उच्च रक्तचाप भगाए, नाड़ी शोधन व भ्रामरी प्राणायाम करें
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स्वामी विवेकानन्द योग अनुसंधान संस्थान (एस. व्यासा) विश्वविद्यालय, बैंगलोर में नाड़ी शोधन प्राणायाम कर के अपना उच्च रक्तचाप कम किया । मैं विगत 18 वर्षों से उच्च रक्तचाप को नियन्त्रित करने हेतु दवाईयां नियमित लेता रहा हूं । बीच में स्वामी रामदेव व श्री श्री रविशंकर द्वारा संचालित योग भी करता रहा हूं । इस बार भाव से किया तो मन शान्त हुआ । इस बार जब प्रतिदिन उच्च रक्तचाप मापते रहे तो एक दिन तो नीचे का रक्तचाप 68 तक हो गया ।Alternate Nostrial Breathing
नाड़ी शोधन में बांये नथूने से श्वांस लेकर दांये से छोड़ते हैं । दांये पुनः श्वांस लेकर बांये से छोड़ते हैं । जब बांये से श्वांस लेते हैं तब दांये नथूने को अंगुठे से बन्द करते हैं । जब दांये से श्वांस लेते हैं तब अनामिका से बांया नथूना बन्द रखते हैं । इसे ही अनुलोम विलोम प्राणायाम भी कहते हैं।इस प्राणायाम को 15-20 मिनट तक प्रातः व 15-20 मिनट सांय करना पड़ता है । इसको करते वक्त स्वस्थ हो रहा हूं, सकारात्मक हूं का भाव करना है । श्वांस लेते व छोड़ते वक्त निराशा जा रही है, दुःख जा रहा है के भाव करने चाहिए । इस प्राणायाम को करते वक्त जोर नहीं लगाना है ।
इस प्राणायाम के करने से नाडि़यों व प्रवाह प्रणाली के अवरोध मिट जाते हैं । रक्त में कार्बन-डाइ आक्साईड की सान्द्रता बढ़ने से न्यूरोपेप्टाईड बढ़ते हैं जो एन्टी-आक्सीडेन्ट का कार्य करते हैं । अतः स्वास्थ्य सुधरता है । इससे प्रतिरोध क्षमता बढ़ती है ।
इसके साथ ही 5-10 मिनट तक भ्रामरी किया । भ्रामरी प्राणायाम में नाक से श्वांस भर कर धीरे-धीरे भ्रमर की गुंजन के साथ श्वांस छोड़ते हैं । यह प्राणायाम पूरी तरह शरीर को शिथिल कर आराम के साथ किया जाता है । इसमे ध्वनि निकालते वक्त न पर जोर रखें । इसमे श्वांस छोड़ने में 20 से 30 सैकण्ड तक का समय लगाएं । इसके करने से मस्तिष्क में मालिश हो जाती है । चिन्ता व तनाव मिट जाते हैं । विचार करने की गति कम हो जाती है । इसे सहज होकर करते हैं ।
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