मसाले एवं उनके औषधीय गुण:-
भारतीय मसाले दुनियाभर में प्रसिद्ध हैं. खाने में लज़ीज़ ये सभी मसाले, स्वाद के लिए तो मशहूर हैं ही, साथ ही इनके स्वास्थ्य संबंधी औषधीय गुण-लाभ भी बेशुमार हैं. ज़रा-ज़रा सी बीमारी में हम जो डॉक्टर्स/क्लीनिक्स के चक्कर लगाते हैं और महंगा इलाज करवाते हैं, लेकिन अगर खाने में इन मसालों का समूची रूप में नियमित रूप से इस्तेमाल करें, तो शरीर को बीमारियों से लड़ने की ताकत बढ़ती ही चली जाती है. आईए एक नज़र हल्का-फुल्का, फोरा-फोरा अवलोकन किया जाए:
१/. हल्दी:
हल्दी अपने रंग और गंध से भोजन को जायकेदार, लज़ीज़ और स्वादिष्ट व्यंजन का रूप प्रदान करती है. स्वाद के साथ-साथ हल्दी अच्छे स्वास्थ्य के लिए भी उपयोग की जाती है. हल्दी में प्रचुर मात्र में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो कैंसर जैसी घातक बीमारी से लड़ने में मदद करते हैं. इसके साथ ही एल्ज़ाइमर के मरीजों के लिए भी हल्दी बेहद फायदेमंद है और शरीर के ज्वाइंट हिस्सों में सूजन में भी यह आराम पहुँचाती है. यह लीवर को अत्यधिक अल्कोहल के सेवन से बनने वाले टॉक्सिन्स से भी बचाती है. फेंफड़ों की रोगों से रक्षा करती है.
२/. हींग:
हींग का इस्तेमाल खाने में स्वाद के साथ-साथ खुश्बू के लिए भी किया जाता है. लेकिन ध्यान रहे, हींग अस्थमा रोग को ठीक करने में मदद करती है, साथ ही कफ़ और पाचनशक्ति को दुरुस्त रखती है. महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान उठने वाले अत्यधिक दर्द में हींग आराम पहुँचाती है.
३/. जीरा:
जीरे का उपयोग दाल और सब्जियों में छौंक लगाने के लिए किया जाता है. इसके साथ ही जीरे के स्वास्थ्य संबंधी फायदे भी हैं. 'जीरा' जी-मिचलाना, पेटदर्द और ऐंठन के साथ डायरिया, अपचन के साथ-साथ प्रतिरक्षण तंत्र को बढ़ावा देने में तथा दर्द निवारक के रूप में लाभ पहुँचाता है. जीरे को आयरन सप्लीमेंट्स के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है.
४/. अदरक:
अदरक भोजन में स्वाद और खुशबू लाने के साथ जुकाम, जोड़ों के दर्द में आराम देता है और ब्लड प्रेशर को भी रेगुलेट करता है.
५/. ईलायची:
ईलायची भारत के जंगली स्थानों में पाई जाती है और इसका स्वास्थ्य संबंधी इस्तेमाल लगभग अदरक जैसा ही है. ईलायची वाला दूध भारत में बेहद पसंद किया जाता है। ईलायची जुकाम और जोड़ों के दर्द और मुँह की दुर्गन्ध दूर करने में भी मदद पदान करती है.
६/. काली मिर्च:
काली मिर्च को मसाले के साथ-साथ दवाई के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है. यह कब्ज, डायरिया, कान के दर्द, सर्दी-खाँसी, बुख़ार, दमा-अस्थमा और हृदय से संबंधी बीमारियों के इलाज में रामबाण साबित होती है.
७/. लौंग:
लौंग खुशबूदार स्वाद के लिए जानी जाती है. लेकिन इसके औषधीय गुण लंबे समय से पृथ्वी पर प्रचलित हैं. यह दाँतदर्द, खाँसी, और पेटदर्द में भी काफी फायदा प्रदान करती है.
८/. केसर:
केसर भारत का एक मंहगा मसाला है. इसे मीठे व्यंजनों में स्वाद और खुशबू के लिए मिलाया जाता है। केसर से पाचन क्रिया दुरुस्त होती है और इसके लगातार सेवन से भूख भी बढ़ती है.
९/. दालचीनी:
इस मसाले के नाम में 'चीनी' जरूर जुड़ा है लेकिन यह डायबिटीज़ के मरीजों के लिए बहुत फायदेमंद होती है. इसके साथ ही दालचीनी शरीर के अंदर सैकड़ों रोगों को पनपने से रोक लगाती है.
१०/. सरसों के बीज:
भारतीय रसोई में सरसों के दानों का प्रयोग छौंक लगाने के लिए किया जाते है. सरसों के बीज अस्थमा को नियंत्रित रखते हैं. इसमें विटामिन 'बी कॉम्पलेक्स' होता है जो गठिया और माँसपेशियों के दर्द में आराम पहुँचाता है.
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