जमीन पर बैठने में असमर्थ लोग चेयर सूर्य नमस्कार कर तरोताजा हो
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जमीन पर बैठना व आगे झुकना कठिन लगे उन व्यक्तियों के लिए चेयर पर बैठ कर सूर्य नमस्कार करना उपयोगी है । जो खड़े रहने में असमर्थ है उनके लिए भी उपादेय है । निशक्त व कमजोर लोग भी इसे कर सकते हैं । यह परम्परागत सूर्य नमस्कार से थोड़ा भिन्न है । इसमे साधक कुर्सी पर बैठे-बैठे ही करता है । यह भी सूर्य नमस्कार के बराबर ही लाभ देता है । जो लोग खड़े होकर आगे झुक सकते हैं वे खड़े होकर करें । इससे ज्यादा लाभ होगा । व्हिल चेअर का प्रयोग करने वाला भी इसे कर सकता है ।
विधिः-
चेयर सूर्य नमस्कार में प्रथम चरण में चेयर पर बैठे-बैठे नमस्कार मुद्रा अपनाएं । दुसरे चरण में चेयर पर बैठे-बैठे दोनो हाथ उपर कर पीछे की और झुके । तीसरे चरण में आगे झुकते हुए दोनो हाथ से जमीन को छुए, घुटने न मोड़े । चैथे चरण में पांव को घुटनों से मोड़कर कुर्सी पर रखकर सिर पिछे करते हैं । पांचवे चरण में सिर को मुड़े हुए पांव से छुते है । छठे चरण में दोनों हाथ पिछे कर पिछे की ओर झुकना । सातवें चरण में चेयर पर बैठे-बैठे आगे की ओर झुकना । आठवें चरण में एक पांव मोड़ कर चेयर पर रख कर पिछे की ओर झुकना । नवां चरण पुनः पांचवे चरण की तरह दोहराना । दसवां चरण दुसरे चरण की तरह पुनः करना । ग्यारहवां चरण पुनः तीसरे चरण की तरह करना एवं बारहवां चरण दुसरे चरण की तरह पुनः करना ।
अन्तर - यह सामान्य सूर्य नमस्कार की अपेक्षा सरल व हल्का है । इसमे साधक थकता नहीं है । 2, 6, 10 व 12 की स्थिति में विश्राम मिलता है । इसके अधिक चक्र किए जा सकते हैं । इसलिए बीमार व कमजोर भी इसे कर सकता है । यद्यपि इसके करने से लाभ बहुत है । इसे उच्च रक्तचाप डायबीटीज, मोटापा, घुटना-परिवर्तन, पीठ दर्द के रागियों के लिए अधिक कारगर है ।
सीमा - पेट पर अत्यधिक दबाव पड़ता है । रजस्वला स्त्री इसे न करें ।
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