Friday, 10 July 2015

गर्मियों में हीट स्ट्रोक ( Heat Stroke)















गर्मियों में हीट स्ट्रोक ( Heat Stroke) 

गर्मी में खाली पेट बाहर निकलने से हीट स्ट्रोक होने की आशंका रहती है। बच्चों एवं बुजुर्गो में हीट स्ट्रोक ज्यादा होने की आशंका रहती है। डाक्टर ज्यादा से ज्यादा पानी पीने की सलाह देते हैं।

हीट स्ट्रोक के लक्षण?
हीट स्ट्रोक के चपेट में आया व्यक्ति शुरुआत में थकावट महसूस करता है। फिर उसमें चक्कर, उल्टी, सिर दर्द, कमजोरी, मांसपेशियों में ऐठन व दर्द आदि के लक्षण देखने को मिलते हैं। दूसरी ओर कुछ अन्य लक्षण खतरनाक साबित होते हैं जिसमें गर्म लाल त्वचा में पसीने का आभाव, पल्स में तेजी, सांस लेने में कठिनाई, मतिभ्रम और कोमा आदि शामिल है।

हीट स्ट्रोक के क्या हैं इलाज?
डाक्टर का कहना है कि हीट स्ट्रोक के शिकार होने पर व्यक्ति के शरीर को जितना ज्यादा से ज्यादा ठंडा किया जा सके। व्यक्ति के शरीर का तापमान भी बराबर मापते रहना चाहिए। यदि तापमान गिर रहा हो तो व्यक्ति सुरक्षित है। लेकिन यदि स्थिति में कोई बदलाव नहीं आ रहा हो या कोमा जैसी स्थिति दिखे तो तत्काल मरीज को डाक्टर के पास ले जाना चाहिए।

बचाव के उपाय ?
- शरीर में पानी की कमी नहीं होने दी जाए। ज्यादा से ज्यादा पानी पीएं। ढीले कपड़े पहने, धूप में कम निकले। डाक्टर गर्मी के मौसम में चाय-कॉफी व शराब भी कम पीने की सलाह देते हैं। उनका कहना है कि गर्मी में निर्जलीकरण से बचना चाहिए।
- लेमन जूस, तरबूज, खीरा, ककड़ी, दही अथवा लस्सी लेते रहना जरूरी है। 
- गर्मी में जब भी घर से निकले ,कुछ खा कर और पानी पी कर ही निकले ,खाली पेट नहीं
- बाजारू ठंडी चीजे नहीं बल्कि घर की बनी ठंडी चीजो का सेवन करना चाहिये,यानि की आम का पना, खस,चन्दन,गुलाब,फालसा,संतरा का सरबत ,ठंडाई सत्तू, दही की लस्सी,मट्ठा,गुलकंद का सेवन करना चाहिये
- हरी ताजी सब्जियों का यथा लोकी ,ककड़ी ,खीरा, तोरई,पालक,पुदीना ,नीबू ,तरबूज,नेनुआ आदि का सेवन अधिक करना चाहिये
- ठन्डे पानी का सेवन ,४ से ५ लीटर रोजाना करना चाहिए 
- सफेद प्याज का सेवन तथा बाहर निकलते समय जेब में प्याज रखना चाहिये
- भोजन के समय पूदीना, प्याज और कच्चे आम की चटनी अवश्य खायें 
- गर्मियों में सिरदर्द और अधकपारी बढ़ जाती है। जिन्हें सिरदर्द रहता है, उन्हें धूप में नहीं निकलना चाहिए। यदि मजबूरन बाहर जाना ही हो, तो सिर पर टोपी, पगड़ी, अंगोछा या कोई कपड़ा रखकर निकलना चाहिए।

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