Friday, 29 January 2016

‎ताड़ासन‬












‎ताड़ासन‬

ताड़ासान योग की ही एक क्रिया है। ताड़ासन जैसा की नाम से ही विदित है ताड़ के पेड़ के समान। ताड़ासन एक ऐसी स्थिति हैं जब आपका शरीर ताड़ के पेड़ की तरह सीधा खड़ा होता है। इसी स्थिति को ‪#‎योग‬ में ताड़ासन कहा जाता है।

ताड़ासन करने की विधि
हाथों को ऊपर ले जाकर हथेलियों को मिलाएं और हथेलियां आसमान की तरफ होनी चाहिए। ऐसी स्थिति में दोनों हाथों की अंगुलियां भी आपस में मिली होनी चाहिए। ताड़ासन के दौरान कमर सीधी और नजरें भी सामने की तरफ और गर्दन सीधी होती हैं और शरीर का पूरा भार पंजों पर आ जाता हैं और पूरे शरीर की ताकत शरीर को एक तरफ खींचने में लगती हैं। ताड़ासन जब भी करें तो ध्यान रखें कि आपके आसपास की जगह खुली हो, आप चाहे तो पार्क में भी इस आसन को आराम से कर सकते हैं। 

ताड़ासन की स्थिति में लंबी सांस भरकर कम से कम 1 से 2 मिनट तक रूकना चाहिए और धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में आना चाहिए। फिर कुछ सेकेंड रूककर दोबारा इसी क्रिया को दोहराना चाहिए।

ताड़ासन के दौरान सावधानियां
ताड़ासन के दौरान बहुत सावधानी बरतनी होती है। आपको बॉडी बैलेंस के साथ ही यह भी ध्यान रखना होता है कि आपके हाथ धीरे-धीरे ऊपर की ओर जा रहे हैं तो आपकी एडियां भी उसी रफ्तार से ऊपर की ओर उठेंगी। हाथ और पैरों को उठाते हुए आपका पेट अंदर की ओर जाना चाहिए जिससे आपका बैलेंस अच्छी तरह से बन जाएं। ताड़ासन करने से पहले आपको अपने डॉक्टर या फिर योग विशेषज्ञ से सलाह ले लेनी चाहिए क्यों कि यदि आपके पैरों में कोई समस्या है तो आपको ताड़ासन करने से बचना चाहिए।

ताड़ासन के लाभ
ताड़ासन के बहुत लाभ हैं, जिन बच्चों की हाईट कम होती हैं उनके लिए ताड़ासन बहुत ही लाभदायक आसन हैं। यदि आपके पैरों या पंजों में बहुत दर्द रहता है तो आपको चाहिए कि आप ताड़ासन करना चाहिए, इससे आपके पैरों में मजबूती आएगी और पंजों में भी दर्द नहीं होगा। यदि आपका पाचन तंत्र कमजोर है या फिर आपको पेट संबंधी समस्याएं होती हैं तो आपको ताड़ासन करना चाहिए इससे आप स्वस्थ रहेंगे।

ताड़ासन से आप हष्ट-पुष्ट और सुडौल बनते हैं।

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