योगासन: व्याघ्रासन
इस आसन को करते समय आपकी स्थिति बाघ के समान होती है इसलिए इस आसन को व्याघ्रासन कहते हैं। इस आसन से आपकी कमर की मांसपेशियों व मेरुदंड की अच्छी एक्सरसाइज होती है। आमतौर पर दिन भर कंप्यूटर के सामने बैठकर आपको कमर दर्द की समस्या होती है। ऐसे में इस आसन को करने से आपका मेरुदंड मजबूत होता है और कमर दर्द की समस्या से छुटकारा मिलता है। योगासन से आपको तनाव से तो मुक्ति मिलती ही है साथ ही आप जो भी काम कर रहे हैं उसमें एकाग्रता बढती है।
व्याघ्रासन की विधि
- सबसे पहले वज्रासन की अवस्था में बैठें। अब अपने दोनों घुटनों के बल खड़े हो जाइए और अपने दोनों हाथों को आगे की तरफ रखिए।
- इस अवस्था में अब अपने दाहिने पैर को पीछे उठा कर सिर की तरफ लाइए, सांस अंदर की ओर लीजिए।
- अपने सिर को आगे की तरफ झुकाइए। फिर अपनी नाक को घुटने से लगाएं और सांस धीरे-धीर छोड़ दे।
- अब सिर ऊपर की ओर उठाएं और पांव पीछे की तरफ ले जाएं।
- अब इस प्रकिया को बाएं पैर को ऊपर की तरफ ले जाते हुए दोहराएं। इस प्रकिया को कम से कम पांच बार करें।
व्याघ्रासन के लाभ
- सुबह-सुबह व्याघ्रासन करने से आपकी एकाग्रता बढ़ती है और तनाव से मुक्ति मिलती है।
- इस आसन से साइटिका की बीमारी या कमर के निचले हिस्से में दर्द की समस्या से छुटकारा मिलता है।
- शरीर में नर्वस सिस्टम की ठीक होना बहुत जरुरी है, नहीं तो आप अच्छा महसूस नहीं करेंगे। इस आसन से आपका नर्वस सिस्टम सुचारु रुप से काम करता है।
- डॉक्टर महिलाओं को डिलवरी के बाद व्याघ्रासन करने की सलाह देते हैं। इससे उनमें प्रजनन अंगो की कोई समस्या नहीं होती है।
- इस आसन से आपकी पाचन शक्ति ठीक रहती है।
- इस आसन में पेट की मांसपेशियों का खिंचाव होता है। इसलिए इसे पेट के लिए अच्छी कसरत मानते हैं।
- पेट व जांघ की चर्बी को कम करने के लिए यह एक अच्छा योग है।
रोजाना इस आसन से शरीर में रक्त का प्रवाह ठीक से होता है।
सावधानियां
- अगर आपके गर्दन, पीठ व घुटने में किसी तरह की चोट या दर्द हो तो इस आसन को नहीं करना चाहिए।
- इस आसन को करने के लिए किसी समतल स्थान पर मोटा कंबल या दरी बिछाए, क्योंकि आसन के दौरान आपके शरीर का पूरा भार आपके घुटनों पर होता है।
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.