ज्वार ----
गेहूं की रोटी का बेहतर विकल्प है मोटे अनाज में ज्वार की रोटी। यह पोटेशियम और फास्फोरस के साथ ही कैल्शियम और आयरन से भरपूर है। यह वजन बढ़ने और हृदय विकार जैसे आर्टरीज में होने वाले ब्लॉकेज को रोकने में मददगार है।गर्मियों में ज्वार की रोटी , छाछ या कढी के साथ या साग के साथ सेवन करने से ठंडक देती है. तो हो जाए ज्वारी रोटी !!!!!!
ज्वार बहुत पौष्टिक होता है। इसमें बहुत ज्यादा फाइबर है। यह आटे की तरह लसलसा नहीं होता, जिससे यह डायबिटीज, आर्थराइटिस जैसी बीमारियों से बचाव में मदद देता है। यह हड्डियों और दांतों को भी मजबूत बनाता है।
ज्वार बवासीर और घावों में लाभदायक है। ज्वार की रोटी नित्य छाछ में भिगोकर खाएँ। शरीर बलवान होता है।
यह आटा गेहूं के आटे से कई गुना बेहतर होता है। ज्वार के आटे में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं। यह ग्लुटेन रहित और नॉन एलर्जिक होता है। यह फाइबर, फॉस्फोरस और आयरन का भंडार है। इसमें अल्कालाइन नहीं होता, जिससे यह आसानी से पच जाता है। ज्वार विटमिन बी कॉम्प्लेक्स का अच्छा स्त्रोत है। शाकाहारी लोगों के लिए ज्वार का आटा प्रोटीन का एक अच्छा स्रोत है। शोध बताते हैं कि यह कुछ खास प्रकार के कैंसर के खतरों को भी कम करता है। साथ ही यह हृदय और मधुमेह रोगियों के लिए आटे का अच्छा विकल्प है।
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