Wednesday, 10 September 2014

सहजन की उपयोगिता













सहजन की उपयोगिता 

1.सहजन की छाल का पावडर रोज लेने से वीर्य की स्थिरता तथा पुरुषों में शीघ्रपतन की समस्या भी दूर होती है। 
छाल का पावडर, शहद और पानी से सेवन करे |

2.सहजन की पत्तियों का सूप टीबी, ब्रोंकाइटिस तथा अस्थमा पर
नियंत्रण करता है|

3.ताजी पत्तियों को निचो़ड़कर निकाले गए रस को एक चम्मच 
शहद तथा एक गिलास नारियल के पानी के साथ लेना चाहिए। 
इससे कॉलरा, डायरिया, डीसेंट्री, पीलिया तथा कोलाइटिस की समस्या में आराम मिलता है।

4.अगर पेशाब में अधिक मात्रा में यूरिया जा रहा हो तो मरीज को सहजन की ताजी पत्तियों के निचोड़े हुए रस के साथ खीरा या गाजर के रस के मिलाकर पिला दें।

5.सहजन की ताजा पत्तियों के निचोड़े हुए रस के साथ नींबू के रस से मुंहासों का इलाज किया जाता है। इससे ब्लेक स्पॉट्स हटते हैं साथ ही उम्र के कारण थकी और कांतिहीन त्वचा सुंदर हो जाती है। इसी के साथ ही सहजन के फूलों के साथ पत्तियां, सहजन के बीज और जड़ से शरीर में हुई गठानों का इलाज 
किया जा सकता है।

6.जड़ रूखी और स्वाद में कड़वी होती है लेकिन फेफड़ों के लिए बढ़िया टॉनिक के रूप में काम करती है। यह कफ को बाहर निकालती है। मूत्रवर्धक होने से मूत्र संबंधी विकारों का निवारण भी करती है।

No comments:

Post a Comment

Note: only a member of this blog may post a comment.