Thursday, 17 September 2015

गर्दन व कंधें का दर्द
















गर्दन व कंधें का दर्द

गर्दन में स्थित रीढ़ की हड्डियों में लंबे समय तक कड़ापन रहने, उनके जोड़ों में घिसावट होने या उनकी नसों के दबने के कारण बेहद तकलीफ होती है। इस बीमारी को सर्वाईकल स्पौण्डिलाइटिस कहा जाता है। इसमें गर्दन एवं कंधों में दर्द तथा जकड़न के साथ-साथ सिर में पीड़ा तथा तनाव बना रहता है।

कंधे के दर्द को ठीक करने के लिए रोगी व्यक्ति को सबसे पहले अपने कंधे की मालिश करानी चाहिए तथा गर्म व ठंडी सिंकाई करवानी चाहिए ताकि यदि कंधे के पास की रक्त कोशिकाओं में रक्त जम गया हो तो उस स्थान पर रक्त का संचारण हो सके। इसके फलस्वरूप कंधे का दर्द ठीक हो जाता है।

शोभांजन की जड़ की छाल, फिटकरी, पुराना गुड़ व कटकरंज की भुनी भींगी। इन सभी को बराबर मात्रा में लेकर पानी के साथ पीसकर दर्द वाले स्थान पर लेप करने से कंधे के दर्द में आराम मिलता है।

अरंडी के तेल में लहसुन डालकर खूब अच्छी तरह पकाएं। जब लहसुन जल जाए तो उतार कर शीशी में रख लें। इस तेल से कंधे के दर्द में मालिश करें।

दशमूल काढ़ा 15-30 मि.ली. की मात्रा में दिन में दो तीन बार पीने से आराम मिलता है।

सौ ग्राम पीली सरसों के तेल को खूब गर्म करके उसमें पांच ग्राम ढेला कपूर, दो ग्राम अजवायन का सत्वे व दो ग्राम पिपरमेंट मिलाकर दर्द वाले स्थान पर लगाने से राहत मिलती है।

तारपीन का तेल तथा तिल का तेल बराबर मात्रा में लेकर कंधें की मालिश करें। रोगी को दर्द से छुटकारा मिल जाएगा।

अजवायन सत्व, पुदीने का सत्व व कपूर तीनों 10-10 ग्राम, तारपीन का तेल 20 बूंद, लौंग का तेल पांच बूंद सभी को मिलाकर बोतल में रख लें। जब सारी चीजें गल कर तरल हो जाएं, तो इसे कंधे व गर्दन पर दिन में तीन चार बार लगाएं। दर्द छू मंतर हो जाएगा।

पौष्टिक भोजन खाएं, विशेषकर ऐसा भोजन जो कैल्शियम और विटामिन डी से भरपूर हो।

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