सरसों के तेल को शरीर के लिए बहुत उपयोगी व रामबाण माना जाता हैं। सरसों के तेल को यदि आप सही तरीके से उपयोग करते है तो आपको किसी और दवाई की भी जरूरत नहीं होगी, क्योंकि सरसों के तेल में दर्दनाशक गुण होता है। जैसे कान का दर्द सताए तो दो बूंद गुनगुना सरसों का तेल कान में टपकाएं, चाहे तो इसमें दो चार कलियां लहसुन की भी मिला सकते हैं। यदि गठिया से परेशान हों तो सरसों के तेल में कपूर मिलाकर मालिश करने से दर्द में बहुत राहत मिलती है। यदि कमर दर्द हो तो सरसों के तेल में थोड़ी हींग, अजवाइन और लहसुन मिलाकर गर्म कर लें और उसे कमर पर लगाएं, पिंडलियों का दर्द हो तो सरसों के तेल को गुनगुना करके मालिश करना चाहिए। सरसों का तेल दिल को चुस्त-दुरुस्त रखता है। आज हम आपको स्किन, बाल और हेल्थ से जुड़े फायदों के बारे में बता रहे हैं।
सरसों के तेल के निम्न फायदे:-
सरसों के बीज में सेलेनियम एंड मैग्नीशियम अधिक मात्रा में पाया जाता है। इन दोनों में एंटी-इन्फ्लामेटरी होता है। सरसों के तेल को रोजाना खाने से अस्थमा, सर्दी और ब्रेस्ट में होने वाली दिक्कतों में बहुत लाभ मिलता है।
यदि सरसों के तेल का नियमित आधार पर सेवन किया जाए तो यह माइग्रेन के दर्द से राहत देने में बहुत महत्वपूर्ण साबित होता है। यह भी माना जाता है कि यह पाचक रसों की भी पूर्ति करता है जो हमारे उचित पाचन में सहायक होते हैं। जो लोग खांसी-जुकाम, अस्थमा तथा साइनसाइटिस से पीड़ित होते हैं उनमें सरसों का तेल बहुत ही आरामदायक प्रभाव छोड़ता है।
सरसों में कैरोटिन्स, जियक्साथिंस एंड ल्यूटिन, विटामिन ए, सी और के की मात्रा भरपूर होती है। इन सभी विटामिन होने के कारण यह एंटीऑक्सीडेंट भी है जो बढ़ती उम्र में होने वाली निशान, झुर्रियां और रिंकल को दूर करने में मदद करता है।
एक अच्छी हेल्थ की पहचान तभी होती है जब आपको खुलकर भूख लगती है। इसके लिए आपका स्वास्थ्य भी अच्छा होना चाहिए। इसके लिए सरसों का तेल बेस्ट है। सरसों का तेल पेट में गैस्ट्रिक जूस की तरह हमारे ऐपिटाइजर के रूप में काम करता है, जिससे भूख बढ़ने लगती है। इसलिए आज से ही खाने में सरसों के तेल का इस्तेमाल करना शुरू करें। और आपका जितना मन करे उससे भी अधिक खाने की कोशिश और हेल्दी रहें।
सरसों के तेल में ग्लुकोजिलोलेट होता है, जो कैंसर विरोधी गुण होने की वजह से कैंसर ट्यूमर(गांठ) होने से बचाता है। सरसों में अधिक लाभकारी गुण होने की कारण से ग्लुकोजिलोलेट और कोरोरेकटल कैंसर से बचाने का काम करता है।
सरसों के बीज में बी-कॉम्पलेक्स विटामिन जैसे-फोलेट, थियामाइन, नियासिन, रिबोफ्लाविन होता है। सरसों का तेल हमारी बॉडी के मेटाबॉल्जिम को बढ़ाता है,जिससे वजन कम करने में आसानी होती है।
सरसों के तेल से गर्मियों में होने वाली स्किन टैन और आंखों पर पड़ने वाले डार्क सर्कल को कम करने में मदद करता है। इसके लिए आप सरसों के तेल में बेसन, दही और कुछ बूंदे नींबू की मिलाकर चेहरे पर लगाएं। फेस मास्क को 10 से 15 मिनट चेहरे पर लगा कर रखे, उसके बाद ठंडे पानी से चेहरे को धो लें। इस मास्क को हफ्ते में दो या तीन बार लगाएं। जिससे टैन स्किन और डार्क सपॉट को कम करने में मदद करता है।
सरसों के तेल में नारियल के तेल को मिलाकर फेस की 5 से 6 मिनट सर्कल में चहेरे की मसाज करें। मसाज करने के बाद वाइप से या गीली रूई से चेहरे को साफ करें। इस मसाज से चेहरे का ब्लड़ सर्कुलेशन बढ़ता है और स्किन का कलर भी लाइट होता है। जिससे आपका चेहरा निखार जायेगा।
सरसों के तेल में विटामिन की मात्रा अधिक होने की कारण से चेहरे के लिए प्राकृतिक सनस्क्रीन का कार्य करता है। हल्का तेल और विटामिन ई होने की वजह से बाहरी धूप और अल्ट्रावॉयलेट रेज और प्रदूषण से बचाता है। विटामिन ई एजिंग और झुर्रियों को कम करता है।
सरसों का तेल एंटी-बैक्टीरिया और एंटी-फंगल होने की वजह से रैशेज और स्किन से जुड़ी समस्याओं के लिए बहुत लाभदायक होता है। यदि आप रोजाना खाने या चहेरे पर सरसों का तेल यूज करते है तो यह स्किन में होने वाली ड्रायनेस,डलनेस और जलन को खत्म करता है। सरसों के तेल से बॉडी मसाज करने से चमक और स्किन साफ हो जाती है। शरीर में मसाज करने से ब्लड सर्कुलेशन और इन्फेक्शन के लिेए भी काफी फायदेमंद है।
सरसों के तेल से सिर में मसाज करने से बालों की ग्रोथ तो होती है साथ ही ब्लड सर्कुलेशन भी बढ़ता है। सरसों के तेल में विटामिन और मिनरल्स होते है, इससे बालों को पोषण मिलता है। सरसों के तेल में बीटा-कैरोटिन की मात्रा ज्यादा होती है जो विटामिन में कन्वर्ट होता है और बालों की ग्रोथ को बढ़ाता है। सरसों के तेल में आयरन, फैटी एसिड, कैल्सियम और मैग्नीशियम जैसी गुण होते है जो बालों के लिए बहुत फायदेमंद होता हैं।
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