Monday, 31 August 2015

देशी फल कमरख













देशी फल कमरख

- इसे दन्तसठ ,कमरक , पर्णमाचाल , पीतफल , शिराल shiral करंबल आदि नामों से भी जाना जाता है.

- कमरख के पेड़ बड़े और छायादार होते है.

- ये हमेशा हरेभरे और फलों से लदे होते है.

- कमरख का उपयोग अचार , चटनी , मुरब्बा, सलाद आदि में होता है.

- स्वाद में इसके फल काफी खट्टे होते है और ज्यादा पक जाने पर इनमें थोडी मिठास भी आ जाती है।

-आदिवासियों के अनुसार इसका पका हुआ फल शक्तिवर्धक और ताजगी देने वाला होता है।

- गर्मियों में इस फल के सेवन से लू की मार नहीं पडती तथा यह ज्यादा गर्मी की वजह से होने वाले बुखार में भी लाभकारी होता है। अक्सर ग्रामीण जन इसके पके फलों का रस (पन्हा) तैयार कर दोपहर में पीते है, माना जाता है कि शरीर की आंतरिक तासीर को यह ठंडा बनाए रखता है और प्यास को बुझाता भी है।

- भोजन के दौरान कमरख के अध पके फलों की चटनी या अचार को भी खाया जाए तो गर्मियों में काफी फायदा करता है।

- बवासीर के रोगियों को पके हुए कमरख के फलों का सेवन करना चाहिए।

- फलों का रस हैंगओवर से निजात पाने में मदद करता है।

- जिन माताओं को प्रसूति पश्चात दुध स्रावण की समस्याएं रहती है, उन्हें भी पके फलों का रस देना चाहिए।

- ये काटने पर तारे के आकार में सुंदर दिखते है.

- ये काली मिर्च , जीरा और चीनी के साथ खाने पर अच्छे लगते है.

- इनकी प्रकृति गर्म होती है. - कच्चा फल वात नाशक और पित्त वर्धक होता है.

- पका फल शक्तिवर्धक , पुष्टिकारक और रुचिकारक होता है.

- इसके फलों का शरबत बना कर पिने से बुखार जल्दी उतरता है.

- सुबह शाम इसका शरबत पिने से रक्तपित्त में लाभ होता है.

- कपड़ों पर जंग के दाग लगने पर कमरख के पके या कच्चे फल से ४-५ बार जरा जोरो से रगड़ दें.४-५ मिनट बाद पानी से उस स्थान को धो डालें, दाग गायब हो जायेंगे.

- प्रात:काल ताजे पके कमरख का रस २-३ तोला लेकर उसमें थोड़ी चीनी मिलाकर एवं थोड़ा पानी मिलाकर शर्बत पी लिया करें. ४-५ दिनों में ही आप अनुभव करेंगे कि भूख तेजी से लगने लगी है, भोजन में रूचि बढ़ जाती है.

- यह जिगर और दिल को ताकत देता है.

- बालों से रूसी का सफाया करने के लिए बादाम तेल और कमरख के रस का मिश्रण बनाकर बालों में लगाएं.

- इसकी पत्तियों और डंडियों को दाद और खुजली पर पीसकर कर लगाया जाता है.

- यह ज़हर के असर को कम करते है.

- इसके फूल पेट के कीड़ों को नष्ट करते है.

- इसके फल रेचक होते है और डीसेंट्री को ठीक करते है.

- इसके फल रक्त प्रदर को शांत करते है.

- इसके बीज ज़्यादा मात्रा में लेने पर गर्भपात कर सकते है. 

- इसके फलों में भरपूर लौह होता है .

- सूरीनामी देशों में इसे फटी एडियों के इलाज में काम में लाया जाता है.

पेट की चर्बी दूर करने के लिए घरेलू नुस्खे











पेट की चर्बी दूर करने के लिए घरेलू नुस्खे

पेट की चर्बी कम करना चाहते हैं, तो आपको अपने जीने का अंदाज बदलना होगा। जाहिर सी बात है कि जिस तरीके से अब तक आपका वजन बढ़ता है, उसी ढर्रे पर चलते रहने से तो वजन कम होने से रहा। यानी अगर आप अपना लुक बदलना चाहते हैं, तो आपको अपने आपको बदलना होगा।

अपने दिन की शुरुआत नींबू पानी से करें। पेट पर जमा अतिरिक्‍त चर्बी को कम करने का यह कारगर घरेलू उपाय है। गुनगुने पानी में नींबू का रस और थोड़ा सा नमक मिला लें। रोज सुबह इसका सेवन करने से आपका मेटाबॉलिज्‍म दुरुस्‍त रहता है और साथ ही आपको वजन कम करने में भी मदद मिलती है।

अगर आप चर्बी कम करना चाहते हैं, तो मिठाई से दूर रहें। मीठे पदार्थ जैसे, मिठाई, मीठे पेय पदार्थ और तैलीय खाद्य पदार्थों से दूर रहें। ये खाद्य पदार्थ आपके शरीर पर अति‍रिक्‍त चर्बी जमा करते हैं। यह चर्बी आपके शरीर के विभिन्‍न हिस्‍सों जैसे पेट और जांघों पर जमा हो जाती है।
पेट की चर्बी कम करने के लिए आपको खूब पानी पीना चाहिए। यह बेहद कारगर उपाय है। नियमित अंतराल पर पानी पीते रहने से आपका मेटाबॉलिज्‍म बढ़ जाता है और आपके शरीर से विषैले पदार्थ बाहर निकल जाते हैं और आपका शरीर स्‍वस्‍थ रहता है।

सुबह-सुबह कच्‍चा लहसुन खाना आपके शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होता है। रोजाना सुबह लहसुन की दो तीन कलियां चबाना और ऊपर से नींबू पानी पीना आपके लिए काफी फायदेमंद होता है। इससे वजन कम करने की आपकी प्रक्रिया दोगुनी हो जाएगी। इसके साथ ही आपके शरीर में रक्‍त प्रवाह भी सुचारू हो जाएगा।

अपने आहार में खूब फल और सब्जियां शामिल करें। सुबह शाम एक कटोरी फल और सब्जियां खाना आपके स्‍वास्‍थ्‍य के लिए फायदेमंद होता है। इससे आपका पेट तो भरा ही रहेगा साथ ही आपको खूब एंटीऑक्‍सीडेंट्स, मिनरल और विटामिन मिलेंगे।

भोजन पकाते समय ऐसे मसालों का उपयोग करें जो वजन कम करने में मदद करे। दालचीनी, अदरक और काली मिर्च का उपयोग भोजन पकाते समय जरूर करें। इन मसालों में सेहत के लिए फायदेमंद तत्‍व होते हैं। इससे आपकी इनसुलिन क्षमता बढ़ती है और साथ ही रक्‍त में शर्करा की मात्रा कम होती है।

भुनी हुई हिंग, काला नमक ओर जीरा समान मात्र मे लेकर उनका चूर्ण बना लें। दिन मे दो बार दहि के साथ 2/3 ग्राम की मात्रा मे लें। जीरे से शरीर की शोधन प्रक्रिया बलवान होती है।

चेहरे की सुंदरता













स्त्रियों की सुंदरता पर कोई दाग आए उन्‍हें बिल्‍कुल पसंद नहीं। अगर चेहरे पर बाल हों तो उन्‍हें बहुत चिंता हो जाती है। चेहरे पर बाल होने से चेहरा गंदा और काला दिखाई देता हैं । महिलाएं सोचती हैं कि अगर चेहरे से बाल हटाने हैं तो उन्‍हें केवल ब्‍लीच का सहारा लेना पड़ता है। पर हर समय ब्‍लीच करने से चेहरे और त्‍वचा पर गलत असर पड़ने लगता है। सुंदर त्वचा और चेहरे पर बाल हटाने के लिए घरेलू उपचार अपनाए जा सकते हैं। ऐसे घरेलू उपचारों से चेहरा चमचमाने लगेगा और चेहरा एक जैसा दिखेगा। 

घरेलू उपचार :-
1. बेसन को हल्‍दी के साथ मिलाइए , उसमें सरसों का तेल डाल कर गाढा पेस्‍ट बनाइए। इसे चेहरे पर लगा कर रगडिये और इसे हफ्ते में दो बार लगाइये। ऐसा करने से चेहरा चमचमाने लगेगा।

2. हल्‍दी पाउडर को नमक के साथ मिलाइए। इसमें कुछ बूंदे नींबू और दूध की मिला सकती हैं। 5 मिनट के लिए मसाज कीजिए। इससे आपके चेहरे के बाल गायब होंगे और चेहरा सफेद भी होगा।

3. नींबू और शहद के पेस्‍ट को मिला कर अपने चेहरे पर 15-20 मिनट के लिए लगा रहने दीजिए। इसके बाद इसे रगड कर छुडाइए और ठंडे पानी से धो लीजिए। 

4. चीनी डेड स्‍किन को हटाती है और चेहरे के बालों को जड़ से निकाल देती है। अपने चेहरे को पानी से गीला कीजिए उस पर चीनी लगा कर रगडिए। सप्ताह मे कम से कम दो बार जरुर कीजिए। 

5. एक कटोरे में 1 अंडे का सफेद भाग ले कर चीनी और कार्न फ्लोर के साथ मिला दीजिए। इसे चेहरे और गर्दन पर लगाए। 15 मिनट मसाज करने के बाद 5 मिनट छोड़ दीजिए और फिर ठंडे पानी से धो लीजिए। सप्ताह में 3 बार करें। 

6. बेसन को हल्‍दी और दही के साथ मिलाए और चेहरे पर 20 मिनट के लिए लगाइए। इसे बाद में दूध और फिर ठंडे पानी से धो लीजिए। सप्ताह में 2 बार करें।

तलुओं मे जलन















तलुओं मे जलन

दो गिलास गर्म पानी में, एक चम्मच सरसों का तेल मिलाकर दोनों पैर इस पानी में रखें और पांच मिनट बाद धोएं। इससे पैर साफ हो जाएंगे, जलन दूर हो जाएगी।

लौकी या घीया को काटकर इसका गूदा पैर के तलवों पर मलने से जलन दूर होती है।

पैरों में जलन होने पर करेले के पत्तों के रस की मालिश करने से लाभ होता है।

करेले के पत्ते पीस कर लेप करने से भी लाभ होता है।

गर्मी के दिनों में जिन लोगों के पैरों में निरंतर जलन होती है उन्हे पैरों में 

मेहंदी लगाने से लाभ होता है।

हाथ-पैरों में जलन आम की बौर रगडऩे से मिट जाती है।

तलवों, हाथ पैरों में जलन हो तो घी मलने से मिट जाती है।

मक्खन और मिश्री समान मात्रा में मिलाकर दो चम्मच मिश्रण रोज चाटें।

सुखी धनिया और मिश्री समान मात्रा में मिलाकर पीस लें। इस मिश्रण की दो चम्मच मात्रा ठंडे पानी से रोज चार बार लें।

चोकरयुक्त आटा खाने के लाभ
















चोकरयुक्त आटा खाने के लाभ

प्राय: लोग खाना बनाते समय आटे को छानकर चोकर फेंक देते हैं लेकिन उन्हें यह पता नहीं कि चोकर फेंककर उन्होंने आटे के सारे रेशे (फाईबर्स) फेंक दिये हैं 

चोकरयुक्त आटा खाने के लाभ :

१] गेंहूँ का चोकर कब्ज हटाने में रामबाण का काम करता है | इसके प्रयोग से आँतो में चिपका हुआ मल साफ़ होता है, गैस नहीं बनती, आँते सुरक्षित व पेट मुलायम रहता है |

२] चोकर आमाशय के घावों को ठीक करता हैं |

३] रक्तवसा (कोलेस्ट्रोल) को संतुलित करके ह्रदयरोग से भी रक्षा करता है |

४] आंत्रपुच्छशोध (अपेंडिसाइटिस), अर्श (बवासीर) तथा भंगदर से बचाता है | बड़ी आँत एवं मलाशय कैंसर से भी रक्षा होती है |

५] मोटापा घटाने तथा मधुमेह निवारण में भी अचूक कार्य करता है |
अत: अति लाभकारी चोकरयुक्त आटे का ही प्रयोग करें, भूलकर भी इसे न फेंके 

घुटनों के दर्द के आसान घरेलू उपाय


















घुटनों के दर्द के आसान घरेलू उपाय:-

घुटनों का दर्द बहुत ही पीड़ादायक होता है और यह आपको चलने-फिरने में भी असमर्थ कर देता है. यदि आपका वजन अधिक हो या आप वृद्धावस्था में हों तो घुटनों का दर्द और भी तकलीफदेह हो जाता है. यह बात कम ही लोग जानते हैं कि कुछ आसान घरेलू उपायों की मदद से घुटनों के दर्द की इस तकलीफ से छुटकारा पाया जा सकता है.

यदि आप निम्नलिखित कारणों से घुटनों के दर्द से पीड़ित है:-

घुटनों की माँसपेशियो में खून का दौरा सही नहीं होना.
घुटनों की माँसपेशियो में खिंचाव या तनाव होना.
माँसपेशियो में किसी भी तरह की चोट का प्रभाव.
वृद्धावस्था.

पांच घरेलू उपाय आपको घुटनों के दर्द से छुटकारा दिला सकते हैं
घुटनों के दर्द के उपाय 

घुटनों का दर्द – उपाय 1
नीचे बताई गयी सामग्री को मिला कर हल्दी का एक दर्द निवारक पेस्ट बना लीजिये....
1 छोटा चम्मच हल्दी पाउडर
1 छोटा चम्मच पीसी हुई चीनी, या बूरा या शहद
1 चुटकी चूना (जो पान में लगा कर खाया जाता है)
आवश्यकतानुसार पानी इन सभी को अच्छी तरह मिला लीजिये. 
एक लाल रंग का गाढ़ा पेस्ट बन जाएगा.

सोने से पहले यह पेस्ट अपने घुटनों पे लगाइए. इसे सारी रात घुटनों पे लगा रहने दीजिये. सुबह साधारण पानी से धो लीजिये. कुछ दिनों तक प्रतिदिन इसका इस्तेमाल करने से सूजन, खिंचाव, चोट आदि के कारण होने वाला घुटनों का दर्द पूरी तरह ठीक हो जाएगा.

घुटनों का दर्द – उपाय 2
1 छोटा चम्मच सोंठ का पाउडर लीजिये और इसमें थोडा सरसों का तेल मिलाइए. इसे अच्छी तरह मिला कर गाड़ा पेस्ट बना लीजिये. इसे अपने घुटनों पर मलिए.
इसका प्रयोग आप दिन या रात कभी भी कर सकते हैं. कुछ घंटों बाद इसे धो लीजिये. यह प्रयोग करने से आपको घुटनों के दर्द में बहुत जल्दी आराम मिलेगा.

घुटनों का दर्द – उपाय 3
4-5 बादाम
5-6 साबुत काली मिर्च
10 मुनक्का
6-7 अखरोट
प्रयोग:
इन सभी चीज़ों को एक साथ मिलाकर खाएं और साथ में गर्म दूध पीयें.
कुछ दिन तक यह प्रयोग रोजाना करने से आपको घुटनों के दर्द में आराम मिलेगा.

घुटनों का दर्द – उपाय 4
खजूर विटामिन ए, बी, सी, आयरन व फोस्फोरस का एक अच्छा प्राकृतिक स्रोत है. इसलिए, खजूर घुटनों के दर्द सहित सभी प्रकार के जोड़ों के दर्द के लिए बहुत असरकारक है.
प्रयोग:

एक कप पानी में 7-8 खजूर रात भर भिगोयें.सुबह खाली पेट ये खजूर खाएं और जिस पानी में खजूर भिगोये थे, वो पानी भी पीयें. ऐसा करने से घुटनों की मांसपेशियां मजबूत होती हैं, और घुटनों के दर्द में बहुत लाभ मिलता है.

घुटनों का दर्द – उपाय 5
नारियल भी घुटनों के दर्द के लिए बहुत अच्छी औषधी है. 

रोजाना सूखा नारियल खाएं.
नारियल का दूध पीयें.
घुटनों पर दिन में दो बार नारियल के तेल की मालिश करें.
इससे घुटनों के दर्द में अद्भुत लाभ होता है.

आशा है आपको इन आसान घरेलू उपायों की मदद से घुटनों के दर्द से छुटकारा मिलेगा और आपकी ज़िंदगी बेहतर हो सकेगी

घर पर बनाये हर्बल साबुन













घर पर बनाये हर्बल साबुन
(पशुओ की चर्बी से बचिये)

सामग्री :-
१. मुल्तानी मिटटी 100 ग्राम 
२.शिकाकाई 50 ग्राम 
३. रीठा 25 ग्राम 
४. गुलाब जल 25 ग्राम 
५. बेसन 25 ग्राम 
६. नारियल तेल 25 ग्राम 
७. शहद 25 ग्राम 
८. अलोविरा रस 25 ग्राम 
९. तुलसी रस 05 ग्राम 
१०.निम्बू रस 10 ग्राम 
११. पसंदानुसार खुसबू 
१२. फिटकरी 05 ग्राम

सबसे पहले मुल्तानी मिटटी,शिकाकाई ,रीठा को पिस कर भिंगो दे फिर उसमे सभी सामग्री को अच्छी तरह मिलाकर अपने पसंदानुसार सांचे में डाल कर सुखा लेवे |

बस ये आपके लिए 4 हर्बल साबुन तैयार हो जायेगा |

इसमे बादाम आयल , नीम का तेल व् दुसरे तेल भी डाल कर बनाया जा सकता है |

हिचकी












हिचकी 

किसी भी स्त्री-पुरुष, बच्चे व प्रोढ़ को किसी समय भी हिचकी आ सकती है, लेकिन जब निरंतर हिचकी आने लगे तो रोगी के लिए मुसीबत बन जाती है। निरंतर हिचकी का आना रोगी के लिए बहुत हानिकारक हो सकती है


उत्पत्तिः
पाचन क्रिया की विकृति के कारण पेट में बदहजमी होने पर हिचकी आने लगती है। वृक्कों (गुर्दों) में सूजन होने पर भी हिचकी की उत्पत्ति होती है। स्नायुओं में किसी कारण से उत्तेजना होने पर भी हिचकियां आने लगती है। हिस्टीरिया रोग से पीड़ित लड़कियों को बहुत हिचकियां आती है।

मस्तिष शोथ के कारण भी कुछ व्यक्तियों को हिचकी की विकृति होती है। वात श्लैष्मिक ज्वर अर्थात जुकाम, आंत्रिक ज्वर (टायफाइड), हैजा व उदर रोगों के कारण भी हिचकी की उत्पत्ति होती है। उष्ण मिर्च-मसाले व अम्लीय रसों से निर्मित खाद्य पदार्थो के सेवन से अधिक हिचकियां आती है।

लक्षण :

निरंतर हिचकियां आने पर रोगी को श्वास लेने में बहुत कठिनाई होती है। निरंतर हिचकी से छोटे बच्चे रोने लगते हैं। रोते-रोते भी हिचकियां आने लगती है। जल पीने से हिचकी बंदन हो तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए। यदि किसी रोग के कारण हिचकी की उत्पत्ति हो तो पहले उस रोग की चिकित्सा करानी चाहिए।

क्या खाएं?

1. * 3 ग्राम की मात्रा में कलौंजी पीसकर, मक्खन मिलाकर सेवन करने से हिचकियां बंद हो जाती है।

2. * मोर के पंखों के ऊपरी भाग (चंद्र भाग) को काटकर, किसी मिट्टी के पात्र में रखकर, आग पर गर्म करके भस्म बना लें। इस भस्म में मधु मिलाकर चाटकर खाने से हिचकी बंद होती है।

3. * पीपली का चूर्ण बनाकर 1 ग्राम चूर्ण मधु मिलाकर चाटकर खाने से हिचकी का निवारण होता है।

4. * सेंधा नमक व काला नमक 1-1 ग्राम की मात्रा में हल्के गर्म जल में मिलाकर पीने से कुछ देर में हिचकी बंद हो जाती है।

5. * मूली के हरे कोमल पत्तों को चबाकर खाने से हिचकी बंद हो जाती है।

6. * 10 ग्राम राई जल में उबालकर, छानकर थोड़ा-थोड़ा मात्रा में पीने से हिचकी बंद हो जाती है।

7. * सोंठ को जल के साथ घिसकर या पीसकर सूंघने मात्र से हिचकी बंद हो जाती है।

8. * तुलसी के पत्तों के 5 ग्राम मधु मिलाकर चाटने से हिचकी बंद होती है।

9. * काली मिर्च को तवे पर जलाने पर उसके धुंए को सूंघने से हिचकी नष्ट होती है।

10. * प्याज को बारीक-बारीक काटकर, उसमें सेंधा नमक मिलाकर खाने से हिचकियां बंद होती है।

11. * प्याज के रस में मधु मिलाकर चाटकर खाने से हिचकी बंद होती है।

12. * मुंह में इलायची रखकर चूसने से हिचकी बंद हो जाती है।

13. * कागजी नीबू के 10 ग्राम रस में थोड़ा-सा सेंधा नमक और मधु मिलाकर चाटने से हिचकी बंद होती है।

क्या न खाएं?

1. * उष्ण मिर्च-मसालों व अम्लीय रसों से निर्मित खाद्य पदार्थो का सेवन न करें।

2. * घी, तेल से बने पकवानों का सेवन न करें।

3. * चइनीज व फास्ट फूड का सेवन न करें।

4. * तेल हुए व चटपटे भोजन का सेवन न करे।

5. * चाय, कॉफी का सेवन न करें।

घुटनों के दर्द













घुटनों के दर्द

घुटनों के लचीलेपन को बढाने के लिए दाल चीनी, जीरा, अदरक और हल्दी का उपयोग उत्तम फलकारी है। इन पदार्थों में ऐसे तत्त्व पाए जाते हैं जो घुटनों की सूजन और दर्द का निवारण करते हैं। 

मैथी दाने, सौंठ और हल्दी समान मात्रा में मिलाकर, पीसकर नित्य सुबह-शाम भोजन करने के बाद गरम पानी से, दो-दो चम्मच फ़की लेने से लाभ होता है। 

रोज सुबह भूखे पेट एक चम्मच कुटे हुए मैथी दाने में 1 ग्राम कलौंजी मिलाकर एक बार फाँकी ले। 

मैथी दाने हमेशा सुबह खाली पेट जबकि दोपहर और रात में खाना खाने के बाद, आधा चम्मच मात्रा, पानी के साथ फाँकने से सभी जोड़ मजबूत रहेंगे और जोड़ों में किसी भी प्रकार का दर्द कभी नहीं होग। 

अलसी के दानों के साथ 2 अखरोट की गिरी सेवन करने से जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है। 

मैथी के लड्डू खाने से हाथ-पैर और जोड़ों के दर्दो में आराम मिलता है। 
अँकुरित मैथी दाने खाएँ और उसके खाने के बाद आधे घंटे तक कुछ न खाएँ। 

30 की उम्र के बाद मैथी दाने की फाँकी लेने से शरीर के जोड़ मजबूत बने रहते हैं तथा बुढ़ापे तक मधुमेह, ब्लड प्रेशर और गठिया जैसे रोगों से बचाव होता है। 

मैथी दानों को तवे या कढ़ाही में गुलाबी होने तक सेकें. ठंडा होने पर पीस लें. रोज सुबह खाली पेट आधा चम्मच, एक गिलास पानी के साथ लें। 

मैथी दानों को दरदरा कूटकर सर्दियों में 2 चम्मच और गर्मी में एक चम्मच की फाँकी सुबह-सुबह खाली पेट पानी के साथ लें। 

नारियल की गिरी अक्सर खाते रहने से घुटनों का दर्द होने की संभावना नहीं रहती।

मालिश के लिए तेल एवं सिकाई के तरीके :-

अरंडी के पत्तो को पीस लें, थोड़ा सा सरसो का तेल ओर थोड़ा सा कपूर मिला लें, घुटनों के ऊपर लेप करें व लाल रंग का कपड़ा बाँधे । अब इसके ऊपर गरम सेंक करें।

सामान मात्र में अरंडी और सरसों का तेल , लहसुन की 2 कली और तेल की कुल मात्रा का आधा कपूर । गरम तेल में कपूर मिलाना है (सावधानीपूर्वक) जब तेल हल्का गरम रहे मालिश करनी है और फिर आक के पत्तो को ग़रम कर उस स्थान पर रखें ओर उपर से रूई रखकर लाल कपड़े की पट्टी बाँधे। मालिस घुटने के आगे और पीछे दोनों ओर करनी है ।

जोड़ों और घुटनो की पीड़ा दूर करने के लिये तेल निर्माण करने का एक बेहद असरदार फार्मूला :-

काला उड़द 10 ग्राम ,बारीक पीसा हुआ अदरक 5 ग्राम ,पीसा हुआ कर्पूर 2 ग्राम लें। ये तीनों पदार्थ 50 ग्राम सरसों के तेल में 5 मिनट तक गरम करें और आंच से उतारकर छानकर बोतल में भर लें। 
मामूली गरम इस तेल से जोड़ों की मालिश करने से दर्द में आराम मिलता है। दिन में 2-3 बार मालिश करना उचित है। आक के पत्तो को ग़रम कर उस स्थान पर रखें ओर उपर से रूई रखकर लाल कपड़े की पट्टी बाँधे । अगर संभव हो तो 15-20 मिनट लाल कपडा बाँध कर घुटना धूप में रख कर बैठें ।

गर्भावस्था की विकृतियां (Disorders Of Pregnancy)















गर्भावस्था की विकृतियां (Disorders Of Pregnancy)

गर्भधारण करने पर घर में खुशीयां छा जाती है। गर्भधारण करने पर नवयुवतियों को भी बहुत खुशी होती है, लेकिन गर्भ के विकास के साथ गर्भवती की खुशियां पीड़ा में परिवर्तित होने लगती हैं। गर्भावस्था में वमन, अतिसार, हाथ-वांवों में शोध्थ, रक्ताल्पता, उच्च रक्तचाप, कोष्ठबद्धता, अनिद्रा, अर्श रोग, उदर शूल आदि विकृतियां बहुत होती हैं।

उत्पत्ति :

गर्भधारण के साथ ही वमन विकृति प्रारंभ हो जाती है। कुछ स्त्रियों को कम और कुछ स्त्रियों को अधिक वमन होती है। गर्भावस्था में भोजन में अधिक गरिष्ठ व वातकारक, शीतल खाद्य पदार्थों के सेवन से स्त्रियां उदर शूल से पीड़ित होती हैं। कुछ स्त्रियों को कोष्ठबद्धता हो जाती है तो उन्हें अधिक उदर शूल और वमन होने लगती है। पाचन क्रिया की विकृति कुछ स्त्रियों को अतिसार का शिकार बना देती है।

गर्भावस्था में उच्च् रक्तचाप भी बहुत देखा जाता है। गर्भ के विकास के साथ उच्च रक्तचाप की विकृति अधिक बढ़ती है। गर्भावस्था में भोजन में पौष्टिक खाद्य पदार्थों के अभाव में स्त्रियां रक्ताल्पता की शिकार होती हैं। रक्ताल्पता से गर्भस्थ शिशु का विकास रुक जाता है। गर्भवती को बहुत हानि पहुंचती है। गर्भस्त्राव की आशंका बनी रहती है।

लक्षण :
गर्भावस्था में स्त्रियां कुछ खाते-पीते ही वमन करने लगती हैं। प्रातः खाली पेट अधिक वमन होती है। कोष्ठबद्धता के कारण उदर शूल होता है और जी मिचलाने की विकृति होती है। कोष्ठबद्धता में उदर में दूषित वायु की अधिक उत्पत्ति होती है। दूषित वायु के ऊपर की ओर जाने से जी मिचलाता है और सिरदर्द होने लगता है। सिर चकराने के लक्षण भी दिखाई देते हैं। योनि के आस-पास खुजली भी होने लगती है।

गर्भावस्था में अतिसार होने से गर्भवती के बार-बार शौच के लिए जाने से शरीर में जल की कमी हो जाती है। गर्भवती शारीरिक रूप से अधिक कमजोर हो जाती है। हाथ-पांवों में शोध की विकृति से अधिकांश स्त्रियां पीड़ित होती हैं। पाचन क्रिया की विकृति के कारण स्त्रियों के मूत्र में तीव्र जलन होती है। उन्हें बार-बार मूत्र त्याग के लिए जाना पड़ता है। गर्भावस्था में मधुमेह की विकृति गर्भवती के लिए अधिक घातक हो जाती है।

क्या खाएं?

गर्भावस्था में वमन विकृति होने पर नीबू के रस को जल में मिलाकर दिन में दो-तीन बार पिएं।

कोष्ठबद्धता की विकृति होने पर त्रिफला का 3 ग्राम चूर्ण हल्के गर्म जल के साथ सेवन करें। कोष्ठबद्धता नष्ट होगी।

पुदीनहरा को जल में मिलाकर पीने से वमन विकृति नष्ट होती है।

नारंगी, संतरा खाने व रस पीने से वमन नहीं होती।

किसी स्त्री को पहले गर्भस्त्राव हो चुका हो तो उसे गर्भधारण के साथ केले के तने (कांड) का 5 ग्राम रस मधु मिलाकर प्रतिदिन सेवन करना चाहिए।

अनार का रस पीने से रक्तस्त्राव की विकृति नहीं होती है।

प्रतिदिन 100 ग्राम सिंघाड़े, कुछ दिनों तक खाने से गर्भाशय की निर्बलता नष्ट होती है।

बेल का गूदा 20 ग्राम और गुड़ 10 ग्राम मात्रा में लेकर जल के साथ सेवन करने से अतिसार बंद होते हैं।

आंवले का चूर्ण 3 ग्राम लेकर उसमें थोड़ा-सा सेंधा नमक मिलाकर सेवन करें। अतिसार बंद होते है।

चावल उबालकर बनाएं मांड को दही या तक्र (मट्ठे) के साथ सेंधा नमक मिलाकर सेवन करने से अतिसार का निवारण होता है।

आंवले के 30 ग्राम रस में मधु मिलाकर सेवन करने से मूत्र की जलन नष्ट होती है।

रात को 15 ग्राम धनिया जल में डालकर रखें। प्रातः उठकर उस धनिए को छानकर, जल में मिसरी मिलाकर पीने से जलन नष्ट होती है।

गर्भावस्था में अधिक प्यास लगने पर जल में नीबू का रस और चीनी मिलाकर सेवन करें।

यह आपके और आने वाले बच्चे, दोनों के लिए बहुत जरूरी है। इसलिए कम से कम 2/3 लीटर पानी रोज पिएं। इससे स्ट्रेच मार्क्स और कब्ज दूर होगी और त्वचा में भी निखार आएगा।

खूब सारी हरी पत्तेदार सब्जियां खाएं। थोड़े-थोड़े अंतराल पर खाएं। एक साथ ज्यादा खाना न खाएं। इससे आपको बेचैनी नहीं होगी और कब्ज की वजह से होने वाली जलन भी कम होगी.

क्या न खाएं?

मीट और जंक फूड से परहेज करें।
घी, तेल, मक्खन आदि से बने खाद्य पदार्थों का सेवन बिल्कुल न करें।
उष्ण मिर्च-मसालों व अम्लीय रसों से बनें खाद्य पदार्थों का सेवन न करें।
पपीता, आम का सेवन न करें।
चाय, कॉफी, दूध के सेवन से हानि होती है।

अगर आपका गला बैठा (स्वरभंग) है















अगर आपका गला बैठा (स्वरभंग) है और बोलने मे परेशानी है
तो कीजिये ये सामान्य उपाय:-

कच्चा सुहागा आधा ग्राम (मटर के बराबर सुहागे को टुकड़ा) मुँह में रखें और रस चुसते रहें। उसके गल जाने के बाद स्वरभंग तुरंत आराम हो जाता है। दो तीन घण्टों मे ही गला बिलकुल साफ हो जाता है। उपदेशकों और गायकों की बैठी हुई आवाज खोलने के लिये अत्युत्तम है।

सोते समय एक ग्राम मुलहठी के चूर्ण को मुख में रखकर कुछ देर चबाते रहे। फिर वैसे ही मुँह में रखकर सो जाएँ। प्रातः काल तक गला अवश्य साफ हो जायेगा। 

मुलहठी चुर्ण को पान के पत्ते में रखकर लिया जाय तो और भी आसान और उत्तम रहेगा। इससे प्रातः गला खुलने के अतिरिक्त गले का दर्द और सूजन भी दूर होती है।

रात को सोते समय सात काली मिर्च और उतने ही बताशे चबाकर सो जायें। सर्दी जुकाम, स्वर भंग ठीक हो जाएगा। बताशे न मिलें तो काली मिर्च व मिश्री मुँह में रखकर धीरे-धीरे चुसते रहने से बैठा खुल जाता है।

भोजन के पश्चात दस काली मिर्च का चूर्ण घी के साथ चाटें अथवा दस बताशे की चासनी में दस काली मिर्च का चुर्ण मिलाकर चाटें।

Sunday, 30 August 2015

चिरायता


















चिरायता

चिरायते का नाम अधिकांश लोगों ने सुन रखा होगा। बरसों से हमारी दादी-नानी कड़वेचिरायते से बीमारियों को दूर भगाती रही है। असल में यह कड़वा चिरायता एकप्रकार की जड़ी-बूटी है जो कुनैन की गोली से अधिक प्रभावी होती है। एकप्रकार से यह एक देहाती घरेलू नुस्खा है। पहले इस चिरायते को घर में सुखाकर बनाया जाता था लेकिन आजकल यह बाजार मेंकुटकी चिरायते के नाम से भी मिलता है। लेकिन अधिक कारगर तो घर पर बना हुआ ताजा और विशुद्धचिरायता ही अधिक कारगर होता है।
चिरायता बनाने की विधि-
100 ग्राम सूखी तुलसी के पत्ते का चूर्ण, 
100 ग्राम नीम की सूखी पत्तियोंका चूर्ण, 
100 ग्राम सूखे चिरायते का चूर्ण लीजिए। 

इन तीनों को समान मात्रामें मिलाकर एक बड़े डिब्बे में भर कर रख लीजिए। यह तैयार चूर्ण मलेरिया या अन्य बुखार होने की स्थिति में दिन में तीन बार दूध से सेवन करें। मात्रदो दिन में आश्चर्यजनक लाभ होगा।

कारगर एंटीबॉयोटिक-
बुखार ना होने की स्थिति में भी यदि इसका एक चम्मच सेवन प्रतिदिन करें तो यह चूर्ण किसी भी प्रकार की बीमारी चाहे वह स्वाइन फ्लू ही क्यों ना हो, उसे शरीर से दूर रखता है। इसके सेवन से शरीर के सारे कीटाणु मर जाते हैं। यह रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में भी सहायक है। इसके सेवन से खून साफहोता है तथा धमनियों में रक्त प्रवाह सुचारू रूप से संचालित होता है।

Easy Way to Remove Pimples in One Day!













Easy Way to Remove Pimples in One Day!

Pimples are small red bumps on the skin with white pus at their tips. It is a normal, everyday skin condition that affect all of us. Pimples generally occur on the face, neck, back and shoulders.
Pimple are caused due to infection of the glands that produces oil in the skin. Although pimples are not critical health condition, but it can spoil the facial look and feel due to it’s appearance.

Below are the 10 simple ways to remove pimples.

ICE
Ice can be effective in removing pimples. Applying ice can helps in improving blood circulation to the affected area and in freezing the skin pores. Ice helps reduce inflammation or swelling caused by pimples.

LEMON
Lemon juice is citric acid which is very rich in vitamin C. Lemon juice has many benefits for skin. It can help pimples dry up faster and reduce it’s redness. All you need to do is dip a clean cotton swab in fresh lemon juice and apply it to the pimples.

HONEY
Honey is a natural antiseptic that can prevent the growth of bacteria and speed up the healing process. Honey also has anti-inflammatory properties that can prevent the swelling and redness caused by pimples. Just dip and clean cotton swab in honey, put it directly on the affected area and leave it on for half an hour. Wash the skin well with lukewarm water.

TOOTHPASTE
Toothpaste is strange but effective remedy to reduce pimples. It can be used as an emergency pimple-treatment. Using toothpaste can help to dry out pimples and speed up the healing process. You must use white toothpaste and not the gel toothpaste. Apply some toothpaste over the affected skin area before going to bed. Wash your face with water in the morning and you will see a significant improvement in the swelling.

STEAM
Steaming is very good for your skin at any time. Steaming your face can open your pores and helps to remove oils, dirt and bacteria trapped in the pores which can cause infection or inflammation.
Fill a large container with steaming water and place your face close enough to allow the steam to come in contact with your face for a few minutes. Rinse your face with lukewarm water. After drying, apply an oil-free moisturizer.
This treatment will also leave your skin clean, flushed and glowing.

GARLIC
Garlic has an antiviral, antifungal, antiseptic and antioxidant properties that can help in killing bacteria and fast treatment of pimples. Simply cut a fresh garlic clove into two pieces and rub it on the pimples. Leave it for 5 minutes and wash the skin with lukewarm water. Repeat this process several times a day for the best result.
Eating one raw garlic clove daily can also help purify your blood. But do not to eat too much raw garlic as it can upset the stomach.

BAKING SODA
Baking soda is very good for sensitive skin because it will not cause any kind of skin irritation. Baking soda can help to dry out pimples and removes excess oil from the skin. Mix 1 tps of baking soda with some water or lemon juice to make a think paste. Apply the paste on the affected areas and let it to dry for a few minutes. Don’t keep it on your skin for longer as it can cause dryness.Wash your face with warm water and apply a moisturizer. Repeat the process twice a day for the best results.

PEPPERMINT
Peppermint is a magical herb that can help remove pimples very fast. Peppermint can help balance the production of excessive oils of the skin by balancing it’s PH levels. The cooling effect of the menthol present in peppermint helps prevent the bacterial growth and reduce the irritation caused by pimples.
Crush some peppermint leaves to extract the juice and apply it on pimples and leave it for 10 minutes.Wash your skin with cold water.
You can also use peppermint oil, which contains many vitamins and essential fatty acids. You can directly apply it on your pimples and massage for few minutes.

CUCUMBER
Cucumber is know for it’s cooling and soothing effect on the skin. It is also rich source of potassium and vitamins such as A, C and E. Grind one cucumber to make a face mask and apply it on your face. Keep it for 15 minutes. Wash your skin with warm water.

PAPAYA
Papaya fruit is a rich source of the antioxidant vitamin A. Papaya can help remove dead skin cells to clear the way for healthy, unclogged pores. Papain, an enzyme that is found in papaya can help reducing inflammation and producing softer, smoother skin. Just crush raw papaya pieces to extract its juice and apply it over the pimples.


Source: interesting-facts

Homemade Face Packs to Remove Tan


















Homemade Face Packs to Remove Tan

Cucumber juice and rose water pack: Apply a mixture of rose water, cucumber juice and a dash of lemon juice once a day. Lemon juice helps reduce the tan while rose water and cucumber work as cooling agents.

Honey and lemon juice pack: Mix two tablespoons of honey with a few drops of lemon juice and apply it on the affected area once or twice in a day. Apply the mixture for a few minutes and wash it off with cold water.

Turmeric pack: One can also prepare a paste adding a pinch of turmeric, lemon juice and raw milk. Apply the mixture properly and wait till it dries. Wash it off with cold water.

Oats and buttermilk pack: Buttermilk soothes and softens the skin. Make a pack by mixing a tablespoon of oats with buttermilk and apply it on your face or body to get rid of tanning. Oats also help in exfoliating the skin so this mixture is extremely beneficial.

Curd and lemon pack: In olden days, granny used to rely on a mixture of gram flour, lime juice and curd to get a glowing skin. But one can use the mixture regularly to get rid of tanning.

Lemon juice pack for body parts: To keep your knees, elbows and other patchy areas smooth and clean, apply fresh lemon juice. Keep it on for at least 15 minutes and wash it off.

Coconut water pack: Fresh coconut water makes the skin soft and fair. Using it twice in a day on hands and face can prove beneficial.

Milk powder and honey pack: Prepare a paste adding equal quantity of milk powder, lemon juice, almond oil and honey. Apply it on the affected portions for at least 20 minutes. It will help reduce tan. 
One can also store it for a week. If you have time, use it thrice a day for better results.

Sugar and lemon pack: Sugar is considered as the best cleansing agent. Apply the mixture of sugar and lemon juice on your face and wash it after 20 minutes. If you have dry skin, then add a few drops of glycerine to the mixture.

हकलाना [Stammering ]










हकलाना [Stammering ]

हकलाकर या अटक -अटक कर बोलना , दोनों का मतलब एक ही है - वाक् शक्ति में गड़बड़ी , जिसमे बोलनेवाला , बोलते-बोलते रुक जाता है , बोले हुए शब्दों को दोहराता है या लम्बा कर के बोलता है | जल्दी-जल्दी शब्दों को पूर्ण रूप से न बोल पाना तथा किसी बात को बोलते समय बार-बार दोहराना या बोलते-बोलते रुक जाना आदि हकलापन या तोतलापन कहलाता है। हकलाने वाले व्यक्ति कुछ अक्षरों जैसे प, ब, ट, ड, ग, क आदि ठीक तरह से नहीं बोल पाते, जिसके कारण शब्दों को बोलने में हकलाना, तुतलाना तथा रुक-रुक कर बोलना आदि परेशानी होने लगती है। कुछ बच्चे या व्यक्ति जीभ मोटी होने के कारण भी तुतलाते रहते हैं।

कारण :
बोलने में काम आने वाली पेशियों के स्नायुओं का नियंत्रण दोषपूर्ण होने से कोई भी शब्द बोलने में रुकावट आती रहती है। जिसके कारण बोलने में तुतलापन या हकलापन उत्पन्न होता है। इस प्रकार के रोग जीभ के अधिक मोटा होने से भी होता है।

हकलाहट के आयुर्वेदिक उपचार

१-हकलाहट दूर करने के लिए 10 बादाम तथा 10 काली मिर्च थोड़ी सी मिश्री के साथ पीसकर प्रातःकाल एक गिलास गर्म दूध के साथ लें ,यह प्रयोग कम से कम दस दिन करें |

२- गाय का घी हकलाहट दूर करने का एक उत्तम उपचार मन जाता है | 3-6 ग्राम घी में प्रतिदिन मिश्री मिलकर सुबह-शाम चाटें और ऊपर से गाय का दूध पियें | लगातार कुछ महीनों तक इसका सेवन करने से हकलाना बंद हो जाता है |

३- बच्चों को एक ताज़ा आंवला प्रतिदिन चबाने के लिए दें | इससे उनकी जीभ पतली और आवाज़ साफ होती है तथा उनका हकलाना और तुतलाना दूर हो जाता है |

४- रात को 10 बादाम पानी में भिगो दें | सुबह उनके छिलके उतार कर पीस लें , और उन्हें 30 ग्राम मक्खन के साथ सेवन करने से भी हकलाहट में लाभ होता है |

जीभ के लिए कुछ व्यायाम।
उज्जायी प्राणायाम भी इसके लिए बहुत बेहतर हैं। 
पेन या पेन्सिल को अपने दोनों जबाड़ो में जितना पीछे हो सके कस कर पकडे और फिर धीरे धीरे बोलने का प्रयत्न करे, कोई लेख पढ़े। 
इन व्यायामों से भी इस रोग पर काबू पाया जा सकता हैं।
और ऐसे व्यक्तियों को चाहिए के वो अपना बोलने का स्टाइल थोड़ा बदले, हमेशा धीरे धीरे शब्दों को चबा चबा कर बोले।

Nail Care Tips


कान का दर्द












कान का दर्द -

गर्मियों में कान के अंदरूनी या बाहरी हिस्से में संक्रमण होना आम बात है| अधिकतर तैराकों को ख़ास-तौर पर इस परेशानी का सामना करना पड़ता है | कान में फुंसी निकलने,पानी भरने या किसी प्रकार की चोट लगने की वजह से दर्द होने लगता है | कान में दर्द होने के कारण रोगी हर समय तड़पता रहता है तथा ठीक से सो भी नहीं पाता| बच्चों के लिए कान का दर्द अधिक पीड़ा भरा होता है | लगातार जुक़ाम रहने से भी कान का दर्द हो जाता है |

कान के दर्द के लिए कुछ घरेलू उपचार

१- तुलसी के पत्तों का रस निकाल लें| कान में दर्द या मवाद होने पर रस को गर्म करके कुछ दिन तक लगातार डालने से आराम मिलता है |

२- लगभग १० मिली सरसों के तेल में ३ ग्राम हींग डाल कर गर्म कर लें | इस तेल की १-१ बूँद कान में डालने से कफ के कारण पैदा हुआ कान का दर्द ठीक हो जाता है |

३- कान में दर्द होने पर गेंदे के फूल की पंखुड़ियों का रस निकालकर कान में डालने से कान का दर्द ठीक हो जाता है |

४- तिल के तेल में लहसुन की काली डालकर गर्म करें,जब लहसुन जल जाए तो यह तेल छानकर शीशी में भर लें | इस तेल की कुछ बूँदें कान में डालने से कान का दर्द समाप्त हो जाता है |

५- अलसी के तेल को गुनगुना करके कान में १-२ बूँद डालने से कान का दर्द दूर हो जाता है |

६- बीस ग्राम शुध्द घी में बीस ग्राम कपूर डालकर गर्म कर लें | अच्छी तरह पकने के बाद ,ठंडा करके शीशी में भरकर रख लें | इसकी कुछ बूँद कान में डालने से दर्द में आराम मिलता है |

चांगेरी (INDIAN SORREL)















चांगेरी
(INDIAN SORREL)
परिचय : चांगेरी भारत वर्ष के सम्पूर्ण उष्ण प्रदेशों में तथा हिमालय में 6,000 फुट की ऊंचाई तक होता है। इस पर फूल और फल वर्ष भर मिलते हैं।
विभिन्न भाषाओं में नाम :
हिन्दी : तिनपतिया
संस्कृत : चांगेरी, अम्लपत्रिका
बंगाली : आमरुल
मराठी : अंबुटी
पंजाबी : खट्टी बूटी, खटमिट्ठा
द्राविड़ी : पुड़िया रै (ई)
कन्नड़ : पुल्लु पुलुचे
गुण : चांगेरी खट्टी, कषैली तथा गर्म होती है। यह कफवातनाशक, पित्तवर्द्धक, सूजन को नष्ट करने वाला, दर्द दूर करने वाला, लेखन, नशा दूर करने वाला, आवाज साफ करने वाला, रुचिकारी, उत्तेजक, यकृतोत्तेजक, ग्राही, रक्तस्तम्भन और बुखारनाशक है। यह विटामिन-सी का भी अच्छा स्रोत है।

स्वरूप : चांगेरी का पौधा बहुत ही छोटा, फैला हुआ 2.5 से 10 इंच तक लम्बा, पत्ते गोल, रोमश तथा बीज विभिन्न गहरे भूरे रंगों के अण्डाकार अनुप्रस्थ धारियों से युक्त होते हैं।

विभिन्न रोंगों का चांगेरी से उपचार :

1. सिर दर्द:- चांगेरी के रस और प्याज के रस को बराबर मात्रा में मिलाकर सिर पर लेप करने से पित्तज सिरदर्द दूर हो जाता है।

2. मसूढ़ों के रोग:- चांगेरी के पत्तों के रस से कुल्ले करने से मसूढ़ों के न मिटने वाले रोग भी मिट जाते हैं।

3. मुंह की दुर्गन्ध: - चांगेरी के 2-3 पत्तों को मुंह में पान की तरह रखने से मुंह की दुर्गंध मिट जाती है।

4. दांतों के रोग:- चांगेरी के सूखे हुए पत्तों से दांतों का मंजन करने से दांतों के रोगों में लाभ होता है।

5. संग्रहणी: - संग्रहणी (पेचिश) रोग में चांगेरी के पंचांग के रस में पीपल मिलाकर उसके रस से चार गुना दही उसमें मिलाकर घी डालकर पका लेना चाहिए यह मिश्रण संग्रहणी (पेचिश) के लिए लाभकारी होता है।

6. पेट का दर्द: - 40 से 60 ग्राम चांगेरी के पत्तों के काढ़े में भुनी हुई हींग और मुरब्बा मिलाकर सुबह-शाम रोगी को पिलाने से पेट दर्द ठीक हो जाता है।

7. आंतरिक जलन:- चांगेरी के 5 से 7 पत्तों को ठण्डाई की तरह घोटकर उसमें मिश्री मिलाकर सुबह-शाम पीने से आंतरिक जलन मिट जाती है।

8. पाचनशक्ति:- अग्निमान्द्य (भूख न लगना) के रोग में चांगेरी के 8-10 पत्तों की कढ़ी बनाकर देने से पाचनशक्ति (भोजन पचाने की क्रिया) ठीक होकर भूख बढ़ जाती है।

9. बवासीर:- *बवासीर के रोग में चांगेरी के पंचांग को घी में पकाकर उसकी सब्जी बनाकर दही के साथ सेवन करने से बवासीर ठीक हो जाती है।

*चांगेरी निशोथ, दन्ती, पलाश, चित्रक इन सभी की ताजी पत्तियों को बराबर मात्रा में लेकर घी में भूनकर, इस सब्जी को दही में मिलाकर शुष्क बवासीर में देना चाहिए। इससे शुष्क बवासीर दूर हो जाती है।"

10. अतिसार (दस्त):- *चांगेरी के 4 से 5 ग्राम रस को दिन में 2 बार पीने से पेचिश और अतिसार (दस्त) के रोग ठीक हो जाते हैं।

*पुरानी पेचिश के रोग में चांगेरी के 4-5 पत्तों को उबालकर मट्ठे या दूध के साथ देने से बहुत लाभ मिलता है।"

11. गुदाभ्रंश (कांच निकलना):- चांगेरी के रस में घी को गर्म करके गुदा पर लेप करने से कांच का निकलना बंद हो जाता है।

12. रक्तस्राव:- चांगेरी के पंचांग के रस की 5-10 मिलीमीटर मात्रा में दिन में 2 बार प्रयोग करने से पतली धमनियों का संकोचन होकर रक्तस्राव (खून का बहना) मिटता है।

13. जलन:- *चांगेरी के 10-15 पत्तों को पानी के साथ पीसकर पोटली बनाकर सूजन पर बांधने से सूजन की जलन मिट जाती है। 

*चांगेरी के पत्तों का लेप छोटे बच्चों के फोड़े-फुन्सियों पर करने से लाभ होता है।"

14. चौथिया ज्वर: - चौथिया ज्वर में चांगेरी के 1 हजार पत्तों को पीसकर 16 गुने पानी में उबालना चाहिए जब यह गाढ़ा हो जाए तो इसमें इतना घी डालें कि यह रबड़ी जैसा हो जाए। इस रबड़ी को 5 से 10 ग्राम की मात्रा में सेवन करने से ज्वर (बुखार) 3 दिन में ठीक हो जाता है।

15. धतूरे का नशा:- चांगेरी के ताजे पत्तों का 20-40 मिलीमीटर रस रोगी को पिलाने से धतूरे का नशा उतर जाता है।

16. बच्चों के दस्त:- चांगेरी के पत्तों को निचोड़कर बने हुए रस को बच्चों को देने से बच्चों को अतिसार (दस्त) से छुटकारा मिल जाता है।

17. आंवरक्त:- चांगेरी (तिनपतिया) की सब्जी रोगी को खिलाने से लाभ होता है। इसको फेंटकर 40 से 80 ग्राम का सेवन करने से आंव में खून का आना बंद हो जाता है।

18. पेट के अन्दर सूजन और जलन:- चांगेरी के पत्तों को पीसकर शर्बत (ठण्डाई) के रूप में पीने से पेट की जलन शांत हो जाती है।

19. फोड़ा:- फोड़ों पर चांगेरी (तिनपतिया) की सब्जी को पीसकर बांधने से उससे होने वाली जलन, दर्द और सूजन खत्म हो जाती है।

20. शरीर में सूजन :- चांगेरी (तिनपतिया) की सब्जी को पीसकर सूजन वाले भाग पर बांधने से सूजन और उससे होने वाला दर्द तथा जलन दूर हो जाती है।

Homemade Hair Oils For Gray Hair











Homemade Hair Oils For Gray Hair

Did you know that you can treat those gray hairs with various oils? Take a look at these great homemade hair oil recipes for curing premature gray hairs.

Use this hair oil for grey hair:

Curry leaves hair oil

Collect a bunch of curry leaves, clean and allow it to dry in hot sun until it turns dark brown and crisp.
Grind it to fine powder.
Mix 4 heaped teaspoons of this curry leaf powder with 200 ml of coconut or olive oil and bring to a boil.
After 2 minutes, switch off the stove and allow the oil to cool down.
Filter the oil and store it in an airtight container.

How to use:

Once or twice in a week, apply this curry leaf hair oil on your scalp and hair. Work out with your finger tips to gently massage in circular motions and allow the oil to sit on your hair and scalp for at least 40 minutes before hair wash. This process eventually darkens the premature gray hair at home  and gives you a dark beautiful hair. Taking a hair stream after this procedure opens up the scalp pores helping the oil penetrate deeper,giving faster results.

Amla overnight treatment:

Amla can also be a great remedy when it comes to darkening of premature gray hairs. It has been widely used among the women around world for ages and you can find some amla ingredient in most of the natural hair dyes too. Let us check an overnight hair oil treatment with amla to get rid of premature gray hair.

Cut fresh amla fruits into small pieces and paste them until smooth. You can add some rose water to grind it.
Add this paste to your regular hair oil and tightly close with a cloth or lid.
Let the amla ingredients soak in your oil for at least a week.
After a week, filter the hair oil and store it in a clean bottle.

How to use:

Every night before going to bed, apply and massage this amla hair oil onto your scalp. If it is mildly heated, the results would be much better. Now wear a shower cap and go to sleep. Wash your hair next morning. This amla treatment can be done daily or in alternate days to see visible results within weeks. You can notice your gray hair strands turning dark.

Tip: Adding curry leaves to your daily diet and avoiding stress would also incredibly help in eliminating gray hairs.

Source: stylecraze.com

Saturday, 29 August 2015

Magic Drink













This is Magic: A Homemade Drink That Improve Your Sight, Turns Gray Hair Back To Its Natural Color

Ingredients:
• 7 oz /200 grams of flaxseed oil
• 4 medium sized lemons
• 3 small cloves of garlic
• 2.2 lbs / 1 kg of honey

Method of preparation: 
• Put the garlic and all the lemons in a blender and mix.
• Remember to peel just two of the lemons before putting them in a blender.
• Add the flaxseed and honey and mix again.
• Place the mixture in a glass bowl and tightly close it with a lid.
• Keep this mixture in the refrigerator.

How to use it: 
Consume one tablespoon of the mixture half an hour before meal. Use wooden spoon only! It is recommended to consume this mixture three times a day.


Source: Sport Online

Friday, 28 August 2015

Exercise You Can Do While Lying Down


सोरायसिस की कुदरती पदार्थों से सफ़ल चिकित्सा


















सोरायसिस की कुदरती पदार्थों से सफ़ल चिकित्सा

सोरायसिस (अपरस), (छालरोग) भयानक चर्म रोग की कुदरती पदार्थों से सफ़ल चिकित्सा
सोरियासिस एक प्रकार का चर्म रोग है जिसमें त्वचा में सेल्स की तादाद बढने लगती है।चमडी मोटी होने लगती है और उस पर खुरंड और पपडियां उत्पन्न हो जाती हैं। ये पपडिया  सफ़ेद चमकीली हो सकती हैं।इस रोग के भयानक रुप में पूरा शरीर मोटी लाल रंग की पपडीदार चमडी से ढक जाता है।यह रोग अधिकतर केहुनी,घुटनों और खोपडी पर होता है। अच्छी बात ये कि यह रोग छूतहा याने संक्रामक किस्म का नहीं है। रोगी के संपर्क से अन्य लोगों को कोई खतरा नहीं है। माडर्न चिकित्सा में अभी तक ऐसा परीक्षण यंत्र नहीं है जिससे सोरियासिस रोग का पता लगाया जा सके। खून की जांच से भी इस रोग का पता नहीं चलता है।
यह रोग वैसे तो किसी भी आयु में हो सकता है लेकिन देखने में ऐसा आया है कि १० वर्ष से कम आयु में यह रोग बहुत कम होता है। १५ से ४० की उम्र वालों में यह रोग ज्यादा प्रचलित है। लगभग १ से ३ प्रतिशत लोग इस बीमारी से पीडित हैं। इसे जीवन भर चलने वाली बीमारी की मान्यता है।

चिकित्सा विग्यानियों को अभी तक इस रोग की असली वजह का पता नहीं चला है। फ़िर भी अनुमान लगाया जाता है कि शरीर के इम्युन सिस्टम में व्यवधान आ जाने से यह रोग जन्म लेता है।इम्युन सिस्टम का मतलब शरीर की रोगों से लडने की प्रतिरक्षा प्रणाली से है। यह रोग आनुवांशिक भी होता है जो पीढी दर पीढी चलता रहता है।इस रोग का विस्तार सारी दुनिया में है। सर्दी के दिनों में इस रोग का उग्र रूप देखा जाता है। कुछ रोगी बताते हैं कि गर्मी के मौसम में और धूप से उनको राहत मिलती है। एलोपेथिक चिकित्सा मे यह रोग लाईलाज माना गया है। उनके मतानुसार यह रोग सारे जीवन भुगतना पडता है।लेकिन कुछ कुदरती चीजें हैं जो इस रोग को काबू में रखती हैं और रोगी को सुकून मिलता है। मैं आपको एसे ही उपचारों के बारे मे जानकारी दे रहा हूं—

१) बादाम १० नग का पावडर बनाले। इसे पानी में उबालें। यह दवा सोरियासिस रोग की जगह पर लगावें। रात भर लगी रहने के बाद सुबह मे पानी से धो डालें। यह उपचार अच्छे परिणाम प्रदर्शित करता है।

२) एक चम्मच चंदन का पावडर लें।इसे आधा लिटर में पानी मे उबालें। तीसरा हिस्सा रहने पर उतारलें। अब इसमें थोडा गुलाब जल और शकर मिला दें। यह दवा दिन में ३ बार पियें।बहुत कारगर उपचार है।

३) पत्ता गोभी सोरियासिस में अच्छा प्रभाव दिखाता है। उपर का पत्ता लें। इसे पानी से धोलें।हथेली से दबाकर सपाट कर लें।इसे थोडा सा गरम करके प्रभावित हिस्से पर रखकर उपर सूती कपडा लपेट दें। यह उपचार लम्बे समय तक दिन में दो बार करने से जबर्दस्त फ़ायदा होता है।

४) पत्ता गोभी का सूप सुबह शाम पीने से सोरियासिस में लाभ होते देखा गया है।प्रयोग करने योग्य है।

५) नींबू के रस में थोडा पानी मिलाकर रोग स्थल पर लगाने से सुकून मिलता है।
नींबू का रस तीन घंटे के अंतर से दिन में ५ बार पीते रहने से छाल रोग ठीक होने लगता है।

६)शिकाकाई पानी मे उबालकर रोग के धब्बों पर लगाने से नियंत्रण होता है।

७) केले का पत्ता प्रभावित जगह पर रखें। ऊपर कपडा लपेटें। फ़ायदा होगा।

८) कुछ चिकित्सक जडी-बूटी की दवा में steroids मिलाकर ईलाज करते हैं जिससे रोग शीघ्रता से ठीक होता प्रतीत होता है। लेकिन ईलाज बंद करने पर रोग पुन: भयानक रूप में प्रकट हो जाता है। ट्रायम्सिनोलोन स्टराईड का सबसे ज्यादा व्यवहार हो रहा है। यह दवा प्रतिदिन १२ से १६ एम.जी. एक हफ़्ते तक देने से आश्चर्यजनक फ़ायदा दिखने लगता है लेकिन दवा बंद करने पर रोग पुन: उभर आता है। जब रोग बेहद खतरनाक हो जाए तो योग्य चिकित्सक के मार्ग दर्शन में इस दवा का उपयोग कर नियंत्रण करना उचित माना जा सकता है।

९) इस रोग को ठीक करने के लिये जीवन शैली में बदलाव करना जरूरी है। सर्दी के दिनों में ३ लीटर और गर्मी के मौसम मे ५ से ६ लीटर पानी पीने की आदत बनावें। इससे विजातीय पदार्थ शरीर से बाहर निकलेंगे।

१०) सोरियासिस चिकित्सा का एक नियम यह है कि रोगी को १० से १५ दिन तक सिर्फ़ फ़लाहार पर रखना चाहिये। उसके बाद दूध और फ़लों का रस चालू करना चाहिये।

११) रोगी के कब्ज निवारण के लिये गुन गुने पानी का एनीमा देना चाहिये। इससे रोग की तीव्रता घट जाती है।

१२) अपरस वाले भाग को नमक मिले पानी से धोना चाहिये फ़िर उस भाग पर जेतुन का तेल लगाना चहिये।

१४) खाने में नमक वर्जित है।

१५) पीडित भाग को नमक मिले पानी से धोना चाहिये।

१६) धूम्रपान करना और अधिक शराब पीना विशेष रूप से हानि कारक है। ज्यादा मिर्च मसालेदार चीजें न खाएं।

दोस्तों आप कृपया हर पोस्ट को शेयर किया कीजिये। हो सकता हैं आप को आज जिस पोस्ट की ज़रूरत ना हो वो किसी और को बहुत ज़रूरी हो।

नाखूनों की रंगत से जानें अपनी सेहत के बारे में













नाखूनों की रंगत से जानें अपनी सेहत के बारे में….

अगर बदल रहा है नाखूनों का रंग तो समझें कुछ गड़बड़ है!
अक्सर हम अपने नाखूनों को सुंदर और आकर्षक बनाने में जुटे रहते हैं। लेकिन नाखूनों में होने वाले छोटे-मोटे बदलावों पर हमारा ध्यान नहीं जाता। जबकि नाखूनों के लक्षण हेल्थ की कहानी कहते है

जब आपके नाखून लम्बे होने के बाद उंगलियों की तरफ ही मुड़ने लगें, तो इसे नेल क्लबिंग कहते हैं। कई बार शरीर में ऑक्सीजन की कमी से नाखूनों को यह शेप मिलती है। अगर नाखून ड्राई और नाजुक हैं तो यह नाखूनों पर बहुत ज्यादा केमिकल्स के प्रयोग की वजह से हो रहा है। यह कई तरह के लंग कार्डियोवस्कुलर से जुड़ी बीमारी की तरफ भी इशारा करते हैं।

नाखून पर एक से ज्यादा सफेद धारियां किडनी से जुड़ी बीमारियों और शरीर में पोषक तत्वों की कमी की ओर इशारा करती हैं।

इसी तरह अगर नाखून बहुत सॉफ्ट हैं और अंदर से खोखले नजर आते हैं, तो यह लीवर संबंधी समस्या या फिर शरीर में आयरन की कमी का संकेत माना जाता है। आयरन की कमी से नाखून टूटने भी लगते हैं।

नाखूनों में चमक भी जरूरी है। अगर नाखूनों में चमक न हो, तो समझ लें कि आपको एनीमिया की समस्या है। इस तरह के नाखून वालों को डायबिटीज और लीवर से जुड़ी समस्याएं होने की भी संभावना होती हैं।

काली रेखा या धब्बे नाखूनों पर नजर आ रहे हैं, तो आपको मेलेनोमा हो सकता है। इस तरह के धब्बे आमतौर पर किसी एक ही नाखून पर या पैर के नाखून में देखने को मिलते हैं।

हल्का नीला रंग 

अगर आपके नाखूनों का रंग हल्का नीला पड़ गया है, तो यह शरीर को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन न मिलने का संकेत है। आपको फेफड़ों की समस्या हो सकती है।

फीके नाखून…

अगर आपके नाखूनों का रंग फीका पड़ गया है और वो बहुत ही बुरे या भयानक दिख रहे हैं तो आपको एनीमिया और खून की कमी की शिकायत हो सकती है। ऐसे में आयरन लेने की बेहद जरूरत है। आहार में हरी पत्तेदार सब्जियां, बीनस शामिल करना चाहिए। फीके रंग के नाखून डायबिटीज और लिवर से जुड़ी बीमारियों की ओर भी इशारा करते हैं।

सफेद नाखून…

कई बार नाखूनों पर सफेद धब्बे दिखाई देते हैं। धीरे-धीरे नाखूनों पर सफेद धब्बे इतने बढ़ जाते हैं कि नाखून सफेद दिखने लगते हैं। यह धब्बे शरीर में जिंक और विटामिन बी की कमी को दर्शाते हैं। चना इन दोनों का बड़ा ही बेहतर स्त्रोत है। ज्वार, बाजरा से भी इसकी कमी को पूरा किया जा सकता है। सफेद रंग के नाखून लिवर से संबंधित बीमारियों जैसे हेपेटाइटिस की ओर भी इशारा करते हैं।

पीले नाखून…

पीले पड़ते नाखून अगर मोटे भी हो रहे हैं, तो सतर्क हो जाएं, क्योंकि यह फंगल इंफेक्शन का लक्षण है। ऐसे में नाखून कमजोर होकर टूटने भी लगते हैं। ये थायरॉयड, डायबिटीज, सिरोसिस और फेफड़ों से संबंधित जैसी गंभीर बीमारियों का लक्षण हो सकते हैं। अगर नाखूनों का रंग पीला है या उनकी पर्त सफेद है, तो यह शरीर में एनीमिया का लक्षण है। नाखूनों का पीलापन पीलिया के लक्षण को भी बताता है।

सबसे अहम बात यह कि आपका आहार ही आपके नाखूनों की सही पहचान है। अच्छे नाखूनों के लिए आपकी डाइट में कैल्शियम की मात्रा अधिक होनी चाहिए। सबसे पहले नाखूनों पर एक हफ्ते से ज्यादा देर के लिए नेल पॉलिश को न लगा रहने दें। अगर नेल पॉलिश ज्यादा समय के लिए नाखून पर रहती हैं तो वह नाखूनो की सतह को खराब बना देती है। साथ ही नाखून बदरंग और अस्वस्थ्य हो जाते हैं।

क्यूटिकल्स को साफ रखें। ये नाखूनों के दोनों ओर होते हैं, जिनमें गंदगी तब जाती हैं। यह इतने प्रभावशाली होते हैं कि इसकी वजह से नाखून सड़ भी जाते हैं। इसलिए समय-समय पर क्यूटिकल्स को काटते रहें।

सेहतमंद शरीर का आईना होते हैं हमारे नाखून, इन पर जरूर गौर करें…