Thursday, 13 March 2014

शहद का सेवन करने के नियम


















शहद का सेवन करने के नियम

शहद कभी खराब नहीं होता . यह पका पकाया भोजन है और तुरंत ऊर्जा देने वाला है , पर इसे लेते समय कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए |

- अमरुद , गाना , अंगूर और खट्टे फलों के साथ शहद अमृत के सामान है |

- चाय कॉफ़ी के साथ शहद ज़हर के सामान है |

- शहद को आग पर कभी ना तपाये |

- मांस -मछली के साथ शहद का सेवन ज़हर के सामान है |

- शहद में पानी या दूध बराबर मात्रा में हानि कारक है |

- चीनी के साथ शहद मिलाना अमृत मेंज़हर मिलाने के सामान है |

- एक साथ अधिक मात्रा में शहद लेनासेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है .दिन में २ या ३ बार एक चम्मच शहद लें |

- घी , तेल , मक्खन में शहद ज़हर के सामान है |

- शहद खाने से कोई परेशानी महसूस हो तो निम्बू का सेवन करें |

- समान मात्रा में घी और शहद ज़हर होता है |

- अलग अलग वृक्षों पर लगे छत्तों में प्राप्त शहद के अलग अलग औषधीय गुण होंगे . जैसे नीम पर लगा शहद आँखों के लिए , जामुन का डायबिटीज़ और सहजन का ह्रदय , वात और रक्तचाप के लिए अच्छा होता है |

- शीतकाल या बसंतऋतु में विकसित वनस्पति के रस में से बना हुआ शहद उत्तम होता है और गरमी या बरसात में एकत्रित किया हुआ शहद इतना अच्छा नही होता है। गांव या नगर में मुहल्लों में बने हुए शहद के छत्तों की तुलना में वनों में बनें हुए छत्तों का शहद अधिक उत्तम माना जाता है।

- शहद पैदा करनें वाली मधुमक्खियों के भेद के अनुसार वनस्पतियों की विविधता केकारण शहद के गुण, स्वाद और रंग मेंअंतर पड़ता है।

- शहद सेवन करने के बाद गरम पानी भी नहीं पीना चाहिए।

- मोटापा दूर करने के लिए गुनगुने पानी में और दुबलापन दूर करने के लिए गुनगुने दूध के साथ ले |

- अधिक धुप में शहद ना दे . गरमी से पीड़ित व्यक्ति को गरम ऋतु में दिया हुआ शहद जहर की तरह कार्य करता है।

- शहद को जिस चीज के साथ लिया जाये उसी तरह के असर शहद में दिखाई देते है। जैसे गर्म चीज के साथ लें तो- गर्म प्रभाव और ठंडी चीज के साथ लेने से ठंडा असर दिखाई देता है। इसलिए मौसम के अनुसार वस्तुएं शहद के साथ ले |

- ज्यादा मात्रा में शहद का सेवन करने से ज्यादा हानि होती है। इससे पेट में आमातिसार रोग पैदा हो जाता है और ज्यादा कष्ट देता है। इसका इलाज ज्यादा कठिन है। फिर भी यदि शहद के सेवन से कोई कठिनाई हो तो 1 ग्राम धनिया का चूर्ण सेवन करके ऊपर से बीस ग्राम अनार का सिरका पी लेना चाहिए।
-बच्चे बीस से पच्चीस ग्राम और बड़े चालीस से पचास ग्राम से अधिक शहद एक बार में न सेवन करें। लम्बे समय तक
अधिक मात्रा में शहद का सेवन न करें।

- चढ़ते हुए बुखार में दूध, घी, शहद का सेवन जहर के तरह है।

-यदि किसी व्यक्ति ने जहर या विषाक्त पदार्थ का सेवन कर लिया हो उसे शहद खिलाने से जहर का प्रकोप एक-दम बढ़कर मौत तक हो सकती है।शहद का सेवन करने के नियम -----
शहद कभी खराब नहीं होता . यह पका पकाया भोजन है और तुरंत ऊर्जा देने वाला है , पर इसे लेते समय कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए |

- अमरुद , गाना , अंगूर और खट्टे फलों के साथ शहद अमृत के सामान है |

- चाय कॉफ़ी के साथ शहद ज़हर के सामान है |

- शहद को आग पर कभी ना तपाये |

- मांस -मछली के साथ शहद का सेवन ज़हर के सामान है |

- शहद में पानी या दूध बराबर मात्रा में हानि कारक है |

- चीनी के साथ शहद मिलाना अमृत मेंज़हर मिलाने के सामान है |

- एक साथ अधिक मात्रा में शहद लेनासेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है .दिन में २ या ३ बार एक चम्मच शहद लें |

- घी , तेल , मक्खन में शहद ज़हर के सामान है |

- शहद खाने से कोई परेशानी महसूस हो तो निम्बू का सेवन करें |

- समान मात्रा में घी और शहद ज़हर होता है |

- अलग अलग वृक्षों पर लगे छत्तों में प्राप्त शहद के अलग अलग औषधीय गुण होंगे . जैसे नीम पर लगा शहद आँखों के लिए , जामुन का डायबिटीज़ और सहजन का ह्रदय , वात और रक्तचाप के लिए अच्छा होता है |

- शीतकाल या बसंतऋतु में विकसित वनस्पति के रस में से बना हुआ शहद उत्तम होता है और गरमी या बरसात में एकत्रित किया हुआ शहद इतना अच्छा नही होता है। गांव या नगर में मुहल्लों में बने हुए शहद के छत्तों की तुलना में वनों में बनें हुए छत्तों का शहद अधिक उत्तम माना जाता है।

- शहद पैदा करनें वाली मधुमक्खियों के भेद के अनुसार वनस्पतियों की विविधता केकारण शहद के गुण, स्वाद और रंग मेंअंतर पड़ता है।

- शहद सेवन करने के बाद गरम पानी भी नहीं पीना चाहिए।

- मोटापा दूर करने के लिए गुनगुने पानी में और दुबलापन दूर करने के लिए गुनगुने दूध के साथ ले |

- अधिक धुप में शहद ना दे . गरमी से पीड़ित व्यक्ति को गरम ऋतु में दिया हुआ शहद जहर की तरह कार्य करता है।

- शहद को जिस चीज के साथ लिया जाये उसी तरह के असर शहद में दिखाई देते है। जैसे गर्म चीज के साथ लें तो- गर्म प्रभाव और ठंडी चीज के साथ लेने से ठंडा असर दिखाई देता है। इसलिए मौसम के अनुसार वस्तुएं शहद के साथ ले |

- ज्यादा मात्रा में शहद का सेवन करने से ज्यादा हानि होती है। इससे पेट में आमातिसार रोग पैदा हो जाता है और ज्यादा कष्ट देता है। इसका इलाज ज्यादा कठिन है। फिर भी यदि शहद के सेवन से कोई कठिनाई हो तो 1 ग्राम धनिया का चूर्ण सेवन करके ऊपर से बीस ग्राम अनार का सिरका पी लेना चाहिए।
-बच्चे बीस से पच्चीस ग्राम और बड़े चालीस से पचास ग्राम से अधिक शहद एक बार में न सेवन करें। लम्बे समय तक
अधिक मात्रा में शहद का सेवन न करें।

- चढ़ते हुए बुखार में दूध, घी, शहद का सेवन जहर के तरह है।

-यदि किसी व्यक्ति ने जहर या विषाक्त पदार्थ का सेवन कर लिया हो उसे शहद खिलाने से जहर का प्रकोप एक-दम बढ़कर मौत तक हो सकती है।

No comments:

Post a Comment

Note: only a member of this blog may post a comment.