आकास्मिक रोगों को इलाज
आकास्मिक रोग(emergency problems) व घटनाएं कभी बताकर नहीं आते हैं। इसलिए आपको इस बात की जानकारी रखना जरूरी है जिससे समय पर इंसान का उपचार हो जाए और अस्पताल ले जाने तक का समय मिल सके। एैसे में आपको बेहद सावधान और धैर्य रखना चाहिए। आकास्मिक रोग व घटनाएं जैसे अंग कटना, कांच निगलना, मोच आना, नाक में कुछ फंस जाना, आग से अंग का जलना आदि प्रमुख घटनाएं हैं। वैदिकवाटिका आपको इस तरह की आकास्मिक घटनाओं में कैसे आयुर्वेदिक प्राथमिक उपचार किया जाए। इस बात की पूरी जानकारी दे रही है।
आकास्मिक रोगों को इलाज(emergency treatment in hindi)
*मोच आना
दो चम्मच जीरा को 1 गिलास पानी में डालकर गर्म कर लें। फिर इस पानी से मोच वाली जगह पर कपड़े से सिकाई करें। एैसा करने से आपको मोच के दर्द से निजात मिलेगा।
*चोट या खरोच लगने पर
• चोट या खरोच लगने पर प्याज का टुकड़ा खरोच वाली जगह लगाने से सूजन व चोट में आराम मिलता है।
• नमक के गर्म पानी से चोट वाली जह पर सिकाई करने से सूजन उतर जाती है।
*अंग के जलने पर
आग से यदि कोई अंग जल गया हो तो एैसे में जले स्थान पर ग्लिसरीन लगा दें। इससे जली हुई जगह पर छाले नहीं पड़ते और जलन भी कम हो जाती है।
दूसरा उपचार है यदि शरीर का कोई अंग आग से झुलस गया हो तो तुरंत सरसों का तेल लगा लें। इससे शरीर पर न तो जले का निशान बनेगा और न ही छाला पड़ेगा।
*नाक में कोई चीज फसना
यदि नाक में कोई चीज चली गई हो या फंस गई हो तो एैसे में घबराएं नहीं तुरंत तंबाकू को पीसकर सूंघे । एैसा करने से छीके आने लगती है और नाक में फंसी चीज अपने आप बाहर आ जाती है।
*खट्टी डाकार आना
गुड और सेंधा नमक को आपस में मिलाकर चाटने से खट्टी डकारें बंद हो जाती हैं।
*कांच खाने व कांच चुभने पर उपाय
• यदि गलती से किसी ने कांच खा लिया हो तो घबराएं नहीं। एैसे में उसे उबले आलू खिलाएं। या पेट भर दही का सेवन करा दें।
• इसबगोल की 12 ग्राम भुस्सी को गर्म दूध के साथ उस इंसान को खिला दें।
• गुड और अजवाइन को हल्का गरम करके कांच चुभने वाले स्थान पर लगाने से कांच खुद बाहर आ जाता है।
• देशी शहद में राई को मिलाकर कांच चुभने वाली जगह पर लेप लगाने से कांच बाहर आ जाता है।
• कांटा चुभने पर हींग को घोलकर लगाने से वह वस्तु सरलता से बाहर आ जाती है।
*अंग का कटना
यदि कटने में खून निकलना बंद न हो रहा हो तो एैसे में कटे स्थान पर आंवले का रस लगाने से राहत मिलती है। और खून बहना बंद हो जाता है।
कटने पर खून को बहने से रोकने के लिए किसी कपड़े को मिट्टी के तेल में भिगोकर कटे स्थान बांधने से खून आना बंद हो जाता है।
बर्फ के टुकड़े या बर्फ के पानी की पट्टी बांधने से भी कटे स्थान से खून आना बंद हो जाता है।
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