वमन (उल्टी ,vomit)-……
वमन या उल्टी कोई बड़ा रोग नहीं है बल्कि पेट की खराबी का ही एक रूप है । जब कभी कोई अनावश्यक पदार्थ पेट में अधिक एकत्रित हो जाता है तो उसे निकालने के लिए पेट प्रतिक्रिया करता है जिससे पेट में एकत्रित पदार्थ उल्टी द्वारा बाहर निकल जाता है | कभी – कभी अधिक\ उल्टी होने से रोगी के शरीर में पानी की कमी होने के साथ-साथ कमजोरी भी आ जाती है |
विभिन्न औषधियों द्वारा रोग का उपचार -
१- पुदीने और नींबू का रस बराबर मात्रा में मिला लें | यह एक चम्मच की मात्रा में ३-४ बार रोगी को पिलाने से उल्टी का बार- बार आना बंद हो जाता है |
२- १०-१० मिली पुदीना,प्याज़ और नींबू का रस मिलाकर थोड़ी- थोड़ी मात्रा में रोगी को पिलाने से हैजे में होने वाली उलटी में बहुत लाभ होता है |
३- तुलसी के पत्तों का रस पीने से उल्टी भी बंद हो जाती है और पेट के कीड़े भी मर जाते हैं| शहद और तुलसी का रस मिलाकर चाटने से जी मिचलाना और उल्टी ठीक होती है|
४- अगर उल्टी बंद न हो रही हो तो दो लौंग और थोड़ी सी दालचीनी लेकर एक कप पानी में डालकर उबाल लें और जब पानी आधा रह जाए तब छानकर रोगी को पिलायें| इससे उल्टी का बार-बार आना बंद हो जाता है|
५- उल्टी होने पर सूखा या हरा धनिया कूटकर पानी में डालकर फिर निचोड़कर ५ चम्मच रस निकाल लें | यह रस बार-बार रोगी को पिलाने से उलटी आनी बंद हो जाती है |
६- नींबू को काटकर इसमें चीनी और काली मिर्च भरकर चूंसने से उल्टी और जी मिचलाना बंद हो जाता है |
७- पका हुआ केला खाने से खून की उल्टी बंद हो जाती है |
८- २० ग्राम सौंफ और दस पुदीने के पत्तों को एक लीटर पानी में उबालकर छान लें और ठंडा करके थोड़ी-थोड़ी देर में रोगी को पिलायें | इससे उल्टी में बहुत आराम होता है |
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