चावल के घरेलू नुस्खे....!
* चावल से तो प्रायः सभी परिचित होंगे, भारत के कई प्रदेशों में चावल मुख्य भोजन के रूप में शामिल है। चावल बहुत गुणकारी होता है, यह हलका व सुपाच्य भोज्य है, इसे बीमार तथा स्वस्थ सभी लोग पसंद करते हैं। पुराना चावल ज्यादा सुस्वादु लगता है।
* यदि रात्रि के भोजन में रोटी कम खाएं और चावल प्रतिदिन खाएं तो यह हलका भोजन आपका स्वास्थ्य ठीक रखेगा।
* तीन साल पुराना चावल काफी स्वादिष्ट व ओजवर्धक होता है। चावल को मांड सहित खाना चाहिए। मांड अलग कर देने से चावल के प्रोटीन, खनिज, विटामिन्स निकल जाते हैं और यह बेकार भोजन कहलाता है।
* मांड यानी चावल पकाते समय बचा हुआ गाढ़ा सफेद पानी होता है। इसमें प्रोटीन, विटामिन्स व खनिज होते हैं जो स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होते हैं।
* जिनका पेट कमजोर हो यानी जो आसानी से भोजन न पचा पाते हों, उन्हें चावल में दूध मिलाकर 20 मिनट तक ढंककर रख दें, फिर खिलाएं तो आराम होगा।
* चावल के औषधीय उपयोग भी हैं, कई रोगों में यह लाभ करता है। सीने में या पेट में जलन, सूजाक, चेचक, मसूरिका, मूत्रविकार में नीबू के रस व नमक रहित चावल का मांड या कांजी सेवन करने से लाभ होता है।
* इसी प्रकार चावल, दाल (खासकर मूंग की), नमक, मिर्च, हींग, अदरक, मसाले मिलाकर बनाई गई खिचड़ी में घी मिलाकर सेवन करने से शरीर को बल मिलता है, बुद्धि विकास होता है व पाचन ठीक रहता है।
* अतिसार में चावल का आटा लेई की भांति पकाकर उसमें गाय का दूध मिलाकर रोगी को सेवन कराएं।
* पेट साफ न हो तो भात में दूध व शकर मिलाकर सेवन करने से दस्त के साथ पेट साफ हो जाता है। इसी के विपरीत भात को दही के साथ मिलाकर खाने से यदि दस्त लगे हों तो बंद हो जाते हैं।
* यदि भांग का नशा ज्यादा हो गया हो तो चावल धोकर निकाले पानी में खाने का सोडा दो चुटकी व शकर मिलाकर पिलाने से नशा उतर जाता है। यही पेय मूत्र विकार में भी काम आता है।
* सूर्योदय से पूर्व चावल की खील 25 ग्राम लेकर शहद मिलाकर खाकर सो जाएं। सप्ताहभर में आधासीसी सिर दर्द दूर हो जाएगा।
* यदि आप गर्भ निरोधक प्रयोग नहीं करना चाहते या गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन नहीं करना चाहते हों तो चावल धुले पानी में चावल के पौधे की जड़ पीसकर छान लें और इसमें शहद मिलाकर पिला दें। यह हानिरहित सुरक्षित गर्भनिरोधक उपाय है।
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