'फिटकरी' जिसने मनुष्य की काया 'फिट' करी उसका नाम 'फिटकरी'
फिटकरी को लोग सालों से काम में लेते आए हैं. फिटकरी आमतौर पर पानी को साफ़ करने के लिए, सदियों से, प्रायः-प्रायः सभी घरों में प्रयोग की जाती रही है. यह लाल व सफेद दो प्रकार की होती है. अधिकतर सफेद फिटकरी का प्रयोग ही किया जाता है.
फिटकरी के कुछ प्रमुख औषधीय गुण-
१/. a) फिटकरी और कालीमिर्च की बराबर-बराबर मात्रा पीसकर दाँतों की जड़ों में मलने से दाँतों के दर्द में काफी लाभ होता है.
b) फिटकरी को गर्म पानी में घोलकर प्रतिदिन सुबह-शाम कुछ दिनों तक लगातार कुल्ला करने से दाँतों के कीड़े ख़त्म हो जाते हैं व मुँह की बदबू दूर हो जाती है.
c) 100 ग्राम फिटकरी के चूर्ण में 50 ग्राम सैंधा नमक मिलाकर मंजन बना लें. इस मंजन के प्रतिदिन प्रयोग से दाँतों के दर्द में आराम मिलता है.
d) भुनी हुई फिटकरी = 10 ग्राम, भुना हुआ तूतिया = 5 ग्राम एवं कत्था = 10 ग्राम, इस अनुपात में कूट पीसकर मंजन बना लें. इस मंजन के नित्य इस्तेमाल करने से दाँतों की पीड़ा दूर होती है और दाँत मजबूत तथा सुदृढ़ होते हैं.
२/. जिन लोगों को शरीर से ज्यादा पसीना आने की समस्या हो तो पानी में फिटकरी घोलकर नहाएँ, पसीना आना कम हो जाता है.
३/. सर्दियों के समय में पानी में ज्यादा काम करने से हाथों की उंगुलियों में सूजन या खुजली हो जाती है. इससे बचने के लिए थोड़े पानी में अंदाजन थोड़ी सी फिटकरी डालकर उबाल लें.इस पानी द्वारा उंगलियाँ धोने से सूजन और खुजली में काफी आराम मिलता है.
४/. यदि चोट या खरोंच लगकर घाव हो गया हो और उससे खून बह रहा हो तो घाव को फिटकरी के पानी से धोने के बाद उस पर फिटकरी का चूर्ण बुरकने से खून बहना बंद हो जाता है.
५/. डेढ़ ग्राम फिटकरी पाऊडर को फाँककर ऊपर से सादा अथवा हल्दीयुक्त दूध पीने से चोट-दर्द दूर होता है.
६/. टॉन्सिल की समस्या होने पर एक गिलास गर्म पानी में चुटकी भर फिटकरी, चुटकी भर हल्दी चूर्ण और एक चम्मच नमक डालकर गरारे करें. इससे टॉन्सिल की समस्या में जल्दी आराम मिलता है.
७/. दस्त और पेचिश की परेशानी से बचने के लिए 1-2 चुटकी भुनी हुई फिटकरी को गुलाबजल के साथ मिलाकर पीने से खूनी दस्त आना बंद हो जाते हैं.
८/. एक लीटर पानी में 10 ग्राम फिटकरी का चूर्ण घोल लें. इस घोल से प्रतिदिन सिर धोने से सिर के जुएँ मर जाते हैं.
९/. सेविंग करने के बाद चेहरे पर फिटकरी लगाने से चेहरा मुलायम हो जाता है और यह एंटीसेप्टिक के रूप में ब्लेड के घाव से चेहरे की रक्षा भी करती है.
१०/. a) आधा ग्राम पिसी हुई फिटकरी को शहद में मिलाकर चाटने से दमा और खाँसी में बहुत लाभ मिलता है.
b) गर्म तवे पर फुलाई हुई फिटकरी 10 ग्राम और मिश्री 20 ग्राम इन दोनों को महीन पीसकर रख लें. करीब एक ग्राम मात्रा नित्य सवेरे खाने से दमा रोग में लाभ होता है.
११/. भुनी हुई फिटकरी 1-1 ग्राम सुबह-शाम पानी के साथ लेने से खून की उल्टी बंद हो जाती है.
१२/. कान में फुँसी अथवा मवाद हो तो फिटकरी के पानी की 2-4 बूँदें कान में डालें काफी आराम मिलेगा.
१३/. शहद में फिटकरी मिलाकर काजल या सुरमा की भांति आँखों में आँजने से आँखों की लाली समाप्त हो जाती है.
१४/. त्वचा में खुजली वाली जगह को फिटकरी वाले पानी से धोकर उस जगह पर थोड़े से सरसों के कड़वे तेल का लेप लगाकर उसके ऊपर थोड़ा सा कपूर का चूर्ण डाल लें. काफी लाभ मिलता है.
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