |
दोनों को एक शीशी में भरकर कसकर कार्क लगाकर धुप में सुबह रख दे | जब दोनों वस्तुएं मिलकर एकजान हो जाए , तब काम में लाये | इस तेल की मालिश से गठिया और अन्य वात - विकार अल्पसमय में ही ठीक हो जाते हें | 

१३. नासूर निवारक प्रयोग :-- पुराना शहद घाव में भरकर ऊपर से पट्टी बाँध दें | कुछ ही दिन में नासूर ठीक हो जाता हें |

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