शरीर को मजबूत बनाता है सुप्त वज्रासन
प्रत्येक व्यक्ति सुख और शांति की तलाश करता है। सुख शांति की प्राप्ति के लिए सबसे जरूरी है व्यक्ति का स्वस्थ होना। शारीरिक और मानसिक रूप से पूरी तरह स्वस्थ व्यक्ति ही शांति या सुख का अनुभव करता है और यह तभी संभव है जब वह योगासन का तरीका अपनाए।
योगासन में सुप्त वज्रासन बेहद लाभप्रद योग माना जाता है। सुप्त वज्रासन रक्तचाप को सामान्य करने में मददगार साबित होता है।
* इस आसन को करने से पेट, जंघाओं और घुटनों पर खिंचाव आता है। * इससे इन अंगों की क्रियाशीलता बढ़ती है।
* मोटापा दूर करने में भी यह आसन बेहद लाभकारी है।
* यह योग शरीर की फालतू चर्बी को घटाता है।
* सुप्त वज्रासन को करने के लिए पहले वज्रासन की मुद्रा में आना पड़ता है।
* वज्रासन में बैठकर ही सुप्त वज्रासन किया जाता है।
* यह वज्रासन से आगे के क्रम का अत्यंत लाभकारी आसन है।
* सुप्त वज्रासन करने के लिए सबसे पहले वज्रासन में सीधे बैठकर शरीर को साधें। पीछे से दोनों पैरों को खोलकर नितम्बों को जमीन पर टिका दें। अब सांस भरते हुए दाईं कोहनी भूमि पर टिकाते हुए पीछे की ओर झुकें। फिर बाईं कोहनी को टिकाते हुए कमर को भूमि पर लगा दें। अब हाथों का तकिया बनाकर सिरहाने लगाएं या फिर हाथों को सीधा रखते हुए जंघाओं पर रखें। सांस लेते और छोड़ते रहें।
आसन के दौरान अपना ध्यान, आज्ञा चक्र, या अनाहत चक्र पर टिकाएं। आसन के दौरान मन को शांत रखें।
अब वापस आने के बाद भी कोहनियों को टिकाते हुए उसी क्रम से वापस आकर वज्रासन में बैठें। शुरुआत में यह आसन करने में कठिन लगता है,
लेकिन एक बार सध जाने के बाद यह पूरे शरीर को दर्द से छुटकारा दिलाता है।
इस आसन को करने से सभी अंग-प्रत्यंग में मजबूती आती है।
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