LATEST CANCER INFORMATION
PLEASE SHARE IT TO PEOPLE YOU CARE ABOUT
AFTER YEARS OF TELLING PEOPLE CHEMOTHERAPY IS THE ONLY WAY TO TRY AND ELIMINATE CANCER, FINALLY STARTING TO TELL YOU THERE IS AN ALTERNATIVE WAY
1. Every person has cancer cells in the body. These cancer cells do not show up in the standard tests until they have multiplied to a few billion. When doctors tell cancer patients that there are no more cancer cells in their bodies after treatment, it just means the tests are unable to detect the cancer cells because they have not reached the detectable size.
2. Cancer cells occur between 6 to more than 10 times in a person's lifetime.
3. When the person's immune system is strong the cancer cells will be destroyed and prevented from multiplying and forming tumors.
4. When a person has cancer it indicates the person has multiple nutritional deficiencies. These could be due to genetic, environmental, food and lifestyle factors.
5. To overcome the multiple nutritional deficiencies, changing diet and including supplements will strengthen the immune system.
6. Chemotherapy involves poisoning the rapidly-growing cancer cells and also destroys rapidly-growing healthy cells in the bone marrow, gastro-intestinal tract etc, and can cause organ damage, like liver, kidneys, heart, lungs etc.
7. Radiation while destroying cancer cells also burns, scars and damages healthy cells, tissues and organs.
8. Initial treatment with chemotherapy and radiation will often reduce tumor size. However prolonged use of chemotherapy and radiation do not result in more tumor destruction.
9. When the body has too much toxic burden from chemotherapy and radiation the immune system is either compromised or destroyed, hence the person can succumb to various kinds of infections and complications.
10. Chemotherapy and radiation can cause cancer cells to mutate and become resistant and difficult to destroy. Surgery can also cause cancer cells to spread to other sites.
11. An effective way to battle cancer is to STARVE the cancer cells by not feeding it with foods it needs to multiple.
What cancer cells feed on:
a. Sugar is a cancer-feeder. By cutting off sugar it cuts off one important food supply to the cancer cells. Note: Sugar substitutes like NutraSweet, Equal, Spoonful, etc are made with Aspartame and it is harmful. A better natural substitute would be Manuka honey or molasses but only in very small amounts. Table salt has a chemical added to make it white in colour. Better alternative is Bragg's aminos or sea salt.
b. Milk causes the body to produce mucus, especially in the gastro-intestinal tract. Cancer feeds on mucus. By cutting off milk and substituting with unsweetened soy milk, cancer cells will starved.
c. Cancer cells thrive in an acid environment. A meat-based diet is acidic and it is best to eat fish, and a little chicken rather than beef or pork. Meat also contains livestock antibiotics, growth hormones and parasites, which are all harmful, especially to people with cancer.
d. A diet made of 80% fresh vegetables and juice, whole grains, seeds, nuts and a little fruits help put the body into an alkaline environment. About 20% can be from cooked food including beans. Fresh vegetable juices provide live enzymes that are easily absorbed and reach down to cellular levels within 15 minutes t o nourish and enhance growth of healthy cells.
To obtain live enzymes for building healthy cells try and drink fresh vegetable juice (most vegetables including bean sprouts) and eat some raw vegetables 2 or 3 times a day. Enzymes are destroyed at temperatures of 104 degrees F (40 degrees C).
e. Avoid coffee, tea, and chocolate, which have high caffeine. Green tea is a better alternative and has cancer-fighting properties. Water--best to drink purified water, or filtered, to avoid known toxins and heavy metals in tap water. Distilled water is acidic, avoid it.
12. Meat protein is difficult to digest and requires a lot of digestive enzymes. Undigested meat remaining in the intestines will become putrified and leads to more toxic buildup.
13. Cancer cell walls have a tough protein covering. By refraining from or eating less meat it frees more enzymes to attack the protein walls of cancer cells and allows the body's killer cells to destroy the cancer cells.
14. Some supplements build up the immune system (IP6, Flor-ssence, Essiac, anti-oxidants, vitamins, minerals, EFAs etc.) to enable the body's own killer cells to destroy cancer cells. Other supplements like vitamin E are known to cause apoptosis, or programmed cell death, the body's normal method of disposing of damaged, unwanted, or unneeded cells.
15. Cancer is a disease of the mind, body, and spirit. A proactive and positive spirit will help the cancer warrior be a survivor.
Anger, unforgiving and bitterness put the body into a stressful and acidic environment. Learn to have a loving and forgiving spirit. Learn to relax and enjoy life.
16. Cancer cells cannot thrive in an oxygenated environment. Exercising daily, and deep breathing help to get more oxygen down to the cellular level. Oxygen therapy is another means employed to destroy cancer cells.
BALANCE your BRAIN
In front of your ear are 3 hollows.
Hold these 3 ear gateway points using a pound of pressure on both sides.
Hold lightly for 2 minutes feeling for a pulse as you breathe deeply with your eyes closed.
When pulses on both sides synchronize, the energy flow in your brain balances.
Relax & meditate with a straight spine for 3 minutes to obtain inner peace & healing.
To achieve it, do this daily.
धातु क्षीणता
जो पुरुष जन्मजात नपुंसक होता है, उसे सहज क्लैब्य कहते हैं। आयुर्वेद ने मुख्य रूप से नपुंसकता के ये सात कारण बताए हैं। सहज और शिराच्छेदजन्य क्लैब्यता असाध्य यानी लाइलाज और बाकी पांचों प्रकार की नपुंसकता साध्य यानी इलाज द्वारा ठीक की जा सकने वाली है।
इस प्रकार की हास्यास्पद स्थिति से बचने व बीमारी का इलाज करने के लिए कुछ आयुर्वेदिक उपचार यहां दिए जा रहे हैं-
(1) नपुंसकता नष्ट करने के लिए जायफल, लौंग, कपूर और काली मिर्च 40-40 ग्राम, मकरध्वज 5 ग्राम, केसर 1 ग्राम सबको बारीक कूट-पीसकर खरल करके पान के रस के साथ घुटाई करें और आधा-आध ग्राम की गोलियां बनाकर छाया में सुखा लें। रात को सोते समय दो चम्मच या एक चम्मच मक्खन के साथ एक गोली खाकर ऊपर से एक गिलास मीठा कुनकुना गर्म दूध पिएं, जब शाम का भोजन किए हुए दो-ढाई घंटे हो चुके हों। यह बहुत ही बलवीर्यवर्द्धक नुस्खा है।
(2) असगन्ध 100 ग्राम, गिलोय 50 ग्राम और गिलोयसत 10 ग्राम तीनों को कूट-पीसकर मिला लें। आधा चम्मच चूर्ण, आधा चम्मच शुद्ध घी और दो चम्मच शहद मिलाकर चाट लें और ऊपर से मिश्री मिला ठंडा किया हुआ दूध पिएं। शीतकाल के दिनों में कम से कम 60 दिन सुबह-शाम यह नुस्खा सेवन करना चाहिए।
(3) सफेद मुसली, गोखरू बड़ा, तालमखाना और तावरी 50-50 ग्राम सबको कूट-पीसकर महीन चूर्ण कर लें और पिसी हुई मिश्री 100 ग्राम लेकर सबको मिला लें। सुबह-शाम इस चूर्ण को 1-1 चम्मच मात्रा में मीठे कुनकुने गर्म दूध के साथ सेवन करें। यह नुस्खा नपुंसकता, ध्वजभंग, शुक्रमेह, शुक्र की उष्णता व पतलापन, पेशाब की रुकावट और जलन आदि व्याधियां नष्ट कर शरीर को सशक्त बनाने और पौरुष बल की वृद्धि करने में सफल सिद्ध हुआ है।
(4) बड़े गोखरू, तालमखाना, शतावरी, कौंच के छिलकेरहित बीज, नागबला और अतिबला सब 50-50 ग्राम और मिश्री 150 ग्राम, सभी को कूट-पीसकर अच्छा महीन चूर्ण कर लें। सुबह-शाम 1-1 चम्मच चूर्ण फांककर ऊपर से कुनकुना मीठा दूध पिएं। यह नुस्खा बिना कोई हानि किए नपुंसकता को नष्ट करने वाला और पर्याप्त यौन शक्ति प्रदान करने वाला आयुर्वेदिक टॉनिक है। नियमों का पालन कर कम से कम 60 दिन इस नुस्खे का नियमित रूप से सेवन करें और स्वयं परिणाम देख लें। यह परीक्षित और सफल सिद्ध नुस्खा है।
धातु रोगों के लिए बड़ प्रयोग
पुरुषों के धातु रोगों के लिए बड़ का वृक्ष सचमुच एक औषधालय है । जैसे प्रमेह, स्वप्नदोष, पेशाब में धातु का गिरना, नपुंसकता, वीर्य की न्यूनता - इन सब को दूर करने के लिए वट वृक्ष एक बहुमूल्य वनस्पति है । इसे धातु रोगों को दूर करने के लिए कल्पवृक्ष कह सकते हैं । किन्तु लोग इसे सामान्य वृक्ष समझकर कोई लाभ नहीं उठाते । धातु रोगों की चिकित्सार्थ कुछ योग नीचे देते हैं । धातु रोगों की चिकित्सा बड़ी कठिन है । प्रमेह आदि रोग बहुत कठिनाई से दूर होते हैं किन्तु भगवान् ने इन रोगों को दूर करने के लिए बड़ की वनस्पति में विशेष गुण भर दिये हैं । इसके द्वारा चिकित्सा करने में शीघ्र लाभ होता है ।
बड़ का घनसत्त्व - बड़ के जो पत्ते पककर पीले होने पर गिर जाते हैं, उन्हें इकट्ठे कर लें । उनमें से २० सेर पत्तों को ४८ घण्टे तक किसी मिट्टी के पात्र अथवा कली वाले बरतन में भिगोये रखें । फिर इसे कढ़ाई में चढ़ाकर उबालें और पकावें । जब पत्ते जल जायें तब नीचे उतारकर रखें । शीतल होने पर खूब मल छान लें । फिर उस जल को पकायें । मंदी आंच जलायें, पानी जलने पर जब गाढ़ी औषध रह जाये, उसे सुरक्षित रखें । यह बड़ का सत्त्व है । इसे मैंने अनेक बार तैयार करके सैंकड़ों रोगियों पर धातु रोगों में प्रयोग करके देखा है । स्वप्नदोषादि रोगों की अचूक औषध है । इसको अकेला भी प्रयुक्त किया जा सकता है तथा अन्य औषधों में मिलाकर भी प्रयोग करते हैं । इसके योग इस प्रकार हैं ।
१. बड़ का घनसत्त्व एक तोला, अश्वगंध नागौरी एक तोला, सितावर एक तोला, गोखरू एक तोला, विदारीकन्द एक तोला, विधारा के बीज (शुद्ध) एक तोला - सबको कूट छान लें, सबके समभाग मिश्री मिला लें । मात्रा एक माशा शीतल जल के साथ प्रातः सायं छात्र-छात्राओं को देवें । ब्रह्मचारिणियों को सदा थोड़ी मात्रा में तथा सदैव जल के साथ देने से धातु विकार, स्वप्नदोष, श्वेतप्रदर, प्रमेह रोग दूर होते हैं । सहस्रों रोगियों पर अनुभूत है । गृहस्थ तथा वीर्यहीन निर्बल व्यक्तियों को गाय के दूध के साथ तथा एक माशा से ५ माशे तक दे सकते हैं । यह औषध बहुत ही वीर्यवर्धक तथा पुष्टिकारक है, धातु के सभी विकारों को दूर करके शरीर को बलवान् बनाने वाली औषध है । मिर्च, खटाई, कच्चा मीठा, अचार, लहसुन प्याज आदि गर्म वस्तुओं का सेवन न करें तथा ब्रह्मचर्य से रहें । फिर इस विचित्र औषध का प्रयोग करें और इसका प्रभाव देखें ।
२. बड़ के पीले पत्तों का सत्त्व १ तोला, अश्वगन्ध १ तोला, सितावर १ तोला, कुरंड (बहुफली) १ तोला, गोखरू १ तोला, मूसली श्वेत १ तोला, विधारा के बीज १ तोला, वंशलोचन १ तोला, विदरीकन्द १ तोला, कलई भस्म १ तोला तथा अफीम शुद्ध छः माशे - सबको कपड़छान कर पीस कर ब्राह्मी के क्वाथ वा स्वरस से मूंग के समान गोली बनायें । मात्रा १ वा दो गोली जल वा दूध के साथ प्रातः सायं प्रयोग करं । स्वप्नदोष, प्रमेहादि धातु रोगों की अचूक जादूभरी औषध है । एक मास के प्रयोग से प्रमेह आदि धातुरोग समूल नष्ट हो जाते हैं । इसकी मात्रा ३ गोली तक बढ़ाई जा सकती है । यह औषध बाजीकरण स्तम्भक है । स्त्री-पुरुषों को सन्तान के योग्य बनाती है । औषध के प्रयोग के दिनों में गृहस्थ लोगों को भी ब्रह्मचर्य व्रत से रहना चाहिये ।
३. बरगद का सत्त्व ८ तोला, कलई भस्म १ तोला, अश्वगन्ध नागौरी २ तोला, बहुफली ४ तोले, सितावर २ तोले, वंशलोचन २ तोले - सब की दो-दो रत्ती की गोलियां बनायें । एक गोली से चार गोली तक जल वा दूध के साथ प्रयोग करने से प्रमेह समूल नष्ट हो जाता है । कमर की पीड़ा तथा प्रदररोग भी दूर होता है ।
४. बरगद का सत्त्व १ तोला, हरमल के बीज १ तोला, मिश्री दो तोला - सबको कपड़छान कर लें । मात्रा १ माशा जल वा दूध के साथ प्रयोग करने से प्रमेह, प्रदर होनों ही दूर होते हैं ।
५. बड़ की कोमल-कोमल कोंपलें १ पाव, अश्वगन्ध नागौरी १ छटांक, सितावर १ छटांक, कुरंड (बहुफली) आधा पाव - सबको बारीक पीसकर जल डालकर ठंडाई के समान घोंटें और कपड़छान कर लें । कलई वाले पात्र में पकायें । गाढ़ा होने पर वंशलोचन वा कौंच के बीजों का चूर्ण १ छटांक मिला लें तथा फिर २ रत्ती की गोलियां बनायें । मात्रा एक दो गोली खिलाकर गोमाता का धारोष्ण दूध पिलायें । प्रमेह, स्वप्नदोष, शीघ्रपतन, धातुक्षीणता, श्वेतप्रदर आदि सभी रोग नष्ट होते हैं । गर्म पदार्थों का सेवन न करें । ब्रह्मचर्य से रहें तो पूर्ण लाभ होगा ।
६. गाय का धारोष्ण ताजा दूध आधा सेर, इसमें १० बूंदें बड़ के दूध की डालें और दो वा तीन तोले शुद्ध मधु वा मिश्री डालकर प्रातः सायं पिलायें । पिलाने से पूर्व इन्हें अच्छी प्रकार मिला लें । इसके प्रयोग से स्वप्नदोष, प्रमेह, धातु की निर्बलता तथा श्वेतप्रदर सभी नष्ट होते हैं । सेवनकाल में ब्रह्मचर्य से रहें । इसके प्रयोग से गृहस्थ के फल सन्तान की प्राप्ति होती है ।
You won’t Believe Putting this in your Navel will help you with Colds, the Flu, Cough, Abdominal and Menstrual Pain
A tested folk remedy method that treats various conditions in folk medicine – setting a cotton with brandy to the navel. This method relaxes your whole body and gets rid of the pain.
When it comes to the flu, the common cold or sore muscles, this method is very effective. It’s a great alternative to “over the counter medications”.
When having a cold or the flu, simply soak some cotton in brandy.Push it nicely and put it in your navel. You can stick with duct tape, light tape, a band aid or cover it with a nylon bag and a cloth. Whatever seems the most comfortable.
During menstrual pain use the same method, stay in the supine position and press the cotton with your hands.
To avoid vomiting while traveling, as well as to ease stomach pain, you can do the following: Soak some cotton in brandy, push it, sprinkle it with salt and stick it in the navel.
Source: Family Health Freedom Network
तुलसी
तुलसी की २१ से ३५ पत्तियाँ स्वच्छ खरल या सिलबट्टे (जिस पर मसाला न पीसा गया हो) पर चटनी की भांति पीस लें और १० से ३० ग्राम मीठी दही में मिलाकर नित्य प्रातः खाली पेट तीन मास तक खायें। ध्यान रहे दही खट्टा न हो और यदि दही माफिक न आये तो एक-दो चम्मच शहद मिलाकर लें। छोटे बच्चों को आधा ग्राम दवा शहद में मिलाकर दें। दूध के साथ भुलकर भी न दें। औषधि प्रातः खाली पेट लें। आधा एक घंटे पश्चात नाश्ता ले सकते हैं। दवा दिनभर में एक बार ही लें परन्तु कैंसर जैसे असह्य दर्द और कष्टप्रद रोगो में २-३ बार भी ले सकते हैं।
इसके तीन महीने तक सेवन करने से खांसी, सर्दी, ताजा जुकाम या जुकाम की प्रवृत्ति, जन्मजात जुकाम, श्वास रोग, स्मरण शक्ति का अभाव, पुराना से पुराना सिरदर्द, नेत्र-पीड़ा, उच्च अथवा निम्न रक्तचाप, ह्रदय रोग, शरीर का मोटापा, अम्लता, पेचिश, मन्दाग्नि, कब्ज, गैस, गुर्दे का ठीक से काम न करना, गुर्दे की पथरी तथा अन्य बीमारियां, गठिया का दर्द, वृद्धावस्था की कमजोरी, विटामिन ए और सी की कमी से उत्पन्न होने वाले रोग, सफेद दाग, कुष्ठ तथा चर्म रोग, शरीर की झुर्रियां, पुरानी बिवाइयां, महिलाओं की बहुत सारी बीमारियां, बुखार, खसरा आदि रोग दूर होते हैं।
यह प्रयोग कैंसर में भी बहुत लाभप्रद है।
तुलसी का काढ़ा पीने से निकलती है किडनी की पथरी बाहर, ये हैं 10 फायदे
भारत के हर हिस्से में तुलसी का पौधा पाया जाता है। इसका पौधा केवल डेढ़ या दो फुट तक बढ़ता है। तुलसी को हिन्दू संस्कृति में अतिपूजनीय पौधा माना गया है। माता तुल्य तुलसी को आंगन में लगा देने मात्र से अनेक रोग घर में प्रवेश नहीं करते हैं। यह हवा को भी शुद्ध बनाने का कार्य करती है। तुलसी का वानस्पतिक नाम ओसीमम सैन्कटम है। आदिवासी भी तुलसी को अनेक हर्बल नुस्खों में अपनाते हैं। आज हम तुलसी से जुडे आदिवासियों के ऐसे 10 हर्बल नुस्खों के बारे में बता रहे है जिनके बारे में शायद ही आपने कभी सुना हो।
तुलसी का काढ़ा पीने से निकलती है किडनी की पथरी बाहर, ये हैं 10 फायदे
तुलसी के इन फायदों के बारे में विस्तार से जानिए।
1- किडनी की पथरी बाहर निकल सकती है
किडनी की पथरी हो, तो तुलसी की पत्तियों को उबालकर बनाया गया काढ़ा शहद के साथ नियमित 6 महीने सेवन करने से पथरी मूत्र मार्ग से बाहर निकल आती है।
2- पानी की शुद्धता के लिए
आदिवासी अंचलों मे पानी की शुद्धता के लिए तुलसी के पत्ते जल पात्र में डाल दिए जाते हैं और कम से कम एक से सवा घंटे पत्तों को पानी में रखा जाता है। कपड़े से पानी को छान लिया जाता है और फिर यह पीने योग्य माना जाता है।
3- त्वचा संक्रमण से बचाव
औषधीय गुणों से भरपूर तुलसी के रस में थाइमोल तत्व पाया जाता है जिससे त्वचा के रोगों में लाभ होता है। पातालकोट के आदिवासी हर्बल जानकारों के अनुसार तुलसी के पत्तों को त्वचा पर रगड़ दिया जाए, तो त्वचा पर किसी भी तरह के संक्रमण में आराम मिलता है।
4- दिल की बीमारी में वरदान
दिल की बीमारी में यह वरदान साबित होती है, क्योंकि यह खून में कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करती है। जिन्हें हार्ट अटैक हुआ हो, उन्हें तुलसी के रस का सेवन नियमित रूप से करना चाहिए। तुलसी और हल्दी के पानी का सेवन करने से शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा नियंत्रित रहती है और इसे कोई भी व्यक्ति सेवन में ला सकता है।
5- झाइयां कम करने के लिए
इसकी पत्तियों का रस निकाल कर बराबर मात्रा में नींबू का रस मिलाएं और रात को चेहरे पर लगाएं, तो झाइयां नहीं रहतीं, फुंसियां ठीक होती हैं और चेहरे की रंगत में निखार आता है।
6- फ्लू से बचाव
फ्लू रोग में तुलसी के पत्तों का काढ़ा, सेंधा नमक मिलाकर पीने से ठीक होता है। डांग- गुजरात में आदिवासी हर्बल जानकार फ्लू के दौरान बुखार से ग्रस्त रोगी को तुलसी और सेंधा नमक लेने की सलाह देते हैं।
7- थकान मिटाने के लिए
पातालकोट के आदिवासी हर्बल जानकार तुलसी को थकान मिटाने वाली एक औषधि मानते हैं। इनके अनुसार अत्यधिक थकान होने पर तुलसी की पत्तियों और मंजरी के सेवन से थकान दूर हो जाती है।
8- माइग्रेन से बचाव
इसके नियमित सेवन से 'क्रोनिक-माइग्रेन' के निवारण में मदद मिलती है। प्रतिदिन दिन में 4-5 बार तुलसी से 6-7 पत्तियों को चबाने से कुछ ही दिनों में माइग्रेन की समस्या में आराम मिलने लगता है।
9- संतान सुख
आदिवासियों द्वारा शिवलिंगी के बीजों को तुलसी और गुड़ के साथ पीसकर नि:संतान महिला को खिलाया जाता है, तो महिला को जल्द ही संतान सुख की प्राप्ति होती है।
10- घमौरियों का इलाज
गर्मियों में घमौरियों के इलाज के लिए डांग- गुजरात के आदिवासी संतरे के छिलकों को सुखाकर पाउडर बना लेते हैं और इसमें थोड़ा तुलसी का पानी और गुलाबजल मिलाकर शरीर पर लगाते हैं। ऐसा करने से तुरंत आराम मिलता है।
Drinking green tea reduce risk of Diseases
Reduces Risk of Heart Disease – Heart disease is the number one killer in the United States for both men and women. This is reason enough to start adding a daily cup of green tea to your routine. It’s been shown to be able to reduce the levels of bad cholesterol, increase the levels of good cholesterol, and generally improve the way your arteries function. The importance of a healthy heart can’t be understated, so taking steps to ensure that you’re drinking drinks and eating foods to help your heart is essential.
Inhibits Formation of Blood Clots – Keeping the blood flowing smoothly provides a great benefit to the body. Not only does it reduce the chance of stroke and heart attack, but it should also make you feel more energetic and active. Blood clots are actually normal, and helpful when they are re used to help the body heal, but it is the abnormal blood clots that are the problem. These are responsible for many of the problems that affect those over 50, and so it you fall into that category you should add green tea to your daily diet.
Reduces Risk Of High Blood Pressure – Blood pressure levels are one of the biggest indicators of how healthy you are. Good levels are usually associated with health and vitality, while bad levels are often a cause for alarm, or a wakeup call that you need to be more cautious about your lifestyle. Hypertension is often a precursor to serious conditions, and green tea has been shown to make noticeable improvements. They’ve also shown that the more you drink the better the results.
Reduces Unhealthy Blood Sugar – Your blood sugar levels play a big part in your overall health, and should not be overlooked. They can mean the difference between weight loss and weight gain, and are often a precursor to conditions like diabetes. Green tea has been shown to keep them in check by lowering them due to the presence of polyphenols and polysaccharides. The catechins it contains also helps round things out, making this a great drink for maintaining healthy glucose levels.
DETOX & PAIN RELIEF
in the feet, legs, ribs, and head pain.
Press between the bones on top of your foot until it hurts good.
Hold for 2 minutes as you breathe deeply.
MIND & BODY HEALING POINT
clears the brain, relieves a splitting headaches, nose blocked, heavy head, restlessness, illusions, or incoherence.
This point is traditionally called Hundred Meeting (GV 20) or Thousand Petal Lotus, the 7th crown chakra.
Emotionally GV 20 is associated with being disturbed, insanity, frightened, hysteria, instability, frequent weeping, or severe fright.
IT'S TIME TO LET GO
These upper chest points open your lungs to free stuck frustrations, anxieties & distress.
Cross your hands & your fingers magnetically go to the points.
Rub firmly, feeling for soreness or tension.
Close your eyes & breathe slowly into the finger pressure for 2 to 3 minutes to discover the benefits.
It's Fall, the best time to use this Lu 1 point for letting go.
Why hold on to your stress; use this point to let it go!
ARTHRITIS, HEADACHE, TOOTHACHE & RELIEF of ALLERGIES
How can one hand point do all this? LI4 is a pain reliever, decongestant & anti-inflammatory point.
CALM ANGER & ANXIETY?
By just holding your middle finger?
Yes; it works by supporting the Pericardium Meridian to balance your emotions.
Know someone who needs to calm down?
Show them how holding it and taking 3 deep breaths works much better than flipping the bird.
STRESS & HEADACHE RELIEF:
On your upper eye socket is point B2 for relieving brain fog, eye strain & frontal headaches.
MENTAL ALERTNESS & BETTER MEMORY:
Learn to clear your mind to counteract forgetfulness.
Use firm pressure for 1 minute on your upper gum, in the center.
Breathe deeply.
14 Foods That Cleanse the Liver
1. Garlic
Just a small amount of this pungent white bulb has the ability to activate liver enzymes that help your body flush out toxins. Garlic also holds high amounts of allicin and selenium, two natural compounds that aid in liver cleansing.
2. Grapefruit
High in both vitamin C and antioxidants, grapefruit increases the natural cleansing processes of the liver. A small glass of freshly-squeezed grapefruit juice will help boost production of the liver detoxification enzymes that help flush out carcinogens and other toxins.
3. Beets and Carrots
Both are extremely high in plant-flavonoids and beta-carotene; eating beets and carrots can help stimulate and improve overall liver function.
4. Green Tea
This liver-loving beverage is full of plant antioxidants known as catechins, a compound known to assist liver function. Green tea is not only delicious, it’s also a great way to improve your overall diet. Learn more about the benefits of green tea.
5. Leafy Green Vegetables
One of our most powerful allies in cleansing the liver, leafy greens can be eaten raw, cooked, or juiced. Extremely high in plant chlorophylls, greens suck up environmental toxins from the blood stream. With their distinct ability to neutralize heavy metals, chemicals and pesticides, these cleansing foods offer a powerful protective mechanism for the liver.
Try incorporating leafy greens such as bitter gourd, arugula, dandelion greens, spinach, mustard greens, and chicory into your diet. This will help increase the creation and flow of bile, the substance that removes waste from the organs and blood.
6. Avocados
This nutrient-dense super-food helps the body produce glutathione, a compound that is necessary for the liver to cleanse harmful toxins.
7. Apples
High in pectin, apples hold the chemical constituents necessary for the body to cleanse and release toxins from the digestive tract. This, in turn, makes it easier for the liver to handle the toxic load during the cleansing process.
8. Olive Oil
Cold-pressed organic oils such as olive, hemp and flax-seed are great for the liver, when used in moderation. They help the body by providing a lipid base that can suck up harmful toxins in the body. In this way, it takes some of the burden off the liver in terms of the toxic overload many of us suffer from.
9. Alternative Grains
It’s not only that you need alternative grains like quinoa, millet, and buckwheat in your diet, it’s that if you’ve got wheat, flour, or other whole grains in your diet, it’s time to make changes. Your liver is your body’s filter for toxins, and grains that contain gluten are full of them. A study last year found that persons who experienced gluten sensitivities also had abnormal liver enzyme test results, and that’s just one of many.
10. Cruciferous Vegetables
Eating broccoli and cauliflower will increase the amount of glucosinolate in your system, adding to enzyme production in the liver. These natural enzymes help flush out carcinogens, and other toxins, out of our body which may significantly lower risks associated with cancer.
11. Lemons & Limes
These citrus fruits contain very high amounts of vitamin C, which aids the body in synthesizing toxic materials into substances that can be absorbed by water. Drinking freshly-squeezed lemon or lime juice in the morning helps stimulate the liver.
12. Walnuts
Holding high amounts of the amino acid arginine, walnuts aid the liver in detoxifying ammonia. Walnuts are also high in glutathione and omega-3 fatty acids, which support normal liver cleansing actions. Make sure you chew the nuts well (until they are liquefied) before swallowing.
13. Cabbage
Much like broccoli and cauliflower, eating cabbage helps stimulate the activation of two crucial liver detoxifying enzymes that help flush out toxins. Try eating more kimchi, coleslaw, cabbage soup and sauerkraut.
14. Turmeric
The liver’s favorite spice. Try adding some of this detoxifying goodness into your next lentil stew or veggie dish for an instant liver pick-me-up. Turmeric helps boost liver detox, by assisting enzymes that actively flush out dietary carcinogens.
VERY SIMPLE, EASY & NATURAL JUICE REMEDY FOR THYROID
Ingredients:
– 1 cucumber
– 5 stalks celery
– 5 carrots
– 1 cup coconut water
– 1 lemon
Juice the above ingredients, and add coconut water last!
Drink once everyday..!
Here are a few health benefits of the wonder juice:
• A cup of beetroot juice helps reduce blood pressure level.
• Drinking a glass of beetroot juice daily actually aids blood flow to the brain and halts age-related ailments like dementia.
• It is an amazing antioxidant and helps prevent the formation of cancerous tumours.
• Beetroot juice detoxifies liver and also cures diseases related to digestive system.
• It is a very good source of folic acid and hence helps in providing protection against birth defects.
If you're unfamiliar with drinking beetroot juice, start with a small amount as it can be rather potent and might cause reactions for some individuals
SPIRITUAL HEALING POINT
Boosts Memory: Feel the indentation where your forehead meets the bridge of your nose.
This special point (GV24.5) is in between your eyebrows.
Gently touch it with your eyes closed & breathe deeply to obtain better memory + clear thinking.
नीम के फायदे (Benefits Of Neem):-
1. नीम के पत्तों को दही में पीसकर लगाने से दाद ठीक हो जाते हैं।
2. गठिया रोग से परेशान लोगों को नीम के तेल को गर्म करके मालिश करने से जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है।
3. नीम एक बेहतरीन हेयर कंडीशनर भी होता है , नीम की पत्तियों को पानी में उबालने के बाद इसे पीस कर पेस्ट बना लें। अब इस नीम के पेस्ट में शहद मिलाकर इस पेस्ट को बालों में लगाने से रूसी की समस्या खत्म होती है और बाल बहुत ही मुलायम और चमकीले भी हो जाते हैं।
4. यदि आप फोड़े और फुंसियों की समस्या से बचना चाहते है तो नीम के पत्ते, छाल और नीम के फलो (निबौलियों) को बराबर मात्रा में लेकर पीस लें, अब इस पेस्ट को त्वचा पर लगाने से फोड़े −फुसियां तथा घाव जल्दी ठीक हो जाते हैं।
5. नीम की दातुन का इस्तेमाल दांतों को साफ़ करने के लिए करते हैं, जो दाँतों को स्वस्थ और मजबूत रखने में बहुत मदद करती है।
6. नीम की छाल के काढ़े में धनिया और सौंठ का पाउडर मिलाकर पीने से मलेरिया में फायदा होता है।
7. नीम की पत्तियां चबाने से खून साफ होता है और त्वचा सम्बंधी बीमारियाँ दूर हो जाती है।
8. महाराष्ट्र में भारतीय नव वर्ष यानी गुड़ी पड़वा के दिन नीम के सेवन का विशेष महत्व है। ऐसा कहा जाता है कि गुडी पड़वा के दिन नीम की पत्तियाँ खाने से साल भर के लिए सभी प्रकार रोग दूर हो जाते हैं।
9. नीम की सूखी पत्तियों को जलाकर रात को धुआं करने से मच्छर मर जाते हैं और मलेरिया जैसी बीमारी का कोई खतरा नही रहता है।
10. खुजली व त्वचा रोगों में नीम काफी फायदा पहुंचाता है। नीम की पत्तियों को पानी में उबालकर फिर पानी को ठंडा करके नहाने से खुजली व त्वचा के रोगों मे लाभ मिलता है।
खाद्य पदार्थ---food similar to our organ
1. अखरोट की रचना सिर की तरह होती है तथा उसके अंदर भरा हुआ गूदा मस्तिष्क की तरह होता है। यही गूदा पर्याप्त मात्रा में नियमित सेवन करने से सिर संबंधी समस्याओं पर कंट्रोल होता है तथा मस्तिष्क की कार्य क्षमता एवं क्रिया प्रणाली में पॉजीटिव प्रभाव नजर आने लगता है।
2. पिस्ता आँख की भाँति दिखाई देता है। पिस्ते के अंदर का खाया जाने वाला हरे रंग का हिस्सा आँख के लिए परम लाभदायक होता है, इसलिए नेत्रों के लिए परम लाभदायक होता है। नेत्र लाभ के लिए कुछ मात्रा में पिस्ते का सेवन हमें करना चाहिए या यूँ कहें कि नेत्र रोगों के इलाज में पिस्ता आपकी सहायता कर सकता है।
3. जिन्होंने किडनी को देखा है या जो उसके आकार से परिचित हैं, वे यह कह सकते हैं कि काजू, सोयाबीन तथा किडनी बीन जैसे कुछ मेवे तथा फली वाले अनाज वगैरह किडनी को स्वस्थ बनाए रखने में सहायक हो सकते हैं।
4. किशमिश या अंगूर की रचना पित्ताशय (गाल ब्लैडर) से बहुत कुछ 'मैच' करती है, इसीलिए पित्ताशय को चुस्त-दुरुस्त रखने के लिए किशमिश या अंगूर का सेवन लाभदायक हो सकता है।
5. बादाम का आकार जहाँ एक ओर नेत्रों की तरह होता है, वहीं दूसरी ओर उसकी समानता मस्तिष्क से भी की जा सकती है। बादाम का नियमित सेवन नेत्र तथा मस्तिष्क दोनों ही के लिए परम प्रभावी होता है।
6. अनार के दानों का रंग रक्त के समान होने से अनारदानों का रस रक्त शोधक (खून की सफाई करने वाला) एवं रक्तर्द्धक (खून बढ़ाने वाला) होता है।
7. सेवफल का आकार और रंग भी बहुत कुछ हृदय के समान होता है, इसलिए सेवफल का नियमित सेवन हृदय के लिए विशेष लाभदायक होता है।
8. नारंगी की फाँकें किडनी और आँत से मेल खाती हैं, इसीलिए इसका नियमित सेवन किडनी तथा आँत के लिए फायदेमंद है।
9. गिलकी या घिया और तोरई आँत के एक भाग की तरह दिखाई देती है, इसलिए आँत की क्रिया प्रणाली को व्यवस्थित करने में इसका जवाब नहीं इनमें 'रफेज' की मात्रा भी बहुत है।
10. लम्बी-पतली ककड़ी तो मानो आँत ही हो। इसका सेवन कब्ज दूर करता है और आँत क्रिया प्रणाली को नियमित करता है। ऐसे अनेक प्राकृतिक संकेत या संदेश वनस्पतिज पदार्थों में छिपे हुए हैं, जिनको समझकर स्वास्थ्य लाभ उठाया जा सकता है।
दिल के रोगियों के लिए घरेलू नुस्खे
पीपल के 15 पत्ते लें जो कोमल गुलाबी कोंपलें न हों, बल्कि पत्ते हरे, कोमल व भली प्रकार विकसित हों। प्रत्येक का ऊपर व नीचे का कुछ भाग कैंची से काटकर अलग कर दें। पत्ते का बीच का भाग पानी से साफ कर लें। इन्हें एक गिलास पानी में धीमी आँच पर पकने दें। जब पानी उबलकर एक तिहाई रह जाए तब ठंडा होने पर साफ कपड़े से छान लें और उसे ठंडे स्थान पर रख दें, दवा तैयार।
इस काढ़े की तीन खुराकें बनाकर प्रत्येक तीन घंटे बाद प्रातः लें। हार्ट अटैक के बाद कुछ समय हो जाने के पश्चात लगातार पंद्रह दिन तक इसे लेने से हृदय पुनः स्वस्थ हो जाता है और फिर दिल का दौरा पड़ने की संभावना नहीं रहती। दिल के रोगी इस नुस्खे का एक बार प्रयोग अवश्य करें।
* पीपल के पत्ते में दिल को बल और शांति देने की अद्भुत क्षमता है।
* इस पीपल के काढ़े की तीन खुराकें सवेरे 8 बजे, 11 बजे व 2 बजे ली जा सकती हैं।
* खुराक लेने से पहले पेट एक दम खाली नहीं होना चाहिए, बल्कि सुपाच्य व हल्का नाश्ता करने के बाद ही लें।
* प्रयोगकाल में तली चीजें, चावल आदि न लें। मांस, मछली, अंडे, शराब, धूम्रपान का प्रयोग बंद कर दें। नमक, चिकनाई का प्रयोग बंद कर दें।
* अनार, पपीता, आंवला, बथुआ, लहसुन, मैथी दाना, सेब का मुरब्बा, मौसंबी, रात में भिगोए काले चने, किशमिश, गुग्गुल, दही, छाछ आदि लें।
स्वास्थ्य रक्षक किशमिश
.
वैसे तो किशमिश सूखे हुए अंगूर का दूसरा रूप है परन्तु इसमें न सिर्फ अंगूर के गुण विद्यमान होते हैं बल्कि दूध के भी लगभग सभी तत्व पाये जाते हैं। डाक्टरों का कहना है कि किसमिश को दूध के अभाव में प्रयोग में लाया जा सकता है, क्योंकि यह दूध की तुलना में जल्द ही पच जाता है।
.
1- वृध्दावस्था में इसका नियमित इस्तेमाल करने से न सिर्फ बीमारियों से शरीर की रक्षा होती है अपितु उम्र वृध्दि में भी सहायक है। आयुर्वेद के अनुसार, किशमिश की शर्करा शरीर में शीघ्र ही पचकर आत्मसात् हो जाती है। जिससे शक्ति और स्फूर्ति प्राप्त होती है।
2- कठोर परिश्रम, कुपोषण अथवा किसी बड़ी बीमारी के पश्चात् जब हमारे शरीर की शक्ति क्षीण हो जाती है, चब खोई हुई ऊर्जा को पुनः हासिल करने के लिए किसमिश शरीर हेतु संजीवनी साबित होती है। दूसरे शब्दों में कह सकते हैं कि क्षीण होती शक्ति को दुरुस्त करने में किशमिश अरनी अहम् भूमिका निभाती है।
3- खाने में किशमिश मधुर सि्ग्ध, शीतल व पित्तशामक प्राकृतिक गुणों से भी परिपूर्ण होती है जिससे शरीर को अन्य कई फायदे भी होते हैं।
4- किशमिश खाने से जहां कब्ज, अनीमिया, बुखार और यौन रोग जैसे कई गंभीर रोगों का जोखिम कम हो जाता है, वहीं यह वजन बढ़ाने में भी मददगार है।
4- इसमें आयरन, पोटेशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम, मैग्नीशियम और फाइबर भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं जो शरीर स्वास्थ्य रखने हेतु लाभकारी हैं।
5- मेवा के रूप में प्रसिध्द किशमिश कोलेस्ट्राल के स्तर को कम करने और रक्तचाप को घटाने में मदद करता है।
6- रात्रि में जल में भिगोकर शबरत बनाकर सुबह शाम सेवन करने से पित्तशमन, वायुअनुलोमन तथा मल निस्सारण जैसे रोगों में भी लाभदायक होता है।
7- किशमिश रक्तपित्त, दाह एवं जीर्णज्वर को खत्म करने में रामबाण औषधि है। साथ ही, यह मुंह में होने वाले हानिकारक बैक्टीरिया की वृध्दि को भी रोकता है।
8- यदि आप शराब पीने की लत से बेहद परेशान है और इससे आपको छुटकारा नहीं मिल रहा तो शराब की तलब की शिकायत होने पर शराब के स्थान पर 10 से 12 ग्राम किशमिश नित्य चबाकर खायें तो चंद दिनों में ही शराब पीने की लत से पूर्णतया मुक्त हो जायेंगे। इस तरह, व्यक्ति खुद में शक्ति का संचार और प्रसन्नता का अनुभव करने लगेगा।
9- रोजाना किशमिश खाने से आंखों की रोशनी में बढ़ोतरी होती है। इसलिए यह आंखों के लिए संजीवनी है।
10- यह कैल्शियम का अच्छा स्रोत होने के कारण हमारी हड्डियों को मजबूती प्रदान करता है।
8 Great Tips To Start Meditation(Dhyan)!!
Did you know by spending just a little time preparing for your meditation, you can actually have a deeper experience in meditation? For your ease, the tips given below will help you prepare for your meditation. Once done, click on the guided meditation below to begin your meditation.
1. Choose A Convenient Time
Meditation is essentially relaxation time, so it should be done entirely at your convenience. So, after the meditation you do right now, for the subsequent meditations, choose a time when you know you are not likely to be disturbed and are free to relax and enjoy.
The hours of sunrise and sunset, while nature transitions between day and night, are also ideal for the practice.
2. Choose A Quiet Place
Just like a convenient hour, choose a place where you not likely to be disturbed.
Quiet and peaceful surroundings can make the meditation experience more enjoyable and relaxing.
3. Sit In A Comfortable Posture
Your posture makes a difference too. Make sure you are relaxed, comfortable and steady.
Sit straight with your spine erect; keep your shoulders and neck relaxed, and eyes closed throughout the process.
That you have to sit in Padmasana (the lotus position) to meditate is a very common myth of meditation.
4. Keep A Relatively Empty Stomach
A good time to meditate is before having a meal.
After food, you might doze off while meditating. However, do not force yourself to meditate when you are very hungry.
You will find it difficult because of hunger cramps or you may even keep thinking about food the whole time! In this case, you can meditate after two hours after having food.
5. Start With A Few Warm-ups
A few warm-up or sukshma yoga exercises before sitting to meditate helps improve circulation, removes inertia and restlessness and makes the body feel lighter.
You will be able to sit steadily for a longer time.
6. Take A Few Deep Breaths
This is again preparation for easy meditation. Deep breathing in and out as well as doing some nadi shodhan pranayama before meditating is always a good idea.
This helps to steady the rhythm of the breath and leads the mind in to a peaceful meditative state.
7. Keep A Gentle Smile On Your Face
You will see the difference.
A gentle smile throughout keeps you relaxed, peaceful and enhances your meditation experience.
8. Open Your Eyes Slowly & Gently
As you come close to the end of the meditation, don’t be in a hurry to open your eyes and start moving about.
Open your eyes slowly and gradually and take time to become aware of yourself and your surroundings.
If you want to be healthy then follow these meditation tips and please do like and share it with your friends and family !
Source: http://www.shakahariblog.com/8-great-tips-to-start-meditationdhyan/#sthash.eKepF0TA.Eq1G1vlm.dpbs
How To Cure Cold In Just 24 Hours
Cold and flu are the most common diseases of the respiratory tract. Most people feel these symptoms few times a year, usually in spring and autumn. If you feel that you are getting sick, you must immediately take the necessary measures.
Here are three simple, but effective and tested traditional recipes that will help you combat the initial symptoms of the common cold, as well as to prevent its progress:
1) This drink can be considered as a substitute for the effervescent tablets, and you can do it yourself.
In 1.5 liters of boiled and cooled to room temperature water, add 1 tablespoon coarse sea salt, lemon juice and 1 gram of Vitamin C in the form of an effervescent tablet, containing ascorbic acid.
Optionally, you can sweeten it with a spoon of honey. Mix the drink and consume it within 1.5 hours.
2) Heat 100 ml of red wine, and add ¼ teaspoon of ground black pepper and 1 tablespoon honey in it.
Stir and drink it warm before bedtime.
3) A known remedy for cold and cough – warm beer with honey:
Warm a beer bottle of 0.5 liters in a bowl. Remove it from fire and add 2 tablespoons of honey, pinch of cinnamon, clove and stir.
Consume during the evening, before bed, in small sips, and then go to bed.
It must be noted that this remedy has a rather unpleasant taste, but is very efficient against cold and cough.
This drink softens cough, possesses anti inflammatory effect, and stimulates the sweat glands that derive from the cold body.
Homehealthyrecipes still notes that it is best, before you do anything, to go to the doctor, who will determine whether it is the common cold or flu and will recommend the appropriate drug therapy. In that case the recipes will only support the treatment.
Source: /www.homehealthyrecipes.com/how-to-cure-cold-in-just-24-hours/#sthash.CW1p7oei.dpuf
HOME REMEDIES FOR DANDRUFF
Dandruff is best described as the excessive shedding of skin on the scalp. Many people suffer from dandruff problems. Fortunately, there are many ways to treat and prevent dandruff.
Causes of Dandruff
Dandruff is a condition marked by excessive scalp flaking and itchiness. Dandruff has several causes, including dry skin, excessive cold weather, Hormonal changes, an overgrowth of yeast. Stress and poor diet also have been linked to dandruff.
Home Remedies:
Keep hair and scalp clean to avoid accumulation of dead cells:
The foremost consideration in the treatment of dandruff is to keep the hair and scalp clean so as to minimise the accumulation of dead cells.
Mix lemon peels with extra virgin coconut oil and allow the mixture to absorb direct sunlight for one week or up to 10 days. Strain the mixture and use it to pre-treat hair before shampooing.
Hair should be brushed daily to improve circulation:
The hair should be brushed daily to improve the circulation and remove any flakiness. Exposure of the head to the rays of the sun is also a useful measure in the treatment of dandruff.
Washing hair in green gram powder twice weekly helps keep the scalp healthy and reduces dandruff.
Using olive oil on hair gives the scalp healthy nourishment with such vitamins as vitamins A, E and K. Olive oil also has anti-inflammatory qualities, which can be helpful when the scalp is irritated. Olive oil should be warmed slightly and applied to the hair and scalp, and keep it for at least 30 minutes before shampooing and rinsing.
Dandruff Treatment using Lime:
The use of a teaspoon of fresh lime juice for the last rinse, while washing the hair, is another useful remedy. This not only leaves the hair glowing but also removes stickiness and prevents dandruff. Lime juice or lemon juice is an excellent oily dandruff home remedy and can also be used to prevent this scalp condition.
Dandruff can be removed by massaging the hair for half an hour with curd which has been kept open for three days, or with a few drops of lime juice mixed. Apply it on your hair before taking shower.
Home Remedies for Back Pain
Did you carry something heavy that made your back ache? Are you tired from sitting all day long at work? Back pain occurs for various reasons. But don’t let it make you more uncomfortable. You have to find ways to alleviate that pain. That said, here are some home remedies for back pain that really work in providing you better comfort.
1. Have a Massage
One of the common upper and lower back pain remedies is massage. You go to a massage clinic to treat your back pain and you’d be fine in an hour. If there’s someone at home you can do that, then that’s better!
2. Stretch and Move
You need to keep moving if you’re suffering from back pain. Moving the natural way is what it means here. You do normal stuff and chores, such as washing the dishes, walking the dog out, sweeping the floor. These are habits that won’t do further harm to your back, but rather help stretch and massage the affected area.
3. Wear Flats or Low Heels
For remedies for lower back pain during period in women, wearing comfortable shoes is one thing. Pain is twice worse if you have period. So to go on for today’s activities, shoes must be flat or with low heels.
4. Put Ice
One of the popularly known home remedies for back pain is the use of cold compress. You can soak your back in a tub filled with ice water or apply an ice pack compress. Either way, it helps get rid of pain around your back and shoulders.
5. Take a Warm Bath
Relaxing into a hot bath is another cheap remedy. This is one of the easiest lower back pain remedies to keep in mind. The heat can ease the swelling, so you should feel much better after.
These home remedies for back pain are surely reliable. You know now what to do the next time you feel ache in your back and any part of your body.