Saturday 21 June 2014

"दमा रोग(asthama) के कुछ घरेलु उपाय"













"दमा रोग(asthama) को तुरंत नियंत्रित करने के एवं ठीक करने के कुछ घरेलु उपाय"

'श्वास अथवा दमा' श्वसन तंत्र की भयंकर कष्टदायी बीमारी है। यह रोग किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है। श्वास पथ की मांसपेशियों में आक्षेप होने से सांस लेने निकालने में कठिनाई होती है। खांसी का वेग होने और श्वासनली में कफ़ जमा हो जाने पर तकलीफ़ ज्यादा बढ जाती है। रोगी बुरी तरह हाँफ़ने लगता है।
एलर्जी पैदा करने वाले पदार्थ या वातावरण के संपर्क में आने से, बीड़ी-सिगरेट धूम्रपान करने से, ज्यादा सर्द या ज्यादा गर्म मौसम, सुगन्धित पदार्थों, आर्द्र हवा, ज्यादा कसरत करने और मानसिक तनाव आदि के प्रभाव से दमा का रोग उग्र हो जाता है।
यहाँ ऐसे घरेलू नुस्खों का उळ्लेख किया जा रहा है जो इस रोग को ठीक करने, दौरे को नियंत्रित करने और श्वास की कठिनाई में राहत देने वाले सिद्ध होते हैं:
१) पहाड़ी नमक को सरसों के तेल में मिलाकर छाती पर मालिश करने से फ़ौरन शांति मिलती है।
२) तुलसी के १५-२० पत्ते पानी से साफ़ करलें फ़िर उन पर काली मिर्च का पावडर बुरककर खाने से दमा मे राहत मिलती है।
३) तुलसी के पत्ते पानी के साथ पीस लें, इसमें दो चम्मच शहद मिलाकर सेवन करने से दमा रोग में लाभ मिलता है।
४) एक चम्मच हल्दी एक गिलास दूध में मिलाकर पीने से दमा रोग काबू में रहता है।एलर्जी नियंत्रित होती है।
५) दमा के दौरे को नियंत्रित करने के लिये हल्दी एक चम्मच दो चम्मच शहद में मिलाकर चाटलें।
६) शहद दमा की अच्छी औषधि है। शहद भरा बर्तन रोगी के नाक के नीचे रखें और शहद की गन्ध श्वास के साथ लेने से दमा में राहत मिलती है।
७) दमे का मरीज उबलते हुए पानी में अजवाईन डालकर उठती हुई भाप सांस में खींचे ,इससे श्वास-कष्ट में तुरंत राहत मिलती है।
८) लौंग ४-५ नग लेकर १०० मि.ली. पानी में उबालें आधा रह जाने पर छान लें और इसमें एक चम्मच शहद मिलाकर गरम-गरम पिएँ। ऐसा काढ़ा दिन में तीन बार पीने से रोग नियंत्रित होकर दमे में आशातीत लाभ होता है।
९) १० ग्राम मैथी के बीज, एक गिलास पानी में उबालें, तीसरा हिस्सा रह जाने पर ठंडा करलें और पी जाएँ। यह उपाय दमे के अलावा शरीर के अन्य अनेकों रोगों में फ़ायदेमंद है।
१०) एक केला छिलका सहित भोभर या हल्की आँच पर भून लें। छिलका उतारने के बाद काली मिर्च का पावडर उस पर बुरककर खाने से श्वास की कठिनाई तुरंत दूर होती है।
११) सूखे अंजीर ४ नग रात भर पानी मे गलाएं, सुबह खाली पेट खाएँ। इससे श्वास नली में जमा बलगम ढीला होकर बाहर निकलता है।
१२) सहजन की पत्तियाँ उबालें। छानकर उसमें चुटकी भर नमक, एक चौथाई निंबू का रस, और काली मिर्च का पावडर मिलाकर पियें। दमा का बढ़िया इलाज माना गया है।
१३) दमा में नींबू का उपयोग हितकर है। एक नींबू का रस एक गिलास गर्म जल के साथ भोजन के आधा घंटे बाद साथ पीना चाहिये।
१४) लहसुन की ५ कली चाकू से बारीक काटकर ५० मि.ली. दूध में उबालें। यह मिश्रण सुबह-शाम लेना बेहद लाभकारी है।
१५) अनुसंधान में यह देखा गया है कि 'आँवला' दमा रोग में अमृत समान गुणकारी है। एक चम्मच आँवला-रस मेमें दो चम्मच शहद मिलाकर लेने से फ़ेफ़डे ताकतवर बनते हैं।
१६) हल्दी, तुलसी, अदरक और कालीमिर्च का काढ़ा बनाते वक्त २ कली लहसुन की पीसकर डाल दें। यह दमे में राहत पहुँचाता है। सुबह-शाम पिएँ।

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