Monday 16 June 2014

नकसीर (Epistaxis)-












नकसीर (Epistaxis)-

नाक में से खून बहने के रोग को नकसीर कहते हैं| नकसीर के रोग में अचानक पहले सिर में दर्द होता है और चक्कर आने लगते हैं,इसके बाद नाक से खून आने लगता है | यह रोग सर्दी की अपेक्षा गर्मी में अधिक होता है | नकसीर रोग ज़्यादा समय तक धूप में रहने से हो जाता है | कुछ लोग गर्म पदार्थों का सेवन अधिक करते हैं जिसकी वजह से भी नाक से खून निकल सकता है | 
नकसीर का उपचार विभिन्न औषधियों द्वारा किया जा सकता है -

१- तुलसी के पत्तों का रस ३-४ बूँद दिन में २-३ बार नाक में डालने से नकसीर में लाभ मिलता है | 

२- आधे कप अनार के रस में दो चम्मच मिश्री मिलाकर प्रतिदिन दोपहर के समय पीने से गर्मी के मौसम में नकसीर ठीक हो जाती है | | 

३- प्रतिदिन केले के साथ मीठा दूध पीने से नकसीर में लाभ होता है | यह प्रयोग लगातार दस दिन तक अवश्य करना चाहिए | 

४- बेल के पत्तों का रस पानी में मिलाकर पीने से नकसीर में लाभ मिलता है | 

५- लगभग १५-२० ग्राम गुलकंद को प्रतिदिन सुबह-शाम दूध के साथ खाने से नकसीर का पुराने से पुराना रोग भी ठीक हो जाता है | 

६- अगर ज़्यादा तेज़ धूप में घूमने की वजह से नाक से खून बह रहा हो तो सिर पर लगातार ठंडा पानी डालने से नाक का खून बहना बंद हो जाता है | 

७- गर्मियों के मौसम में सेब के मुरब्बे में इलायची (कुटी हुई) डालकर खाने में नकसीर में बहुत लाभ होता है | 

सावधानियां - नकसीर रोग में रोगी को भोजन में गर्म तासीर वाले पदार्थ तथा मिर्च मसालों का सेवन नहीं करना चाहिए तथा रोगी को धूप में घूमने और आग के पास बैठने से भी बचना चाहिए |

No comments:

Post a Comment

Note: only a member of this blog may post a comment.