Friday 7 August 2015

माँ के स्तनों में दूध बढ़ने के घरेलु उपाय














शिशु जन्म के बाद महिलाओ के लिए स्तनों में दूध बढ़ने के घरेलु उपाय।
माँ का दूध शिशु के लिए रामबाण औषिधि।
एक अगस्त से सात अगस्त तक विश्व स्तर पर स्तनपान सप्ताह मनाया जाता हैं। स्तनपान किसी भी बच्चे की जान बचाने और उसे स्वस्थ रखने के लिए सबसे किफ़ायती और असरदार तरीक़ा साबित हुआ है, माँ के दूध को शिशु की रोग निरोधक क्षमता के लिए पहली रामबाण औषधि माना जाता हैं। नवजात के लिए मां का दूध औषधि व पौष्टिकता से पूर्ण होता है। जिन बच्चों को जन्म के पहले छह महीनों के दौरान सिर्फ़ माँ का दूध पिलाया जाता है उनके जीवित रहने की सम्भावना 14 गुना ज़्यादा होती है. जबकि जिन बच्चों को माँ का दूध नहीं पिलाया जाता है, पहले छह महीनों के दौरान उनके जीवन को 14 गुना ज़्यादा ख़तरा होता है. जन्म के बिल्कुल बाद से ही माँ का दूध पिलाना शुरू करने से शिशु की मौत का ख़तरा 45 प्रतिशत तक कम हो जाता है. माँ का दूध अच्छी तरह से मिलने से बच्चे में तेज़ी से सीखने की क्षमता बढ़ती है, साथ ही इससे बच्चे के मोटा होने का ख़तरा कम होता है और आगे चलकर जीवन में अनेक बीमारियों से भी सुरक्षा रहती है.

नई नई माँ बनने वाली महिलाओं को मिलने वाली जानकारी और सूचना की परख करना भी ज़रूरी है, "अक्सर पता चलता है कि जो सूचना और जानकारी महिलाओं को दी जाती है, वो सही नहीं होती है. मिसाल के तौर पर, बच्चों को जन्म देने वाली बहुत सी महिलाएँ ये भी सोच सकती हैं कि शिशुओं के लिए बाज़ार में मिलने वाले दुग्ध उत्पादन भी माँ के दूध की ही तरह उपयोगी और कारगर हो सकते हैं.”

“ये भी हो सकता है कि बहुत सी महिलाएँ बाज़ार में मिलने वाले इन उत्पादों को माँ के दूध से कहीं बेहतर समझती हों. इसलिए ये बहुत ज़रूरी है कि बच्चों को जन्म देने वाली महिलाओं को सही जानकारी मिले और उन्हें बाज़ार के प्रभाव से बचाकर रखा जाए."

इतिहास और अनुभव ये बताता है कि बच्चों के लिए माँ का दूध सबसे असरदार औषधि है. दूसरे शब्दों में कहें तो स्तनपान बच्चों की ज़िन्दगी के लिए अमृत समान होता है.

कुछ महिलाओ में ये दिक्कत रहती हैं के शिशु के जन्म के बाद उनके स्तनों में दूध कम बनता हैं या बनता ही नहीं हैं, ऐसे में कुछ उपयोगी नुस्खे जो सदियों से इस्तेमाल होते आये हैं। सिर्फ खान पान में थोड़ा बदलाव कर के आप अपनी इस कमी को पूरा कर सकते हैं।

* मटर की सब्जी ज़्यादा खाए, कच्चे मटर खाने से भी दूध में वृद्धि होती हैं।

* शिशु जन्म के बाद यदि स्त्री के स्तनों से दूध पर्याप्त ना निकले तो उसको उड़द की दाल खिलानी चाहिए।

* जीरा भूनकर सुबह शाम मिश्री से साथ 1 चम्मच ले।

* अरहर की दाल में यथेष्टि घी मिलाकर पिलाने से स्त्री के स्तनों में दूध की मात्रा बढ़ जाती हैं।

* दूध में चने भिगो कर खिलाये।

* नासपाती, अंगूर, चीकू, पपीता के सेवन से भी स्तनों में दूध की वृद्धि होती हैं।

* 50 ग्राम शतावरी और 50 ग्राम मिश्री दोनों खूब बारीक पीसकर मैदा छानने की चलनी से छानकर शीशी में भर ले, एक ग्राम इसे फांक कर एक गिलास दूध पिए, जिन महिलाओ को दूध नहीं बनता उनके लिए ये नुस्खा वरदान स्वरुप हैं।

* रात को गेंहू भिगो कर रखे दे, सुबह उन्हें हाथो से अच्छी तरह मसल कर गुड के साथ खाए और ऊपर से वह पानी पी ले।
ये सभी उपरोक्त नुस्खे सदियों से आज़माये हुए हैं। इनका कोई भी साइड इफ़ेक्ट नहीं हैं।

1 comment:

  1. i will try...
    देखते है brestfeed बढता है या नहीं।
    अगर यह कारगर सिध हुआ तो मे आपकी बहुत आभारी रहुगी।

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