कटहल घरेलू उपचार
कटहल के फ़ल में कई प्रकार के महत्वपूर्ण प्रोटीन्स,कार्बोहाईड्रेट्स और विटामिन्स पाये जाते हैं। सब्जी के तौर पर इस्तेमाल किये जाने वाले कटहल से अचार और पापड भी बनाये जाते हैं।
कटहल की पत्तियों की राख में अल्सर को ठीक करने के गुण होते हैं।
पके हुए कटहल का गूदा निकालकर भली प्रकार मेश करें,फ़िर उबालकर ठंडा करें,यह मिश्रण पीना जबर्दस्त स्फ़ूर्तिदायक होता है। यह मिश्रण शरीर में टानिक का काम करता है।
कटहल के छिलकों से निकलने वाले दूध को गांठनुमा सूजन अथवा कटे-फ़टे चमडे ,घाव पर लगावें तो लाभ होता है।
कटहल की कोंपलों को कूटकर गोली बनालें। इनको चूसने से स्वर भंग और गले के रोगों में फ़ायदा होता है।
इसकी पत्तियों का रस शूगर रोगियों और उच्च रक्तचाप में लाभ पहुंचाता है।
कटहल की जड का काढा बनाकर दमा रोगी को पिलाना लाभप्रद होता है। इसमें केंसर से लडने के गुण भी हैं।
कटहल से मानव शरीर में प्रोटीन,कर्बोहायड्रेट और विटामिन्स की यथोचित आपूर्ति होती है।
इसमें अति न्यून मात्रा में केलोरी और फ़ेट होते है अत: वजन कम करने वालों के लिये भी उपयोगी है।
कब्ज रोग से परेशान व्यक्ति इसका नियमित इस्तेमाल करके कब्ज से छुटकारा पा सकते हैं।
कटहल की जड का उपयोग कई प्रकार के चर्म रोगों में सफ़लता से किया जा सकता है।
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.