'वात/गैस' के प्रकोप और 'वात/गैस-नाशक' प्रभावी नुस्खा"
1/. अचानक मौसम बदलने से, ज़्यादा भाग दौड़ होने से, भय-तनाव के वातावरण से, पँखे के नीचे सोने से, अप्राकृतिक आहार से, पाचनतंत्र की कमजोरी से और वृद्धावस्था जैसी स्थिति में शरीर के अन्दर 'वात/गैस' यानि 'वायु-तत्व' शरीर में बढ़ने लग जाता है, परिणामस्वरूप शरीर के अंदर नाना प्रकार के रोग होने की संभावना प्रबल हो जाती है.
2/. वात का प्रकोप होने के कारण शरीर के जो अंग कमज़ोर होते हैं उन पर यह वायु हमला करती है और उन अंगों को बीमार बना देती है, परिणामस्वरूप शरीर या तो फूलने लगता है या फिर सूख जाता है.
3/. शरीर में वात का प्रकोप बढ़ने से जोड़-दर्द, उच्च-रक्तचाप, मधुमेह, थायराइड, दमा, रक्त नलिका में अवरोध, कब्ज, रूखी-त्वचा और रूखे-बाल आदि व्याधियों की सँभावनाएँ शुरू हो जाती हैं.
4/. वात या गैस से छुटकारा पाने के लिए शाम को एक प्याला गरमा-गरम वात-नाशक खिचड़ी का सेवन करने के बाद उसके ऊपर कुछ गरमा-गरम कढ़ी, गर्मागर्म सूप या फिर गरम-गरम पानी आदि का सेवन करें. यह क्रम कम से कम एक माह तक लगातार जारी रखें.
सादा खिचड़ी बनाने के लिए बिना पॉलिश किए हुए अर्थात कुटे हुए सफेद या लाल चावल / बॉयल्ड-राईस (अगर ये ना मिलें तो कोई भी चावल) तथा हरी छिलके वाली मूँग की दाल का प्रयोग करें. वेजिटेबिल खिचड़ी बनाने के लिए इसमें हरी सब्जियाँ डालकर पकाएँ.
5/. पकाते समय मसाले एवं अन्य सामग्री के रूप में जीरा, सौंफ, हींग, काली-मिर्च, सैंधा-नमक, हल्दी, तेजपत्ता, दालचीनी थोड़ा सा गुड़ या खांड, लहसुन आदि डालें.
6/. खिचड़ी थोड़ा पतली एवं खूब नरम पकाएँ.
7/. अच्छे एवं त्वरित परिणाम के लिए, हो सके तो खिचड़ी को मिटटी के बर्तन में ही पकाएँ. अगर मिट्टी के बर्तन उपलब्ध न हों तो स्टील के बर्तन में मध्यम आँच पर उबालकर पकाएँ. कहने का तात्पर्य यह कि खिचड़ी को प्रेशर-कूक करके ना पकाएँ.
8/. अब गरमागरम एक प्याला खिचड़ी में 2 से 3 छोटी चम्मच देशी गाय का घी डालें.
9/. खिचड़ी में घी डालने के बाद घी और खिचड़ी को मिलाने के लिए चम्मच का इस्तेमाल ना करें, घी एवं खिचड़ी को 'सहते हुए' हाथ से ही मिलाएँ और हाथ से ही खाएँ भी.
10/. जैसा कि पहले भी बताया जा चुका है करीब एक प्याला खिचड़ी खाने के बाद ऊपर से गर्म कढ़ी, गरम-गरम सूप या गर्म पानी की थोड़ी सी (1 कप) मात्रा का सेवन अवश्य करें.
नोट:-
1/. सब्जियाँ मिलाकर पकी हुई अर्थात वेजिटेबिल खिचड़ी का सेवन करें तो यह अपने आप में एक स्वास्थ्यवर्धक वात-नाशक पूर्ण आहार सिद्ध होगा.
2/. यह अत्यंत ही कारगर वात-नाशक उपाय है इसे लगातार एक माह तक जारी रखें. यह रात्रिकालीन भोजन हो गया इसके बाद रात में अन्य किसी भी प्रकार का भोजन ग्रहण न करें.
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