खांसी से छुटकारा पायें:
लम्बे समय से चली आ रही खांसी आपको पूरी तरह से दुखी कर सकती है और जितने जल्दी हो सके आप इससे छुटकारा पाने की सोचते हैं | खांसी सामान्यतः जुकाम और फ्लू का साइड इफ़ेक्ट होती है, लेकिन यह एलर्जी, अस्थमा, एसिड रिफ्लक्स, शुष्क हवा और कुछ दवाओं के कारण भी हो सकती है।[
खांसी के लिए घरेलू नुस्खे :
1.शहद का उपयोग करें: शहद का उपयोग करना, खांसी को दबाने का और गले की खराश में राहत पाने का एक प्रभावशाली तरीका है / कई अध्ययनों में यह पाया गया है कि शहद न सिर्फ सामान्य तौर पर मिलने वाली खांसी की दवाओं के समान खांसी को कम करने में असरदार है बल्कि कभी-कभी उनसे भी ज्यादा प्रभावशाली होती है | शहद म्यूकस मेम्ब्रेन को आवरित करने और राहत पहुँचाने में मदद करती है | अगर खांसी के कारण सोने में परेशानी होती हो तो सोने के पहले शहद का सेवन करना बहुत लाभकारी हो सकता है |
Note :यह बच्चों और वयस्कों के लिए उचित है, लेकिन एक वर्ष से कम उम्र के बच्चों को शहद न दें क्योंकि इससे उनमे नवजात भोज्य विषाक्तता (infant botulism) की सम्भावना बढ़ जाती है |
आप शहद को सीधे ले सकते हैं | खांसी बने रहने पर प्रत्येक कुछ घंटों में 1 बड़ी चम्मच शहद लेते रहें | अन्य रूप में, आप 1 बड़ी चम्मच शहद या इससे ज्यादा शहद को एक गिलास गर्म चाय में नीम्बू के साथ मिलाकर ले सकते हैं |
कुछ अध्ययन बताते हैं कि शहद, डेक्सट्रोमेथोर्फेन (dextromethorphan) जैसे कफ़ सप्रेसेंट (cough supperessant) के समान प्रभावी होती है और सामान्य रूप से मिलने वाले कई कफ़ सप्रेसेंट में अधिकतर सामग्री के रूप में उपयोग की जाती है |
2.मुलैठी की चाय (mulethi chai) पियें: मुलैठी की जड़ आपके श्वासतंत्र को राहत पहुंचाती है, सूजन को कम करने और म्यूकस को ढीला करने में भी मदद करती है | इसे बनाने के लिए, दो बड़ी चम्मच मुलैठी की सूखी जड़ को एक मग में रखें और इस मग में 8 औंस उबलता हुआ पानी डालें | 10-15 मिनट तक भाप लगने दें | दिन में दो बार प्रतिदिन पियें |
Note :अगर आपको किडनी की कोई समस्या हो या आप स्टेरॉयड लेते हों तो मुलैठी की जड़ की चाय का सेवन न करें |
कुछ लोगों के लिए इसका सक्रीय तत्व ग्लाइसीराइज़ा (glycyrrhiza) नकारात्मक साइड इफेक्ट्स उत्पन्न कर सकता है | अपने हेल्थ फ़ूड या ड्रग स्टोर पर डीजीएल या डिग्लाइसीराइज़िनेटेड मुलैठी ढूंढें | यह भी उतनी ही असरदार होती है ]
3.थाइम (thyme) की चाय का उपयोग करें: श्वसन सम्बन्धी बीमारियों के लिए कुछ देशों में थाइम का उपयोग किया जाता है जैसे, जर्मनी में | थाइम गले की मांसपेशियों को आराम पहुंचाने और सूजन को कम करने में मदद करती है | एक कप पानी को उबालकर रखें और उसमे पिसी हुई थाइम मिलाकर 10 मिनट के लिए रखें | पीने के पहले छान लें |
अतिरिक्त लाभ के लिए शहद और नीम्बू मिलाएं | इससे स्वाद और अधिक रुचिकर बन जाता है |
थाइम आयल को इंटरनली (internally) प्रयोग न करें | हमेशा ताज़े या सूखे थाइम का उपयोग करें |
4.हल्दी का उपयोग करें: हल्दी एक परंपरागत खांसी की औषधि है जिसे खांसी में प्रयोग करने पर कई लोगों ने असरदार पाया है | एक गिलास गर्म दूध में आधी छोटी चम्मच हल्दी पाउडर मिलाकर प्रयोग करें | आप सूखी खांसी के लिए हल्दी पाउडर में एक छोटी चम्मच शहद मिलाकर भी प्रयोग कर सकते हैं | हल्दी की चाय बनाने के लिए, 4 कप उबलते हुए पानी में एक बड़ी चम्मच हल्दी पाउडर डालें | भाप में पकने दें | अब, अतिरिक्त रूप से खांसी में राहत पहुंचाने वाले गुणों के लिए थोड़ी शहद और नीम्बू मिलाएं |
5.नीम्बू के रस में अदरक और पिपरमिंट डालकर घोलें: अदरक म्यूकस को ढीला करने में मदद करता है | अदरक और पिपरमिंट एकसाथ मिलकर आपके गले के पिछले हिस्से में होने वाली उत्तेजना को दबा सकते हैं जो खांसी का ट्रिगर होती है | इस मिश्रण को अधिक असरदार बनाने के लिए इसमें शहद मिलाएं |
4 कप पानी में 3 बड़ी चम्मच कटा हुआ अदरक और 1 बड़ी चम्मच सूखा पिपरमिंट मिलाएं | पानी को उबालें और अब, आंच कम कर दें | पानी के कम होने तक धीमी आंच पर पकने दें और अब छान लें | कुछ मिनट तक ठंडा होने दें और फिर एक कप शहद मिलाकर पूरी तरह से घुल जाने तक हिलाएं | प्रतिदिन हर घंटे इसकी 1 बड़ी चम्मच की मात्रा लें | इसे 3 सप्ताह तक रेफ्रीजिरेटर में रखा जा सकता है |
आप नीम्बू के रस में पेपरमिंट कैंडी के टुकड़ों को भी डाल सकते हैं | कैंडी के घुलने तक सॉसपैन में इन्हें गर्म करें | इसमें शहद भी मिला सकते हैं | इस मिश्रण में 1 बड़ी चम्मच (15 मिलीलीटर) शहद मिलाएं और अच्छी तरह से हिलाएं |
5.एक बौरबॉन-बेस्ड (bourbon-based) कफ़ सिरप बनायें: अगर आप एक ऐसा असरदार कफ़ सिरप बनाने में दिलचस्पी रखते हैं जो सिर्फ वयस्कों के लिए हो तो आप अपने नीम्बू पानी के मग में थोड़ी व्हिस्की को मिला सकते हैं | हालाँकि, अल्कोहल आपकी खांसी में कोई असर नहीं करता, लेकिन इसे आपको आराम करने में मदद मिल सकती है |
एक माइक्रोवेव-सेफ मग में 2-4 औंस (60-125 मिलीलीटर) पानी में 2 औंस (60 मिलीलीटर) नीम्बू का रस और 2 औंस (60 मिलीलीटर) बौर्नबॉन व्हिस्की मिलाएं |
इसे माइक्रोवेव में 45 सेकंड तक गर्म करें |
इस मिश्रण में एक बड़ी चम्मच (15 मिलीलीटर) शहद मिलाएं और फिर से 45 सेकंड के लिए माइक्रोवेव में गर्म करें |
6.नमक के पानी से गरारे करें: नमक के पानी का उपयोग गले की खराश में राहत पाने के लिए किया जाता है, लेकिन यह सूजन कम करके और बलगम को ढीला करके खांसी में भी मदद कर सकता है | 8 औंस गर्म पानी में ¼ से ½ छोटी चम्मच नमक मिलाएं, पूरी तरह से घोलें और अब 15 सेकंड तक गरारे करें | गरारे के पानी को थूंक दें और पूरा पानी खत्म होने तक दोहराएँ |
Misc:
1,एक डिकन्जेस्टेंट (decongestant) लें: डिकंजेस्टेंट फेफड़ों और वायुछिद्रों में उपस्थित म्यूकस को सुखाकर और नासिका के कंजेशन को कम करके खांसी में राहत देने में मदद करता है | आप डिकंजेस्टेंट का उपयोग कई रूपों में कर सकते हैं जैसे, पिल्स, लिक्विड और नेसल स्प्रे |
2.एक सक्रिय सामग्री के रूप में फिनाइलेफ्रिन (phenylephrine) और सूडोएफेड्रिन (pseudoephedrine) वाली पिल्स और लिक्विड का उपयोग करें |
डिकंजेस्टेंट के अत्यधिक उपयोग से शुष्कता उत्पन्न हो जाती है जिसके कारण सूखी खांसी हो जाती है |
3.नेसल स्प्रे का उपयोग सिर्फ 2-3 दिन के लिए करें | इससे अधिक उपयोग करने से अधिक कंजेशन हो सकता है | अगर आप इनका जरूरत से ज्यादा उपयोग करेंगे तो आपका शरीर इन पर निर्भर बन सकता है |
4.गले के लिए मेडिकेटिड लोज़ेन्जेस का उपयोग करें: मेंथोल कफ़ ड्रॉप्स का उपयोग करें क्योंकि ये बहुत असरदार होती हैं | ये लोज़ेन्जेस आपके गले के पिछले हिस्से को सुन्न कर देती हैं, कफ़ रिफ्लेक्स को रोक देती हैं और जल्दी ही आपकी खांसी का अंत कर देती हैं |
5.गीली खांसी या कफ़ के लिए, होरहाउंड (horehound) लोज़ेन्जेस को विशेषरूप से असरदार पाया गया है | होरहाउंड एक कड़वी-मीठी हर्ब है जिसमे एक्स्पेक्टोरेंट (expectorant) गुण पाए जाते हैं जिससे यह अधिक तेज़ी से बलगम को बाहर लाती है और जल्दी ही आपकी खांसी को ठीक कर देती है | आप इसे ऑनलाइन खरीद सकते हैं। गर्भवती महिलाओं को होरहाउंड का उपयोग नहीं करना चाहिए /
6.सूखी खांसी के लिए, आप फिसलने वाली एल्म (elm) लोज़ेन्जेस का उपयोग भी कर सकते हैं | ये लोज़ेन्जेस स्लिपरी एल्म के पेड़ की छाल से बनाई जाती हैं | इनमे पाए जाने वाले तत्व गले को आवृत कर लेते हैं और इससे कफ़ रिफ्लेक्स कम हो जाता है और खांसी बंद हो जाती है | गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं को इसका उपयोग नहीं करना चाहिये |
7.हवा में उत्पन्न होने वाले प्रकोपकों को दूर करें: चिरकारी खांसी अधिकतर हवा में उत्पन्न होने वाले प्रकोपकों (airborne irritants) के कारण होती है और बदतर हो जाती है | ये प्रकोपक चिरकारी साइनस उत्तेजना को उत्पन्न कर सकते हैं जिससे अत्यधिक म्यूकस बनता है और इसके कारण चिरकारी खांसी हो जाती है | सबसे प्रमुख प्रकोपक जिससे बचना चाहिए, वो है तम्बाकू का धुआं 8.परफ्यूम और बाथरूम में प्रयोग किये जाने वाले सुगन्धित स्प्रे भी चिरकारी खांसी के ट्रिगर के रूप में जाने जाते हैं और आगर आप अपनी खांसी को जल्दी ठीक करना चाहते है तो खांसी होने की अवधि में इनसे बचना चाहिए |
सलाह:(Important Advise)
1 अगर खांसी का इलाज़ बार-बार किया जाता हो तो एंटीबायोटिक्स का प्रयोग बहुत कम करें | एंटीबायोटिक्स बैक्टीरिया को मारती हैं और इससे ज्यादा कुछ नहीं करतीं , साथ ही वायरस के कारण होने वाली खांसी या बीमारी के कारण न होने वाली खांसी के लिए अप्रभावी होती हैं | एक डॉक्टर केवल उस स्थिति में ही आपको एंटीबायोटिक्स लेने की सिफारिश करता है जब उसे आपकी खांसी में बैक्टीरियल संक्रमण के लक्षणों का संदेह होता है |
2.अगर आपको सांस लेने में परेशानी हो तो एक इन्हेलर का उपयोग करें |
तरल जैसे, कॉफी या चाय कम मात्रा में लें क्योंकि ये आपकी प्रतिरक्षा कार्यविधि को कम कर सकते हैं |
3.अगर आप पानी के द्वारा खुद को हाइड्रेटेड रखने की कोशिश कर रहे हों तो गर्म पानी पिए क्योंकि ठंडा पानी आपके गले को उत्तेजित कर सकता है |
4.जितना हो सके, आराम करें | बेहतर अनुभव करने तक लम्बी दूरी तक टहलना, दौड़ना या व्यायाम करने से बचें |
5.सामान्यतः 10 दिन के अंदर खांसी अपने आप चली जाती है और ऊपर दी गयी दवाओं के द्वारा और जल्दी ठीक हो जाती है | अगर आपकी खांसी 2 से 4 सप्ताह तक बनी रहे तो आपको डॉक्टर को दिखाना चाहिए | अगर आपकी खांसी के साथ खून आये या खांसी के साथ सीने में तेज़ दर्द, गंभीर थकान, अचानक वज़न कम होने लगे, कंपकपी या 101 डिग्री फेरनहाइट या इससे अधिक तक बुखार हो तो भी डॉक्टर को दिखाएँ |
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