मस्तिष्क के लिए अचूक टॉनिक:
आज की भाग दौड़ और तनावपूर्ण जीवन-शैली के कारण चिंता, शोक, भय तथा क्रोध आदि का मस्तिष्क पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है. परिणामस्वरूप स्मरणशक्ति की हानि, छोटी-छोटी बातों पर अत्यधिक भावुक होना व रोना, क्रोध, बेचैनी, सिरदर्द, आत्मविश्वास में कमी आदि लक्षण उत्पन्न होते है. इन सब लक्षणों से बचाव एवं मुक्ति के लिए एक
अनुभुत नुस्खा प्रस्तुत है.
नुस्खा: 'आँवला, शंखपुष्पी, ब्राह्मी, गिलोय व जटामासी' इन समभाग मात्रा का महीन चूर्ण मिलाकर रख लें.
इसकी एक-एक चम्मच मात्रा शहद अथवा जल के साथ दिन में तीन बार सेवन करें. 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को इसकी आधी मात्रा सेवन कराएँ.
यह नुस्खा बच्चों से लेकर वृद्ध तक सभी के लिए पूर्ण रूप से सुरक्षित है. गर्भवती महिला यदि संपूर्ण गर्भकाल के दौरान नियमित रूप से इसका सेवन करे तो होने वाले शिशु हर प्रकार के मानसिक रोगों से मुक्त एवं सुरिक्षित रहता है.
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